इंदौर, । इंस्टाग्राम और वॉट्सऐप पर एड या संपर्क कर वीडियो लाइक कर मुनाफा कमाने के चक्कर में साइबर ठगोरे एक माह में 100 इंदौरियों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा रहे हैं। पहले वे छोटे निवेश करवाकर मुनाफा दिलवाते हैं, फिर बड़ी रकम लगवाकर कहते हैं कि अब दो लाख निवेश करो, तब ही मुनाफा मिलेगा। ऐसी 100 से अधिक शिकायतें एक माह में क्राइम ब्रांच के पास पहुंच रही हैं।
डीसीपी (क्राइम) निमिष अग्रवाल ने बताया कि सबसे अधिक शिकायतें फिलहाल वीडियो लाइक कर मुनाफा कमाने और जॉब के नाम पर ठगी की आ रही हैं। साइबर ठग लोगों से एड के माध्यम से संपर्क करते हैं। पहले एक हजार का निवेश करवाकर 1500 देते हैं, फिर धीरे-धीरे कर 10 हजार रुपए खाते में डलवाकर 12 हजार और फिर मामला एक लाख तक पहुंच जाता है। लोग लालच में एक लाख रुपए खाते में डाल देते हैं। फिर ठग कहते हैं कि अब दो लाख का निवेश करोगे, तब ही मुनाफा मिलेगा। तब तक लोग समझ जाते हैं कि ठगी का शिकार हो गए हैं और क्राइम ब्रांच के पास पहुंचते हैं। उनका कहना है कि एक माह में एक से दो लाख की ठगी की 100 से अधिक शिकायतें क्राइम ब्रांच के पास पहुंच रही हैं। हर माह ठग इंदौरियों को एक करोड़ से अधिक का चूना लगा रहे हैं।
डार्कनेट पर बिकते हैं खाते
पुलिस की जांच में कई तरह के साइबर ठगी के अपराधों में यह बात सामने आई है कि भारत में भी एक बड़ा रैकेट सक्रिय है, जो किराए पर खाते उपलब्ध करवाता है। डार्कनेट पर भी किराए के खाते ठग खरीदते हैं, जिनका उपयोग साइबर अपराधों में होता है। ऑनलाइन सट्टे के रैकेट के मामले में भी पुलिस को पता चला था कि सरगना दुबई में है और उसने किराए पर खाते खरीदे थे, जो प्रदेश का ही रहने वाला है।
दुबई-इंडोनेशिया और फिलीपींस में बैठे हैं ठग
अब तक की जांच में पता चला है कि साइबर ठगोरे दुबई, इंडोनेशिया और फिलीपींस से यह रैकेट चला रहे हैं। इनमें कुछ भारतीय ठग हैं तो कुछ विदेशी। यह पैसा भारत में किराए से लिए हुए खातों के माध्यम से विदेश पहुंचता है। पुलिस किराए पर खाते देने वालों तक तो पहुंच जाती है, लेकिन विदेश में बैठे सरगना पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं।