मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस हर साल एक नवंबर को मनाया जाता है. इस साल प्रदेश अपना 69वां स्थापना दिवस मनाएगा. इस मौके पर पूरे प्रदेश भर में विभिन्न तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (CM Mohan Yadav) ने सीएम हाउस (CM House) में में एमपी के स्थापना दिवस (MP Foundation Day) को लेकर एक मीटिंग बुलाई थी. इस बैठक में एक नवम्बर से आयोजित होने वाले चार दिवसीय कार्यक्रमों की रूपरेखा पर चर्चा हुई. स्थापना दिवस को लेकर सीएम मोहन यादव ने कहा मध्यप्रदेश का स्थापना दिवस गर्व और गौरव का अवसर है. प्रदेश के 69वें स्थापना दिवस (69th Foundation Day of MP) और दीपावली (Diwali 2024) पर सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ ही समाज के जरूरतमंद वर्ग के जीवन में खुशियां बिखरने के लिए सक्षम वर्ग को आगे आना चाहिए.
जरूरतमंदों की मदद करें : सीएम मोहन
सीएम ने कहा निर्माण श्रमिकों, अस्पतालों में दाखिल निर्धन वर्ग के रोगियों और अन्य जरूरतमंद व्यक्तियों को प्रत्येक नागरिक अपनी क्षमता के अनुसार फल, मिष्ठान और उनके बच्चों के लिए पटाखों का प्रबंध करें. शासकीय अधिकारी, व्यापारी वर्ग, उद्योगपति और निजी क्षेत्र के संस्थान भी प्रदेश के स्थापना दिवस और दीपावली पर लोगों की मदद करें. संयोग से इस वर्ष प्रदेश के स्थापना दिवस पर दीपावली पर्व का संयोग बना है. यह दोहरी प्रसन्नता का अवसर है, इसलिए सभी नागरिकों के लिए उल्लास व उत्साह का वातावरण बनना चाहिए.
प्रदेश का 69वां स्थापना दिवस समारोह आनंद और उमंग के साथ मनाया जाएगा. भोपाल के लाल परेड पर 30 अक्टूबर को विशेष कार्यक्रम में भारतीय सेना की ओर से बैंड प्रदर्शन और अन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे. साथ ही प्रदर्शनी भी लगाई जायेगी. सार्वजनिक स्थानों की स्वच्छता के कार्य हाथ में लिए जाएंगे. स्थापना दिवस के अवसर पर शासकीय भवनों पर सायंकाल को प्रकाश सज्जा भी की जाएगी.
ऐसा है प्लान
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि गरीब बस्तियों में सेवा कार्यों का संचालन किया जाए. विशेष रूप से निर्माण श्रमिकों का त्यौहार पर ध्यान रखते हुए उनके बच्चों के लिए मिष्ठान और पटाखों की व्यवयस्था की जाए. जिलों में कलेक्टर एवं जनप्रतिनिधि ऐसे सेवा कार्यों का नेतृत्व करें. स्व-सहायता समूहों की बहनों द्वारा निर्मित उत्पाद विक्रय के लिए उपलब्ध करवाए जाएं. माटी शिल्प, काष्ठ शिल्प और अन्य कलाओं से जुड़े शिल्पकारों के उत्पाद सामाजिक संगठनों द्वारा भी खरीदकर वितरित किए जाएं. दीपावली के अवसर पर जिला स्तर पर भी सेवा प्रकल्प संचालित किए जाएं.
लाल परेड ग्राउंड में मध्यप्रदेश गान, सेना के बैंड प्रदर्शन और एयर-शो के लिए तैयारियां की जा रही हैं. विकास प्रदर्शनी भी आयोजित की जाएगी. यह प्रदर्शनी 30 एवं 31 अक्टूबर को लगी रहेगी. दीपावली के त्यौहार को देखते हुए नागरिक सुविधानुसार दोनों दिन प्रदर्शनी देख सकेंगे.
प्रदेश के स्थापना दिवस पर संस्कृति विभाग की ओर से एक नवम्बर को अमृत मध्यप्रदेश के अंतर्गत समवेत नृत्य-नाटिका प्रस्तुत होगी. यह प्रस्तुति प्रदेश की सांस्कृतिक और क्षेत्रीय विशिष्टताओं पर आधारित होगी. नाटिका में अनेक पावन स्थलों के महत्व को भी प्रदर्शित किया जाएगा. शिखर सम्मान से अलंकृत चंद्रमाधव बारिक ने इस नृत्य नाटिका का निर्देशन किया है. प्रस्तुति में 108 कलाकार हिस्सा लेंगे.
इस थीम पर होगा कार्यक्रम, अंकित तिवारी की सिंगिंग प्रस्तुति
लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित महेश्वर घाट की थीम पर कार्यक्रम का आकल्पन किया जा रहा है. सुगम संगीत के अंतर्गत गायक और संगीतकार अंकित तिवारी कार्यक्रम प्रस्तुत करेंगे. वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई पर निर्मित प्रोजेक्ट खूब लड़ी मर्दानी के लिए संगीत देने वाले अंकित तिवारी ने अनेक हिंदी फिल्मों में भी संगीत दिया है. रवीन्द्र भवन में सांस्कृतिक संध्या के साथ ही एक नवम्बर को जन अभियान परिषद द्वारा प्रभात फेरियों का आयोजन किया जाएगा. खेल एवं युवक कल्याण, महिला बाल विकास, पंचायत और नगरीय प्रशासन विभाग स्वच्छता, सजावट और रंगोली से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करेंगे. ऐतिहासिक स्मारकों और महापुरूषों की प्रतिमाओं की साफ-सफाई एवं बाजारों में सौन्दर्यीकरण किया जाएगा. महत्वपूर्ण स्थलों पर 69 दीप जलाए जाएंगे. भोपाल के साथ ही जिलों में भी स्थानीय परिस्थितियों के अनुसार विभिन्न गतिविधियां सम्पन्न होंगी.
स्थापना दिवस के अवसर पर होंगे गोवर्धन पूजा के कार्यक्रम
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा कि दीपावली के दूसरे दिन भारत की प्राचीन परम्परा के अनुसार गोवर्धन पूजा होती है. गोवर्धन पूजा व्यक्तिगत स्तर के साथ ही संस्थागत स्तर पर भी की जा सकती है. प्रदेश के स्थापना दिवस पर दीपावली और गोवर्धन पूजा का सुखद संयोग बना है. विभिन्न गौशालाओं में नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के सहयोग से गौ-पूजन कार्यक्रम होंगे. गोवर्धन पूजा के कार्यक्रमों के लिए प्रशासनिक अमला भी सक्रिय रहे. कार्यक्रमों का गरिमामय आयोजन किया जाए.
भोपाल में आज सेना का बैंड होगा आकर्षण
मध्य प्रदेश के स्थापना दिवस का जश्न चार दिनों तक मनाया जायेगा. एक नवंबर को रवीन्द्र भवन में सांस्कृतिक संध्या के साथ ही प्रभात फेरियों का आयोजन होगा.
69वें साल में प्रवेश कर रहे मध्य प्रदेश का जन्मदिन सरकार धूमधाम से मनाएगी. राजधानी भोपाल के लाल परेड मैदान में स्थापना दिवस समारोह की शुरुआत आज से होने जा रही है. 1 नवंबर 1956 को मध्य प्रदेश की स्थापना हुई थी. अब तक 32 मुख्यमंत्रियों का कार्यकाल रहा, जिसमें 18 जनप्रतिनिधि मुख्यमंत्री रहे. अब 19वें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस मनाया जाएगा.
वर्ष 2023 में आचार संहिता की वजह से मध्य प्रदेश का स्थापना दिवस धूमधाम से नहीं मनाया जा सका था. इस बार स्थापना दिवस को धूमधाम से मनाने की तैयारी है. स्थापना दिवस का चार दिनों तक जश्न मनेगा. लाल परेड मैदान में आज भारतीय सेना का बैंड प्रदर्शन होगा.
प्रदर्शनी के अलावा मध्य प्रदेश गान, एयर शो आयोजित होगे. विकास प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी. एक नवंबर को अमृत मध्य प्रदेश के अंतर्गत समवेत नृत्य नाटिका की प्रस्तुत होगी. नाटिका में अनेक पावन स्थलों के महत्व को भी प्रदर्शित किया जाएगा. शिखर सम्मान से अलंकृत चंद्रमाधव बारिक ने इस नृत्य नाटिका का निर्देशन किया है.
मध्य प्रदेश मनायेगा स्थापना दिवस
प्रस्तुति में 108 कलाकार हिस्सा लेंगे. लोकमाता अहिल्या देवी को समर्पित महेश्वर घाट की थीम पर कार्यक्रम का आकल्पन किया जाएगा. एक नवंबर को रवीन्द्र भवन में सांस्कृतिक संध्या के साथ ही प्रभात फेरियों का आयोजन किया जाएगा. खेल एवं युवक कल्याण, महिला बाल विकास, पंचायत और नगरीय प्रशासन विभाग स्वच्छता, सजावट और रंगोली से संबंधित गतिविधियों का आयोजन करेंगे. ऐतिहासिक स्मारकों और महापुरुषों की प्रतिमाओं की साफ सफाई एवं बाजारों में सौंदर्यीकरण किया जाएगा. महत्वपूर्ण स्थलों पर 69 दीप जलाए जाएंगे.
अब तक कौन- कौन रहे मुख्यमंत्री
मध्य प्रदेश की स्थापना के बाद पहले मुख्यमंत्री पंडित रविशंकर शुक्ल बने थे. रविशंकर शुक्ल के बाद भगवंतराव मंडलोई, कैलाश नाथ काटजू, कैलाशनाथ काटजू, भगवंतराव मंडलोई, द्वारका प्रसाद मिश्रा, द्वारका प्रसाद मिश्रा, गोविंद नारायण सिंह, राजा नरेशचंद्र सिंह, श्यामचरण शुक्ला, प्रकाश चंद्र सेठी, श्यामा चरण शुक्ला, राष्ट्रपति शासन, कैलाश चंद्र जोशी, वीरेन्द्र कुमार सकलेचा, सुंदरलाल पटवा, राष्ट्रपति शासन, अर्जुन सिंह, अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, अर्जुन सिंह, मोतीलाल वोरा, श्यामाचरण शुक्ला, सुंदरलाल पटवा, राष्ट्रपति शासन, दिग्विजय सिंह, दिग्विजय सिंह, उमा भारती, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान, शिवराज सिंह चौहान, शिवराज सिंह चौहान, कमलनाथ और शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री रहे.
मध्य प्रदेश की स्थापना के बाद पहले राज्यपाल डॉ. पट्टाभि सीतारमैया बने थे. डॉ. पट्टाभि सीतारमैया के बाद हरिविनायक पाटस्कर, क्यासम्बिल चेंगलराव रेडडी, पीवी दीक्षित, सत्यनारायण सिंह, निरंजन नाथ वांचू, चेप्पुदिरा मुथाना पुनाचा, भगवत दयाल शर्मा, गुरूप्रसन्न सिंह, प्रो. केएम चांडी, सरला ग्रेवाल, महमूद अली खां, मोहम्मद शफी कुरैशी, डॉ. भाई महावीर, रामप्रकाश गुप्त, कृष्ण मोहन सेठ, डॉ. बलराम जाखड़, रामेश्वर यादव, ओपी कोहली, ओपी कोहली, आनंदीबेन पटेल, लालजी टंडन, आनंदीबेन पटेल और वर्तमान में मंगुभाई पटेल राज्यपाल हैं.