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इंदौर के बीच से निकलने वाला एबी रोड के हिस्से पर 700 करोड़ के प्रयोग,इस सड़क पर सबसे ज्यादा ट्रैैफिक जाम

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इंदौर में वैसे तो विकास के कई बड़े प्रोजेक्ट किए है, लेकिन इंदौर के बीच से निकलने वाला एबी रोड के हिस्से पर सबसे ज्यादा प्रयोग और पैसा खर्च हुआ है। पहले साढ़े 11 किलोमीटर लंबे बीआरटीएस पर साढ़े तीन सौ करोड़ रुपयेे खर्च किए गए और अब एलिवेटेड कारिडोर पर 350 करोड़ रुपये खर्च हो रहे है।बीआरटीएस पर निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा चौराहे तक सुबह और शाम को जाने में 35 से 40 मिनट का समय लगता है। ट्रैफिक जाम के कारण कई वाहन रिंग रोड को अपनाने लगे है,क्योकि वहां तीन चौराहों पर फ्लायओवर बने हैै। 

इसके बावजूद इस सड़क पर सबसे ज्यादा ट्रैैफिक जाम होता है। इस मार्ग पर ग्रेड सेपरेटर, फ्लायओवर, अंडरपास जैसे प्रोजेक्ट के लिए सर्वे पर भी लाखों रुपये खर्च किए गए,लेकिन वे प्रोजेक्ट कभी जमीन पर नहीं आ पाए।

इंदौर के मध्य से गुजरने वाले जीवनरेखा मार्ग एबी रोड पर सबसे 90 के दशक में सबसे ज्यादा भारी वाहनों से हादसे हुए। इस मार्ग से वाहनों का दबाव कम करने लिए पूर्वी रिंग रोड बना, फिर वर्ष 2002 में बायपास बनकर तैयार हुआ। एबी रोड के शहरी हिस्से में 10 साल पहले जवाहर लाल नेहरू शहरीनवीनीकरण मिशन के तहत देश के पहले बीआरटीएस प्रोजेक्ट को मंजूरी मिली।

छह साल में 350 करोड़ की लागत से यह बनकर तैयार हुआ। इस प्रोजेक्ट का काफी विरोध भी हुआ और आईबस के लिए अलग से एक लेन बनाने का मामला हाईकोर्ट तक भी पहुंचा। याचिकाकर्ता किशोर कोडवानी का इस मामले में कहना है कि बीआरटीएस की अवधारणा ही गलत है।

ज्यादातर शहरों मेें यह प्रोजेक्ट फ्लाॅप साबित हुआ। बस लेन में सिर्फ बस चलें बाकी दूसरे वाहन नहीं। यह नियम नहीं हो सकता है। सड़क सबके लिए है। अब बीीआरटीएस पर एलिवेटेड रोड के प्रोजेक्ट की मंजूरी शहरी परिवहन मंत्रालय ने दी है। इस प्रोजेक्ट पर भी 350 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

35 से 40 मिनट में 11 किलोमीटर का सफर

बीआरटीएस पर निरंजनपुर से राजीव गांधी प्रतिमा चौराहे तक सुबह और शाम को जाने में 35 से 40 मिनट का समय लगता है। ट्रैफिक जाम के कारण कई वाहन रिंग रोड को अपनाने लगे है,क्योकि वहां तीन चौराहों पर फ्लायओवर बने हैै। बीआरटीएस पर राजेंद्र माथुर तिराहा, पलासिया चौराहा, शिवाजी प्रतिमा पर ग्रेड सेपरेटर, फ्लायओवर और अंडरपास की योजना बनी, लेकिन वे कभी जमीन पर नहीं आ सकी।

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