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 प्याज की कीमतें काबू में रखने के लिए एक्सपोर्ट पर लगाई 40% ड्यूटी

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नई दिल्ली

देश में प्याज की कीमतों को काबू में रखने के लिए केंद्र सरकार ने एक्सपोर्ट पर 31 दिसंबर तक 40% ड्यूटी लगा दी है। अभी तक इसके एक्सपोर्ट पर कोई टैक्स नहीं वसूला जाता था। सरकार इस कदम से देश में प्याज की अवेलेबिलिटी को बनाए रखना चाहती है और इससे कीमतें भी नियंत्रण में रहेंगी। वित्त मंत्रालय ने नोटिफिकेशन जारी कर इसकी जानकारी दी।

कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री के आंकड़ों के अनुसार, प्याज की ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस शनिवार को 30.72 रुपए प्रति किली थी। अधिकतम कीमत मिजोरम के चंफई में है जहां 63 रुपए प्रति किलो में प्याज बिक रहा है। न्यूनतम कीमत मध्य प्रदेश के नीमच और बुरहानपुर में है जहां प्याज 10 रुपए प्रति किलो में बिक रहा है।

वहीं इस महीने की शुरुआत में यानी 1 अगस्त को प्याज की अधिकतम कीमत नगालैंड के शामाटर में थी। यहां प्याज 75 रुपए प्रति किलो में बिक रहा था। न्यूनतम कीमत नीमच में थी। यहां 10 रुपए प्रति किलोग्राम में प्याज बिक रहा था। ऑल इंडिया ऐवरेज रिटेल प्राइस 27.27 रुपए थी। दिल्ली में इसकी कीमत 30 रुपए प्रति किलो चल रही थी।

प्याज की कीमत क्यों बढ़ी, दाम कब घटेंगे
क्रिसिल ने इस महीने की शुरुआत में अपनी रिपोर्ट में कहा था कि सप्लाई घटने से सितंबर की शुरुआत में प्याज 60-70 रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकता है। फरवरी में महाराष्ट्र जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में रबी की फसल जल्दी पक गई। मार्च में इन इलाकों में बेमौसम बारिश से शेल्फ लाइफ 6 महीने से घटकर 4-5 महीने रह गई।

रिपोर्ट में कहा गया है कि अक्टूबर से प्याज की फसल आनी शुरू हो जाएगी। इससे आपूर्ति बढ़ेगी और कीमतों में नरमी आएगी।

सरकार के पास फिलहाल 3 लाख टन स्टॉक
सरकार ने आपात स्थिति से निपटने के लिए प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड (PSF) के तहत 3 लाख टन प्याज का स्टॉक बनाए रखा है, ताकि कम सप्लाई वाले मौसम के दौरान बढ़ती कीमतों को रोका जा सके। इसके अलावा सरकार प्याज को ई-ऑक्शन, ई-कॉमर्स के साथ-साथ राज्यों के साथ मिलकर कंज्यूमर को-ऑपरेटिव रिटेल आउटलेट्स के जरिए मार्केट में उतार रही है।

प्याज के उत्पादन के मामले में भारत दुनिया में टॉप पर :

भारत में सबसे अधिक प्याज का उत्पादन महाराष्ट्र में :

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