Site icon अग्नि आलोक

देश के हाईकोर्ट में जजों के 216 पद खाली

Share
FacebookTwitterWhatsappLinkedin

नई दिल्‍ली । केंद्र सरकार ने गुरुवार को राज्यसभा में कहा कि विभिन्न उच्च न्यायालयों में जजों (judges) के 334 पद रिक्त हैं और कॉलेजियम द्वारा की गई 118 सिफारिशें प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। वहीं 216 रिक्तियों के संबंध में अभी कोई सिफारिशें नहीं मिली हैं। विधि एवं न्याय मंत्री किरेन रिजिजू ने राज्यसभा में कहा, ”10 मार्च 2023 की स्थिति के अनुसार सुप्रीम कोर्ट में कोई रिक्ति नहीं है। जहां तक हाईकोर्टों का संबंध है, 1114 जजों के स्वीकृत पदों में से 780 पर जज कार्यरत हैं और जजों के 334 पद रिक्त हैं।”

उन्होंने आगे बताया, ”वर्तमान में हाईकोर्ट के कॉलेजियम द्वारा 118 प्रस्तावों की सिफारिश की गई है, जो प्रक्रिया के विभिन्न चरणों में हैं। हाईकोर्ट कॉलेजियम से उच्च न्यायालयों की 216 रिक्तियों के मामले में सिफारिशें अभी तक प्राप्त नहीं हुई हैं।”

कानून मंत्री ने कहा कि उच्च न्यायालयों में रिक्तियों को भरना एक सतत, एकीकृत और सहयोगात्मक प्रक्रिया है। इसके लिए विभिन्न संवैधानिक प्राधिकारियों से परामर्श और अनुमोदन की आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि जजों की सेवानिवृत्ति, पदत्याग या पदोन्नति के कारण रिक्तियां पैदा होती रहती हैं और सरकार रिक्तियों को समयबद्ध तरीके से शीघ्र भरने के लिए प्रतिबद्ध है।

रिजिजू ने यह भी कहा कि सरकार उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों से आग्रह करती रही है कि उच्च न्यायालयों में जजों की नियुक्ति के लिए प्रस्ताव भेजते समय, नियुक्ति में सामाजिक विविधता सुनिश्चित करने के लिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग, अल्पसंख्यकों और महिलाओं के उपयुक्त अभ्यर्थियों पर उचित विचार करते रहें।

Exit mobile version