टीकमगढ़ की धार्मिक नगरी ओरछा में 500 साल पुराना रिवाज बदल गया है। यहां के रामराजा सरकार को बंदूक से सलामी देने की परंपरा है जिसमें बदलाव किया गया है। रामराजा सरकार को अब बिना बेनेट यानि चाकू की बंदूक से सलामी दी जाएगी। सलामी की नई परंपरा सोमवार से चालू हुई जब पुलिस के जवानों ने बिना बेनेट की बंदूक से रामराजा सरकार को सलामी दी।
ओरछा में रामराजा सरकार को सलामी देने की परंपरा 500 साल से निभाई जा रही है। यहां भगवान राम को राजा के तौर पर सलामी दी जाती है। मंदिर में स्थापित मूर्ति को एमपी पुलिस दिन में चार बार सेल्यूट करती है। बुंदेली शासक राजा मधुकरशाह ने इस परंपरा की शुरुआत की थी।
मप्र पुलिस के जवान राम राजा सरकार को चारों पहर सशस्त्र सलामी देते हैं। सलामी की इस परंपरा में अब एक बदलाव किया गया है। अब सलामी देने वाले पुलिस जवान की बंदूक के आगे लगे बेनेट यानि चाकू को हटा दिया गया है। सोमवार से पुलिस जवानों ने रामराजा सरकार को बिना चाकू लगी बंदूक से सेल्युट करना शुरु कर दिया।
बताया जा रहा है कि सुरक्षा कारणों से बंदूक के आगे के चाकू को हटाया गया है। निवाड़ी के पुलिस अधीक्षक राय सिंह नरवरिया ने भी इस बात की तस्दीक की। उन्होंने बताया कि मंदिर में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। ऐसे में यदि यहां तैनात जवान किसी कारण से अपना आपा खो दें तो दिक्कत आ सकती है। इसलिए बंदूक के आगे लगे चाकू को हटा दिया गया है।
भगवान श्रीराम राजा सरकार मंदिर में चार गार्ड तैनात किए गए थे। बीच में खड़े एक गार्ड की बंदूक में बेनेट लगी रहती थी, जबकि बाकी गार्ड बिना बेनेट के सलामी देते थे। अब सभी जवानों की बंदूक से बेनेट हटाया गया है। पुलिस जवान बिना चाकू की बंदूक से गार्ड ऑफ ऑनर दे रहे हैं।
बता दें कि ओरछा का रामराजा सरकार मंदिर देश का एकमात्र ऐसा मंदिर है, जहां भगवान श्रीराम को सशस्त्र सलामी दी जाती है। संवत 1631 में मंदिर में श्रीराम की मूर्ति की स्थापना के बाद राजा मधुकरशाह ने भगवान को ही ओरछा का राजा घोषित कर दिया। इसी के साथ उन्होंने भगवान श्रीराम को सशस्त्र सलामी की परंपरा शुरू की।