108 किलोमीटर के ग्रीन रिंग कॉरिडोर के साथ सेटेलाइट टाउन भी विकसित करेगा प्राधिकरण
इंदौर। विजन-2047 की तैयारी महत्वपूर्ण विभागों द्वारा शुरू की गई है। कलेक्टर (आशीष सिंह ने कल प्राधिकरण, नगर निगम, परिवहन विभाग और एमपीआईडीसी के साथ 23 साल बाद का इंदौर (indore) कैसा होगा, इसको लेकर चर्चा की और विभागों द्वारा तैयार किए गए प्रजेंटेशन को भी देखा, जिसमें नगर निगम ने 60 लाख से अधिक की आबादी के मान से नर्मदा परियोजना, सीवरेज, स्टार्म वॉटर लाइन सहित अन्य की जानकारी दी, तो प्राधिकरण ने अपना विजन प्रस्तुत करते हुए 108 किलोमीटर के ग्रीन रिंग कॉरिडोर के साथ सेटेलाइट टाउन विकसित करने की योजना बताई। फिलहाल प्राधिकरण 10 टीपीएस पर भी काम कर रहा है।
अभी लोकसभा चुनाव की आचार संहिता हालांकि 6 जून तक लागू रहेगी, जिसमें नए टेंडर या काम नहीं हो सकते। मगर पहले से चल रहे प्रोजेक्टों के साथ-साथ अब विभागीय समीक्षाएं भी शुरू हो गई है। खुद मुख्यमंत्री ने परसों सिंहस्थ-2028 की तैयारियों को लेकर बैठक बुलाई, जिसमें उज्जैन के साथ-साथ इंदौर में क्या-क्या काम होना है उसकी भी चर्चा की गई। दूसरी तरफ कल कलेक्टर आशीष सिंह ने विजन डॉक्यूमेंट 2047 की बैठक में संबंधित विभागों से उनकी कार्य योजना पर चर्चा की। दरअसल इंदौर का मास्टर प्लान भी तैयार होना है। उसके लिए भी यह विजन डॉक्यूमेंट उपयोगी साबित होगा। निगमायुक्त शिवम वर्मा, अपर आयुक्त सिद्धार्थ जैन, अभय राजनगांवकर, मनोज पाठक सहित अन्य ने हर वार्ड में सिटी फॉरेस्ट, ओवरब्रिज, मेट्रो रेल प्रोजेक्ट पर वर्टिकल गार्डन के साथ-साथ निगम सीमा में शामिल 29 गांवों में मूलभूत सुविधाओं को विकसित करने के अलावा आने वाले 25 सालों में शहर को कितने पानी की आवश्यकता होगी उसकी भी जानकारी दी गई। अभी नर्मदा के तीन चरण से इंदौर को पानी मिलता है, तो अमृत योजना के तहत निगम ने नर्मदा के चौथे चरण की भी प्लानिंग कर ली है, जिसमें 645 एमएलडी पानी अतिरिक्त रूप से मिलेगा। इसके अलावा स्वच्छता, सीवरेज, रोड नेटवर्क, स्टार्म वॉटर लाइन सहित अन्य प्रोजेक्टों की भी जानकारी दी गई, तो एमपीआईडीसी की ओर से बैठक में मौजूद विभागीय अधिकारी सपना जैन ने पीथमपुर इंडस्ट्रीयल बेल्ट के साथ-साथ इंदौर-पीथमपुर कॉरिडोर सहित अन्य योजनाएं बताई, तो इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ आरपी अहिरवार ने अपने प्रजेंटेशन में जहां प्रस्तावित स्टार्टअप पार्क और कन्वेंशन सेंटर की जानकारी तो दी ही, साथ ही 108 किलोमीटर ग्रीन रिंग कॉरिडोर का प्रोजेक्ट भी बताया। श्री अहिरवार के मुताबिक शहर की आबादी तेजी से बढ़ रही है। लिहाजा उसके चारों तरफ यह ग्रीन रिंग कॉरिडोर विकसित किया जा सकता है, जिससे यातायात तो सुगम होगा ही, वहीं उस पर भरपूर हरियाली के तहत देसी प्रजाति के तहत घने पेड़ लगाए जाएंगे।