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भाजपा के 127 विधायकों में से 57 को फिर से टिकट

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मप्र में भाजपा ने चौथी सूची में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और 24 मंत्रियों समेत 57 प्रत्याशियों की घोषणा की है। इस तरह पार्टी ने अभी तक चार सूचियों में 136 सीटों पर अपने उम्मीदवारों का उतार दिया है। इनमें भाजपा ने अपने 127 विधायकों में से जहां 57 को फिर से टिकट दिया है, वहीं 3 का टिकट काट दिया है। इस तरह पार्टी ने अब तक अपने कब्जे वाली 60 सीटों पर टिकटों की घोषणा कर दी है। यानी अब 67 विधायक कसौटी पर हैं। इनमें 8 मंत्री भी हैं , जिनका टिकट खतरे में नजर आ रहा है। वहीं खेल मंत्री यशोधरा राजे ने चुनाव लडऩे से मना कर दिया है। ऐसे में पूरी भाजपा की नजर अब अगली सूची पर है।
गौरतलब है कि भाजपा ने अपनी पहली, दूसरी और तीसरी सूची जब जारी की थी हर कोई चौक गया था। पहली सूची जारी होने पर जहां बगावत और विरोध देखने को मिली, वहीं दूसरी सूची में आठ दिग्गज नेताओं को टिकट दिया गया, जबकि तीसरी सूची में एक मात्र प्रत्याशी मोनिका बट्टी को टिकट दिया गया, जो कुछ दिन पहले ही भाजपा में शामिल हुई थीं। इस तरह सबको उम्मीद थी कि चौथी सूची भी चौंकाने वाली होगी, लेकिन इसमें पार्टी ने 25 मंत्रियों समेत 57 विधायकों को टिकट देकर सारे बिगड़े समीकरण साधने की कोशिश की है।
कुछ और विधायकों का टिकट खतरे में
गौरतलब है की भाजपा ने अपने 127 विधायकों में से अभी तक तीन का टिकट काटा है। वहीं 57 को टिकट दे दिया गया है। अब 67 विधायकों का टिकट घोषित होना है। माना जा रहा है कि कुछ और विधायकों का टिकट खतरे में है। गौरतलब है कि भाजपा ने दूसरी सूची में तीन विधायकों का टिकट काट चुकी है। जालम सिंह पटेल का टिकट काट कर उनके भाई और केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल को प्रत्याशी बनाया गया है, वहीं केदारनाथ शुक्ला का टिकट काटकर सांसद रीति पाठक को मैदान में उतारा गया है। मैहर से पार्टी ने वर्तमान विधायक नारायण त्रिपाठी का टिकट उनके पार्टी विरोधी बयानों के चलते पहले ही काट दिया गया था। भाजपा ने पितृ पक्ष में चौथी सूची जारी कर राजनीतिक पंडितों को चौका दिया है। इसके पहले के चार चुनावों में पार्टी ने कभी पितृ पक्ष में अपने उम्मीदवारों की सूची जारी नहीं की। भाजपा इस बार प्रत्याशियों को चुनावी तैयारी का पर्याप्त मौका देने और संभावित भितरघात को कंट्रोल करने के लिए जल्द टिकट बांट रही है। इसके बाद उसके नेता ड्रेमेज कंट्रोल के लिए मैदान में उतरेंगे।भाजपा ने अभी 67 सीटों के उम्मीदवारों की सूची होल्ड कर ली है। इनमें एक दर्जन से अधिक ऐसी सीटें हैं , जहां पार्टी के सामने भारी कशमकश की स्थिति है। इंदौर तीन से आकाश विजयवर्गीय विधायक हैं, उनके पिता को पार्टी इंदौर-एक से प्रत्याशी बना चुकी है, लिहाजा उनका टिकट खतरे में है।
 इसी तरह भोपाल के दक्षिण-पश्चिम सीट पर एक से ज्यादा दावेदार होने से यहां का टिकट होल्ड कर दिया गया है। जबलपुर की उत्तर- मध्य सीट पर टिकट होल्ड है। यहां से पिछली बार भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़े युवा मोर्चा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष धीरज पटेरिया ने निर्दलीय मैदान में उतरकर भाजपा का गणित बिगाड़ दिया था।
आठ मंत्रियों के टिकट होल्ड
भाजपा कीे चौथी सूची में 57 नाम हैं। इनमें मुख्यमंत्री सहित 25 मंत्री तथा शेष सभी विधायक हैं। शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में मुख्यमंत्री सहित 34 मंत्री हैं, जबकि एक पद रिक्त है। यशोधरा राजे सिंधिया ने चुनाव लडऩे से मना कर दिया है। इस तरह आठ मंत्रियों के टिकट होल्ड कर किए गए हैं। इन्हें टिकट मिलेगा या नहीं यह तो वक्त बताएगा, लेकिन जिनके टिकट रोके गए हैं, उनमें चार सिंधिया समर्थक मंत्री हैं। ये हैं लोक निर्माण विभाग राज्य मंत्री सुरेश धाकड़, नगरीय प्रशासन व विकास राज्य मंत्री ओपीएस भदौरिया तथा लोक स्वास्थ्य व यांत्रिकी राज्य मंत्री बृजेंद्र सिंह यादव शामिल हैं। इसके अलावा स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार, संस्कृति व पर्यटन मंत्री सुश्री उषा ठाकुर तथा पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक कल्याण राज्य मंत्री रामखेलावन पटेल शामिल हैं। जबकि हाल ही में मंत्री बनाए गए नर्मदा घाटी विकास मंत्री गौरीशंकर बिसेन अपनी पुत्री मौसम बिसेन को टिकट दिलाना चाह रहे हैं। भाजपा ने जिस तरह परिजनों के लिए टिकट मांगने वाले पार्टी के वरिष्ठ नेताओं खुद मैदान में उतारा है, बिसेन की बात को पार्टी कितना मानेगी यह नहीं कहा जा सकता।
मंत्रियों की… परफारमेंस खराब
बताया जाता है कि जिन मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें अधिकांश का रिपोर्ट कार्ड ठीक नहीं है। मुख्यमंत्री चौहान ने खराब परफारमेंस वाले कई मंत्रियों को बुलाकर समझाइश भी दी थी साथ ही परफारमेंस सुधारने को भी कहा था। जिन राज्य मंत्रियों के टिकट रोके गए हैं, उनमें ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थक ओपीएस भदौरिया, महेंद्र सिंह सिसोदिया, बृजेंद्र सिंह यादव तथा सुरेश धाकड़ पहली बार विधायक बने थे। सिंधिया के साथ कांग्रेस छोडक़र  भाजपा में आने के बाद विधायक पद से इस्तीफा देकर उप चुनाव लड़ा और जीतकर फिर विधायक बने थे। वहीं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए जिन मंत्री विधायकों पर भाजपा ने फिर से भरोसा जताया है उनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर, गोविंद सिंह राजपूत, बिसाहूलाल सिंह, डॉ. प्रभुराम चौधरी, मनोज चौधरी, राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, तुलसीराम सिलावट, और हरदीप सिंह डंग प्रमुख हैं। हालांकि इसमें बिसाहूलाल सिंह सिंधिया समर्थक नहीं हैं। इसी तरह कांग्रेस से भाजपा में आए प्रद्युम्न सिंह लोधी को फिर मलहरा सीट से प्रत्याशी बनाया गया है। भाजपा की चौथी सूची में जिस तरह दो दर्जन मंत्रियों समेत 57 विधायकों को फिर टिकट दिया गया है, उसने टिकट के आधार को काफी हद तक साफ कर दिया है। जिन मंत्रियों का परफारमेंस ठीक नहीं है या वे क्षेत्र में ही आरोपों के घेरे में हैं उनके टिकट होल्ड कर दिए गए हैं। यही फार्मूला कुछ मौजूदा विधायकों पर भी अपनाया गया है। चौथी सूची ने इन आठ मंत्रियों समेत 67 विधायकों की नींद उड़ा दी है।

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