इंदौर में पहली बार 5000 महिलाओं ने एक साथ, एक समय और एक स्थान पर तलवारबाजी का सामूहिक प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने ऐसे आयोजन के लिए संस्थान को 5 लाख रूपये देने की घोषणा की. मां अहिल्या और रानी दुर्गावती की गौरवशाली विरासत को और भी समृद्ध किया है. नारी, शक्ति ने अपने शौर्य का प्रदर्शन करते हुए प्रदेश के नाम एक और विश्व रिकॉर्ड दर्ज करा दिया. ये रिकॉर्ड दर्ज हुआ तलवारबाजी के प्रदर्शन से. इस मौके पर खूब आतिशबाजी की गई. सीएम डॉ. मोहन यादव ने तारीफ भी की.
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को इंदौर में नारी शक्ति के तलवारबाजी के वर्ल्ड रिकार्ड कार्यक्रम “शौर्य वीरा” में पहुंचे. उन्होंने 5 हजार से अधिक महिलाओं और बालिकाओं को जोश और जुनून के साथ तलवारबाजी करते हुए देखा. जोश और जज्बात से भरे इस समारोह को देखकर मुख्यमंत्री मोहन यादव खुद को रोक नहीं सके.
नारी शक्ति के जोश और जुनून को देख मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी शस्त्रकला प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री ने दोनों हाथों में तलवार थामी और सांकेतिक रूप से शस्त्र कला का प्रदर्शन भी किया. उन्होंने दोनों हाथों से तलवारबाजी के हुनर दिखाये.
अनमोल मुस्कान वेलफेयर सोसायटी की पहल
यह कार्यक्रम अनमोल मुस्कान वेलफेयर सोसायटी इंदौर की ओर से आयोजित किया गया था. इसका मकसद महिलाओं की आत्मरक्षा के गुर सिखाना और अन्य महिलाओं तथा युवतियों को प्रोत्साहित करना था.
इस कार्यक्रम की अनोखी बात ये रही कि देश में पहली बार 5 हजार महिलाओं ने एक साथ एक समय और एक स्थान पर तलवारबाजी का सामूहिक प्रदर्शन किया. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इस तरह के आयोजन के लिए आयोजक संस्था को 5 लाख रूपये देने की घोषणा भी की.
उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम नारी सशक्तिकरण की अद्वितीय पहल और अनूठा उदाहरण है. मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर वह है जिसका “न कोई ओर न कोई छोर” है, जो करता है अद्भुत करता है.
1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में पैसे ट्रांसफर
इसके अलावा आज इंदौर में ‘प्रदेश की 1.29 करोड़ लाड़ली बहनों के खातों में 18वीं किस्त का अंतरण और सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के हितग्राहियों, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना व पात्र लाड़ली बहना हितग्राहियों को सिलिंडर रीफिल की अनुदान राशि का सिंगल क्लिक के माध्यम से अंतरण कार्यक्रम’ भी संपन्न किया गया.
उन्होंने कहा कि हमारी बहनें, बेटियां और माताएं शक्ति का साक्षात स्वरूप हैं. आज कार्यक्रम में बहनों ने तलवारबाजी का प्रदर्शन कर जिस अदम्य साहस का परिचय दिया, उससे अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं.मुख्यमंत्री ने कहा कि लाड़ली बहनों को कंधे से कंधा मिलाकर परिवार की जिम्मेदारी निभाते और आत्मनिर्भरता की सीढ़ी चढ़ते देख मुझे अपने जीवन की सार्थकता का बोध होता है. हम प्रदेश की सभी बहनों की खुशहाली के लिए निरंतर कार्यरत रहेंगे.
नारी, शक्ति का प्रतीक है. इनमें अदम्य साहस है. यदि वो निर्माण कर सकती है, तो अपने शौर्य से शत्रुओं का संहार भी कर सकती है. आज कुछ ऐसा ही ऐतिहासिक नजारा दिखा है, इंदौर शहर के नेहरू स्टेडियम में तलवारबाजी के दौरान. तलवारबाजी के प्रदर्शन के चित्र देखकर ये साफ हो गया है कि मध्य प्रदेश की बेटियां आत्मरक्षा और राष्ट्ररक्षा के लिए जरूरत पड़ने पर शस्त्र भी चलाने में सक्षम हैं.
आतिशबाजी करके मनाया गया रिकॉर्ड का जश्न
इस दौरान भव्य आतिशबाजी भी की गई.
शनिवार का दिन इंदौर समेत पूरे देश के लिए खास उस वक्त हो गया, जब 5000 से अधिक महिलाओं ने एक साथ तलवारबाजी करते हुए सबका ध्यान अपनी ओर आकर्षित किया. ये विश्व रिकॉर्ड बनेत ही इंदौर वासियों का शीष एक बार फिर से गर्व से उठ गया. वैसे तो इंदौर के नाम पहले से ही कई बड़े रिकॉर्ड दर्ज हैं. आज उसी क्रम में एक और ऐतिहासिक विश्व रिकॉर्ड दर्ज हो गया. इस दौरान भव्य आतिशबाजी भी की गई.
‘हमारी देवियों ने अहिल्या की नगरी से हुंकार भरी है’
इंदौर में तलवारबाजी के प्रदर्शन के दौरान का समूह चित्र.
कार्यक्रम में पहुंचे मध्य प्रदेश के मुखिया सीएम डॉ. मोहन यादव ने तलवारबाजी के खूबसूरत दृश्य की तारीफ करने से खुद को नहीं रोक पाएं. सीएम ने कार्यक्रम के दौरान कहा- आज का दिन इंदौर क्या, मध्य प्रदेश क्या,पर पूरे देश में जाना जाएगा. हमारी देवियों ने अहिल्या की नगरी से हुंकार भरी है. उन सबको नमन और अभिनंदन है. इस आयोजन के लिए आयोजनकर्ताओं को 5 लाख रुपए देने की घोषणा करता हूं. ताकि इस प्रकार की आयोजनों के लिए प्रोत्साहन मिलता रहे.
‘पराक्रम का झंडा बुलंद’
सीएम ने कहा- रानी दुर्गावती के 500 वां वर्ष, रानी अहिल्याबाई के 300 वां वर्ष और पिछले 500 साल में हमारे मध्य प्रदेश की बेटियों ने अपने तलवार से जो पराक्रम दिखाया उसका लघुरूप आज सामने मौजूद है.आज बहनों को तलवारबाजी करते देख यह एहसास हुआ अगर हमारे देश के अंदर बहन बेटियों की अपनी आस्था, उनका विश्वास, श्रद्धा और नारी सशक्तिकरण का स्वर्णिम तीत अगर कहीं है, तो हमारे भारत में है.आकाश में अनंत ऊंचाइयों की तरफ जाने वाली आतिशबाजी आपका गौरव के आपके पराक्रम के झंडा बुलंद कर रहे थे.