इंदौर
इंदौर के तेजाजी नगर पुलिस ने एक दर्जन से अधिक लोगो के साथ करीब 15 करोड़ की धोखाधड़ी मामले में पुलिस टाउनशिप से जुड़े दो कर्ताधर्ताओं को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से दस्तावेज भी जब्त किए गए है। पुलिस इस मामले में पूछताछ कर रही है। टीआई आरडी कानवा ने बताया कि आदिनाथ स्टेट कालोनी ग्राम नायता मुंडला की धोखाधड़ी के मामले में पुलिस ने सरदारमल जैन, रमेश जैन, योगेश जैन, जिनेश जैन पर केस दर्ज किया गया था। आरोपियो ने करीब 15 करोड़ के प्लाटों को लेकर धोखाधड़ी का आरोप है। जिसमें उन्होंने कई लोगों को रजिस्ट्री नहीं करने के साथ ही कॉलोनी में विकास काम नहीं किए थे। इस मामले में पुलिस ने कुछ समय पहले आरोपियों पर धोखाधड़ी सहित अन्य मामलों में केस दर्ज किया था। इसके बाद से आरोपी फरार चल रहे थे। मामले में रमेश चंद्र पुत्र रतनलाल जैन निवासी बी बक्तावर राम नगर और योगेश पिता सरदारमल जैन निवासी टेलीफोन कनाडिया रोड इंदौर को गिरफ्तार किया गया
इन प्लॉट धारकों ने की थी शिकायत
जैन बंधुओं के खिलाफ इंदौर के प्लाटधारक सुभाष जैन निवासी वीजे विहार कालोनी, कैलाशचन्द मंगल निवासी अग्रवाल नगर पुरानी, ऊषाबाई जैन निवासी छोटी ग्वालटोली ,अंशुल पाहवा निवासी मुराई मोहल्ला ,अशोक यादव निवासी आजादनगर ,पूजा पाहवा निवासी प्रकाशनगर, प्रेमलता अनचेरा निवासी स्कीम नंबर 78, कैलाशचन्द्र अनचेरा निवासी स्कीम नं. 78 ,राजकुमार जैन निवासी नंदानगर ,अशोक जैन निवासी साडोरा जिला अशोकनगर , मीना सिंघई निवासी शाढौरा जिला अशोक नगर और अशोक यादव निवासी छोटी ग्वालटोली ने शिकायत की थी। पीड़ितों ने बताया था कि चंद्राप्रभु होम्स प्रायवेट इंडिया की आदिनाथ कालोनी में उन्होंने वर्ष 1997 में प्लॉट लिए थे। 23 वर्ष साल बीतने के बाद भी यहां विकास कार्य नहीं होने के साथ ही प्लॉट की रजिस्ट्री भी नहीं कराई गई थी।
चौकीदार के कमरे में बना गेरेज
चौकीदार का कमरा तक किराए पर दिया, वेअर हाउस और फैक्ट्ररी बना ली
पुलिस ने जब बायपास पर आदिनाथ स्टेट कॉलोनी की जांच की तो पाया कि यहां पर गेट पर चौकीदार के लिए बनाए कमरे को अजीत नाम के मैकेनिक को किराए पर दे दिया। वही रमेश जैन ने लोगो के प्लॉट पर खुद का कब्जा कर वहां मसाले की फैक्ट्ररी संचालित कर ली। इतना ही नही आरोपियों ने यहां कई वेअर हाउस बना दिए ओर उन्हें किराए पर चलाने लगे। पुलिस ने सभी जगहों के दस्तावेज जब्त किए है जिसमें जानकारी निकलकर आई है कि उक्त प्लॉट अन्य लोगो के नाम पर पहले से अलॉट थे।