अभी हाल ही में 13 दिसंबर को जेल प्रहरी वन रक्षक और उपनिरीक्षक का परीक्षा परिणाम आया यह परिणाम 20 महीने बाद आया है।परिणाम ने हम सब को चौका दिया । जेल प्रहरी वन रक्षक और उपनिरीक्षक भर्ती में धांधली हुई है इसमें 100 अंक के पेपर में 101.66 अंक कैसे मिले ? जो छात्र दूसरी परीक्षा में पास तक नहीं हुआ वह टॉप कर गया । इस लिए छात्रों ने इस परीक्षा परिणाम में संदेह व्यक्त किया।
इस तरह का भ्रष्टाचार मध्यप्रदेश में पहली बार नहीं हुआ है । एक तो भर्ती नहीं आती है और आती है तो उसमें भ्रष्टाचार हो जाता है। भ्रष्टाचार के दोषी खुले आम घूम रहे है । आज तक किसी को कोई सजा तक नहीं हुई । प्राइबेट कम्पनीयो परीक्षा कराने की जिम्मेदारी दी जाती है प्राइवेट कॉलेजों को परीक्षा सेंटर बनाया जाता है । नार्मलाइजेशन के नाम पर यह भ्रष्टाचार होता है। ज्ञापन में छात्रों ने मांग की है कि सरकार परीक्षा कराने की जिम्मेदारी सरकार अपने हाथ में ले, नार्मलाइजेशन की प्रक्रिया को बंद किया जाए, दोषियों को सख्त से सख्त सजा दी जाए और सरकारी विभागों में खाली पड़े पदों को तुरंत भरा जाए ।