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वैक्सीनेशन के बाद 180 लोगों की मौत:अब तक मिले डेटा में क्या बातें सामने आईं?

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भारत में 29 मार्च तक कोविड-19 वैक्सीनेशन के बाद 180 लोगों की मौत हुई। यह बात भारत के टॉप एडवर्स इवेंट्स फॉलोइंग इम्युनाइजेशन (AEFI) कमेटी को दिए गए एक प्रजेंटेशन में सामने आई है। AEFI यानी ऐसे मामले, जिनमें किसी बीमारी की वैक्सीन लगाए जाने के बाद लोगों को मेडिकल समस्या होती है। इन मामलों में जरूरी नहीं होता कि समस्या वैक्सीन लगाने के चलते ही हुई हो। ऐसे मामलों के आंकड़े भारत में केंद्र की और राज्यों की अलग-अलग AEFI कमेटियां रखती हैं।

बता दें कि इस साल 16 जनवरी से अब तक कोविड-19 के 9.54 करोड़ डोज लोगों को लगाए जा चुके हैं। जिनमें से 1.12 करोड़ लोगों को तो वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं।

एक महीने से गंभीर साइड इफेक्ट्स के मामलों की लिस्ट जारी नहीं की गई
AEFI का 9 अप्रैल तक का अपडेटेड डेटा मौजूद नहीं है, वैक्सीनेशन के बाद समस्याओं का यह डेटा सिर्फ 31 मार्च तक का है। AEFI डेटा के अध्ययन की प्रक्रिया में शामिल रहे एक अधिकारी ने बताया, ‘वैक्सीन का डोज लगने के बाद 20 हजार से ज्यादा लोगों में साइड इफेक्ट देखे गए। कोवीशील्ड और कोवैक्सिन दोनों ही लगने के बाद लोगों में साइड इफेक्ट देखे गए। करीब 97% लोगों ने हल्के-फुल्के साइड इफेक्ट्स की शिकायत की। कई लोगों ने गंभीर साइड इफेक्ट्स की शिकायत भी की, लेकिन सरकार की ओर से पिछले करीब एक महीने से ऐसे गंभीर साइड इफेक्ट्स के मामलों की अपडेटेड लिस्ट जारी नहीं की गई है।

31 मार्च तक 180 लोगों की वैक्सीन लगने के बाद अलग-अलग वजहों से मौत
नेशनल AEFI कमेटी के सामने पेश किया गया इम्युनाइजेशन टेक्निकल सपोर्ट यूनिट का प्रजेंटेशन ऐसे मामलों से जुड़ी कई बातें बताता है। इसके मुताबिक 31 मार्च तक 617 गंभीर साइड इफेक्ट्स की घटनाएं सामने आई थीं। जिनमें से 180 मामलों में वैक्सीन लगाने के बाद मौत होने की बात कही गई थी। जिन लोगों को साइड इफेक्ट हुआ, उनमें से 305 लोगों को हॉस्पिटलाइज करना पड़ा था। इनमें से 276 लोगों को वैक्सीनेशन के तीन दिन के अंदर ही हॉस्पिटलाइज करना पड़ा था। इसी तरह मौत के मामलों को देखें तो 124 लोगों की मौत वैक्सीनेशन के 3 दिनों के अंदर ही हो गई।

सरकार ने कहा- दोनों वैक्सीन सुरक्षित, लोग जल्द लगवाएं
यह जरूरी नहीं है कि ये मौतें वैक्सीनेशन के साइड इफेक्ट से ही हुई हों। दुनियाभर में वैक्सीन और दवाओं को लेकर ऐसी चिंता होती रही है। AEFI सर्विलांस और इन्वेस्टिगेशन में भी सामने आ चुका है कि कुछ दवाएं और वैक्सीन किसी खास या आम तरह के लोगों के लिए लिए खतरनाक हो सकती हैं। भारत की केंद्रीय AEFI कमेटी के साथ दुनियाभर में अलग-अलग कमेटियों ने अभी लगाई जा रही वैक्सीन का जो रिव्यू किया है, उनके मुताबिक भारत और दुनियाभर में लगाई जा रही कोविड-19 वैक्सीन को असुरक्षित नहीं पाया गया है।

फिलहाल सरकार ने कहा है कि कोवीशील्ड और कोवैक्सिन दोनों ही सुरक्षित हैं और वे सभी लोग जिन्हें वैक्सीन के लिए प्राथमिकता ग्रुप में रखा गया है, उन्हें जल्द वैक्सीन लगवा लेनी चाहिए।

तब इन मौतों से क्या समझा जाए?
राष्ट्रीय AEFI कमेटी इन गंभीर साइड इफेक्ट्स और मौत के मामलों का रिव्यू कर रही है। इसके बाद ही बताया जा सकेगा कि क्या ये मौत के मामले वैक्सीन से जुड़े हैं? लेकिन कमेटी अभी तक 600 गंभीर मामलों में से 236 (38.6%) की ही पूरी जानकारी हासिल कर सकी है। कमेटी गंभीर साइड इफेक्ट्स से जुड़ी इन जानकारियों का अध्ययन करने के दौरान प्रभावित लोगों की मेडिकल हिस्ट्री और पोस्टमार्टम रिपोर्ट, ऑटोप्सी, हॉस्पिटल रिपोर्ट और जांच से जुड़े अन्य डॉक्यूमेंट्स को खंगाल रही है। इसके लिए जिला स्तर पर जुटाई गई जानकारियों को बहुत जरूरी माना जा रहा है।

हालांकि इस प्रयास में कई बाधाएं भी हैं, मसलन आठ गंभीर AEFI की जांच से जुड़ी एक रिपोर्ट में कहा गया कि बिहार में एक आदमी को मौत की वजह के लिए किसी भी कैटेगरी में नहीं रखा जा सका। इसकी वजह रही कि उसकी मौत के बारे में बहुत कम क्लीनिकल जानकारियां थीं और उसके इलाज से जुड़ा कोई भी रिकॉर्ड उपलब्ध नहीं था।

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