शाजापुर के तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी, उनकी पत्नी, बेटियों और समधन की 1.28 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति राजसात होगी। इंदौर की स्पेशल कोर्ट ने शनिवार को यह आदेश दिया। मामला भ्रष्टाचार कर आय से अधिक संपत्ति हासिल करने का है। लोकायुक्त ने सोनी के खिलाफ 2011 में केस दर्ज किया था। खास बात यह है कि पूर्व डिप्टी कलेक्टर का निधन हो चुका है।
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि भ्रष्टाचार समाज और परिवार के लिए खतरनाक है। यह भ्रष्ट आचरण प्रभावित व्यक्ति के जीवन पर्यंत और मृत्यु के बाद भी उसके कार्यों से दिखाई देता है। ऐसा कृत्य निंदनीय होकर उदारता के योग्य नहीं होता है। जैसे मछली पानी में रहते हुए कब पानी पीती है या नहीं पीती है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। उसी प्रकार सरकारी सेवक सेवा के दौरान कब अपने पद का दुरूपयोग कर सकता है या नहीं इसका अंदाजा लगाना भी कठिन होता है।
लोक अभियोजक पद्मा जैन ने बताया कि लोकायुक्त संगठन उज्जैन 2011 में डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत केस दर्ज किया था जो विचाराधीन है। इसमें सोनी द्वारा अर्जित 1.77 करोड़ रु. की राशि मध्यप्रदेश शासन के पक्ष में करने के लिए एक आवेदन पत्र धारा 13(1) के तहत स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया था। इस शिकायत का उज्जैन डीएसपी ओपी सागोरिया द्वारा सत्यापन कराया तो मामला सही पाया। इसमें पाया गया कि हुकुमचंद सोनी द्वारा अपने अधिकारों का अवैध लाभ अर्जित कर पत्नी व बेटियों के नाम पर मकान, प्लॉट, वाहन आदि खरीदकर लगातार भ्रष्टाचार किया गया। इस तरह अपने आय के ज्ञात स्त्रोतों से अधिक की संपत्ति एकत्र की गई। अब आदेश के बाद तत्कालीन डिप्टी कलेक्टर हुकुमचंद सोनी (64), उनकी पत्नी सुषमा, बेटी अंजलि, सोनालिका, प्रीति, सरिता, प्रमिला (मृत) और रेखा वर्मा पति भरत कुमार वर्मा (सोनालिका की सास) और दामाद अजय वर्मा की संपत्ति राजसात की जानी है।