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 मेट्रो को लेकर वर्क ऑर्डर जारी होने के बाद फिर यू टर्न

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इंदौर

अंडरग्राउंड मेट्रो को लेकर एक बार फिर जिम्मेदार पुनर्विचार करने जा रहे हैं। सोमवार को नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की अगुआई में हुई खुली बैठक में जनप्रतिनिधियों, अफसरों और मेट्रो रूट से प्रभावित सभी पक्षों को सुना गया। इसके बाद एमजी रोड पर अंडरग्राउंड मेट्रो को लेकर तीन नए विकल्प रखे गए हैं। मेट्रो कॉर्पोरेशन के अधिकारी एक महीने में सर्वे कर रिपोर्ट पेश करेंगे, उसके बाद आगे की योजना तय होगी। हालांकि रोबोट चौराहे से आगे एमजी रोड तक टेंडर फाइनल होकर वर्क ऑर्डर जारी हो चुके हैं। अंडर ग्राउंड ट्रैक के लिए भी टेंडर जारी होकर टेक्निकल विडिंग चल रही है। अगस्त तक फाइनल करने का लक्ष्य था। बैठक में लिए निर्णय के बाद ये प्रक्रिया रुक जाएगी। बैठक में पूर्व लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, सांसद शंकर लालवानी, महापौर पुष्यमित्र भार्गव समेत सभी विधायक, एमआईसी सदस्य व जन संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा, मेट्रो निर्माण में देरी चलेगी, लेकिन शहर को सजा नहीं दे सकते।

एयरपोर्ट

3 किमी अंडर ग्राउंड रूट व लागत 300 करोड़ बढ़ेगी

अभी जो 3.68 किमी का ट्रैक बंगाली से रेलवे स्टेशन तक एलिवेटेड है, उसे भी पूरा अंडर ग्राउंड करना होगा। एलिवेटेड ट्रैक की लागत 100 करोड़, जबकि अंडर ग्राउंड की 200 करोड़ प्रति किमी होगी। स्टेशन भी डेढ़ गुना महंगे होंगे। इसमें 2-3 किमी का अंडरग्राउंड ट्रैक बढ़ सकता है। स्टेशन सहित 300-400 करोड़ की लागत बढ़ सकती है।

एलिवेटेड व अंडरग्राउंड ट्रैक की लंबाई बढ़ जाएगी

इसके लिए मेट्रो को रिंग रोड पर पीपल्याहाना तक ले जाना होगा। बंगाली से कृषि कॉलेज तक 3.3 किमी एलिवेटेड ट्रैक बढ़ जाएगा। कृषि कॉलेज से मेट्रो को अंडरग्राउंड किया जाता है तो एमवाय, आरएनटी होते हुए रीगल तक 2.8 किमी अंडरग्राउंड ट्रैक बढ़ेगा। 3-4 किमी नया रूट बनने से लागत 600 करोड़ से ज्यादा बढ़ जाएगी। नए एलिवेटेड और अंडरग्राउंड स्टेशन भी बनाने पड़ेंगे।

एयरपोर्ट वङ्गा गणपति

आधा किमी कम हो जाएगा अंडरग्राउंट रूट

इस विकल्प में मौजूदा प्रोजेक्ट से भी लागत कम होगी। अभी का अंडरग्राउंड मेट्रो रूट 8.7 किमी का है। • प्रस्तावित रूट से मेट्रो पलासिया गिटार चौराहे से जंजीरावाला चौराहे और एसजीएसआईटीएस से अंडरग्राउंड सुभाष मार्ग जा सकती है। इससे अंडरग्राउंड दूरी आधा किमी कम होगी। नए रेलवे स्टेशन से सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी।

सीधी बात

अब फिर नए सिरे से मौजूदा प्लान में सबसे यदि ठीक नहीं था तो जो हजारों करोड़ लगा अब इन विकल्पों का

कैलाश विजयवर्गीय,नगरीय प्रशासन मंत्री

सबकुछ क्यों?

बड़ी गड़बड़ी क्या है?

अंडरग्राउंड ले जाते हैं तो कम

से कम 70-80 फीट जगह तो

लगेगी। इसके बाद क्या एमजी

रोड चलने लायक रह पाएगा।

शाम को दो बार में रीगल और

तीन बार में पलासिया चौराहा

क्रॉस हो पाता है। मेट्रो के बाद

क्या स्थिति होगी।

तब क्यों नहीं सोचा गया?

चुके उनका क्या होगा?

क्या करेंगे?

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