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भोपाल के इज्तिमा में देशभर से 10 लाख लोग ,300 एकड़ से ज्यादा एरिया में मिनी शहर

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भोपाल

मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल का ईंटखेड़ी मिनी शहर की तरह तैयार हो रहा है। यहां 18 से 21 नवंबर तक देशभर से करीब 10 लाख लोग जुटेंगे। इज्तिमे के लिए ईंटखेड़ी के घासीपुरा में पिछले 2 महीने से मिनी शहर बसाया जा रहा है। ये 73वां इज्तिमा है। 300 एकड़ से ज्यादा एरिया में बड़े पंडाल बनाए गए हैं। इनमें रहने के इंतजाम किए गए हैं। 17 किलोमीटर लंबी पानी की पाइपलाइन बिछाई गई है। जमातों के लिए साढ़े चार हजार टॉयलेट बनाए गए हैं।

यहां देशभर से जमातें आएंगी। इन्हें सिर्फ वेज खाना मिलेगा। 50 रुपए में खाना, तो 20 रुपए में नाश्ता मिलेगा। प्लास्टिक के डिस्पोजल पूरी तरह से बैन रहेंगे।

सबसे पहले जानते हैं क्या है इज्तिमा
भोपाल में आलमी तब्लीगी इज्तिमा मुस्लिम समुदाय के दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक आयोजनों में से एक है। बताया जाता है कि भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में ही इज्तिमा होता है। भोपाल के इज्तिमे में विदेशी जमातें भी शामिल होती रही हैं, लेकिन पहली बार इस साल विदेशी जमातें नहीं आएंगी। देशभर से ही जमातें आएंगी और चार दिन तक यहां होने वाली धार्मिक तकरीर में शामिल होंगी। मुस्लिम धर्मगुरु तकरीरें (प्रवचन) करेंगे।

भोपाल में ऐसे शुरू हुआ इज्तिमा
इज्तिमा अरबी भाषा का शब्द है। इसका मतलब कई लोगों का एक जगह पर इकट्ठा होना है। भोपाल में इज्तिमा की शुरुआत 1947 में मस्जिद शकूर खां में महज 12 या 14 लोगों के साथ की गई थी। इसके 2 साल बाद इसे ताजुल मस्जिद में किया जाने लगा। जब इसमें आने वाले लोगों की संख्या लाखों में होने लगी और मस्जिद कैम्पस छोटा लगने लगा। फिर इसे साल 2015 में बैरसिया रोड स्थित ईंटखेड़ी के पास घासीपुरा में शिफ्ट कर दिया गया। तब से यह यहीं पर लगाया जा रहा है। इसके लिए 2 महीने पहले से तैयारियां शुरू कर दी जाती हैं। बड़े-बड़े डोम, टेंट समेत वजूखाने, टॉयलेट, पानी-सीवेज लाइन और बिजली के इंतजाम शुरू कर दिए जाते हैं। इस बार भी सारे इंतजाम हो चुके हैं।

…इसलिए सिर्फ वेज खाना बनेगा
देश के सबसे साफ शहरों की लिस्ट में भोपाल 6वें पायदान पर है, इसलिए इज्तिमे में सफाई को लेकर सीख दी जाएगी। लिहाजा, नॉनवेज खाना नहीं मिलेगा। चार दिन तक सिर्फ वेज खाना ही परोसा जाएगा। खाने में वेज पुलाव, सब्जी-रोटी, दाल-चावल मिलेंगे, नाश्ते में पाव-भाजी, हलवा और चाय मिलेगी। पीने के पानी की भी व्यवस्था रहेगी। पिछले इज्तिमे में भी यह प्रयास किया गया था।

दो साल से नहीं हुआ था आयोजन
कोरोना के चलते पिछले 2 साल से आलमी तब्लीगी इज्तिमे का आयोजन नहीं हो सका था। इज्तिमा कमेटी के आरिफ गौहर ने बताया कि 18 नवंबर की सुबह इज्तिमा शुरू हो जाएगा, जो 21 नवंबर तक चलेगा। इस बार विदेशी जमातें शिरकत नहीं कर रही हैं। देशभर में कई राज्यों से जमातें आएंगी। जमातों को धार्मिक शिक्षा देने कई बड़े उलेमा आएंगे।

अमेरिका, रूस से भी आती हैं जमातें
इज्तिमा के 75 साल (दो साल से आयोजन नहीं) के इतिहास में यह पहली बार होगा कि इसमें विदेशों अमेरिका, रूस, इंडोनेशिया, अफगानिस्तान, नामिबिया, जर्मनी आदि देशों की जमात शामिल नहीं होंगी। तमाम देशों में संक्रमित करने वाली बीमारियों को ध्यान में रखते हुए विदेशी जमातों को नहीं बुलाया गया है।

ये इंतजाम भी रहेंगे

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