भोपाल
पुराने शहर के इस्लाम नगर में वर्षों से पर्यटकों की राह ताक रहा 18वीं शताब्दी में बने गोलघर का 1 करोड़ रुपए से कायाकल्प किया जाएगा। इसके साथ ही यहां पर्यटकों की संख्या में इजाफा हो, इसके लिए एक रिसर्च सेंटर तैयार किया जा रहा है। गोलघर के रिनोवेशन का कार्य पुरातत्व विभाग कर रहा हैं।
विभाग के डिप्टी डायरेक्टर पी. परांजपे ने बताया कि गोलघर के रिनोवेशन का काम बारिश का सीजन खत्म होते ही शुरू होगा। इसे चार महीने के भीतर पूरा करने का निर्णय लिया गया है। उल्लेखनीय है कि पुरातत्व विभाग ने गोलघर में संग्रहालय का निर्माण अप्रैल 2013 में किया था। नवाब शाहजहां बेगम ने 1868 से 1901 में गोलघर का निर्माण करवाया था। इस भवन में 18 दरवाजे हैं।
यहां देख सकेंगे खुदाई में मिले अवशेष…
परिसर में तैयार किए जाने वाले नए रिसर्च सेंटर में मप्र में 1958 से 2005 तक के दौरान प्रदेश के विभिन्न इलाकों में हुई खुदाई में प्राप्त पुरावशेषों से जुड़े हुए अवशेषों को यहां प्रदर्शित किया जाएगा। यह केंद्र आम लोगों के लिए खुला रहेगा, ताकि लोग अपनी पुरातात्विक परंपरा को देख सकें। गौरतलब है कि अभी प्रदेश में चलने वाली खुदाई में प्राप्त अवशेषों को शुरुआती स्तर पर इस्लाम नगर किले में रखा जाता है। उसके बाद वहां कई महीनों तक विशेषज्ञों की टीम उस पर रिसर्च कर रिपोर्ट तैयार करती है।
पुरातत्वविद् के अनुसार नवाबी दौर में यहां फ्रांस से मंगवाया गया विशेष झूमर लगा था। गुंबद के अंदरूनी हिस्से में बैगनी, हरे और लाल रंग से महीन चित्रकारी की गई है। नवाब शाहजहां के लिए यहां विशेष बैंड की व्यवस्था की गई थी। जिसके वाद्य यंत्र ऊपरी कक्ष में रखे गए थे। नवाब बेगम हर शाम यहां संगीत सुना करती थीं।