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MP में कैप्सूल में हीरे की तस्करी: 8 गिरफ्तार, 255 हीरे जब्त

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बैतूल

पुलिस ने हीरों की तस्करी करने वाली गैंग का पर्दाफाश किया है। पकड़े गए आठ आरोपियों में दो नाबालिग हैं। आरोपी असली हीरे दिखाकर नकली हीरे टिका देते थे। पुलिस को शक ना हो इसके लिए वह हीरों को लाने-ले जाने के लिए दवा के कैप्सूल का उपयोग करते थे। इनमें से पाउडर निकालकर इसमें हीरा भर देते थे। आरोपियों के पास से 255 नग हीरे, चांदी की पायल, नकदी रुपए और दो देसी कट्‌टे मिले हैँ। जब्त माल की कीमत करीब 55 लाख रुपए है। पुलिस ने छिंदवाड़ा के व्यापारी के साथ हुई लूट के मामले में आरोपियों को पकड़ा। पूछताछ के बाद तस्करी का मामला उजागर हुआ।

बैतूल की एसपी सिमाला प्रसाद ने बताया कि छिंदवाड़ा का व्यापारी प्रिंस सोनी 31 मई को आरोपियों से हीरे खरीदने बैतूल आया। इससे पहले भी वह आरोपियों से हीरे खरीद चुका था। दोपहर करीब 12 बजे आरोपियों ने प्रिंस को 5 हीरे दिखाए। 2.50 लाख रुपए सौदा पक्का होने पर पैसे देकर व्यापारी हीरे लेकर चला गया। साथ ही, उसने और हीरे खरीदने की बात कही। आरोपियों ने दो से तीन घंटे बाद आने की बात कहकर व्यापारी को लौटा दिया।

दोपहर करीब 3 बजे प्रिंस दोबारा बताई जगह पर पहुंचा। आरोपियों ने फिर उसे हीरे दिखाए। जांच-परख के बाद प्रिंस ने कहा कि ये हीरे उच्च क्वालिटी के नहीं हैं। साथ ही, इस हिसाब से इनकी कीमत भी ज्यादा है। इसी बात को लेकर दोनों के बीच कहासुनी हो गई। आरोपियों ने कट्‌टा अड़ाकर व्यापारी के पास रखे 2.50 लाख रुपए नकद और पांच असली हीरे लूट लिए और भाग गए। शिकायत के बाद पुलिस ने केस दर्ज कर लिया।

इसी मामले में पुलिस ने व्यापारी से पूछताछ की। इस दौरान बताए गए आरोपियों के पुराने आपराधिक रिकॉर्ड भी मिले। सूचना पर शुक्रवार रात पुलिस ने आरोपी करण पिता शांतिलाल झारखंडे के घर दबिश दी। उसके यहां से उक्त माल भी जब्त किया गया। करण की निशानदेही पर अन्य 7 लोगों को गिरफ्तार किया गया। इनमें 2 नाबालिग हैं। इनसे पूछताछ के दौरान तस्करी का खुलासा हुआ।

नागपुर से लाकर दवा के कैप्सूल में डालते थे हीरे

एसपी ने बताया, आरोपी महाराष्ट्र के नागपुर के सराफा व्यापारी से हीरे लाते थे। कोरोना कर्फ्यू के कारण चैकिंग सख्त थी। आराेपियों ने तरकीब निकाली। हीरे को दवा के कैप्सूल में भरकर सप्लाई करते थे। इसके लिए आरोपी कैप्सूल में से दवा निकाल लेते थे। इसके बाद इसमें हीरे डालकर सप्लाई करते थे। कैप्सूल होने पर पुलिस भी नहीं रोकती थी। आरोपी बैतूल के अलावा छिंदवाड़ा के व्यापारियों को हीरे बेचते थे। व्यापारी भी कम कीमत और बिना कागजात के इनसे हीरे खरीद लेते थे। पुलिस टीम नागपुर जाकर भी छानबीन करेगी। साथ ही, आरोपियों से अन्य व्यापारियों को भी हीरे बेचे जाने के बारे में पूछताछ की जाएगी।

5 असली और 250 निम्न क्वालिटी के हीरे मिले

आरोपियों के पास से पुलिस को 5 असली हीरे, 250 निम्न क्वालिटी के हीरे, दो जोड़ी चांदी की पायल, तीन जोड़ी बिछिया, 15 हजार रुपए नकद समेत 55 लाख रुपए का माल मिला है। पुलिस के मुताबिक पांचों असली हीरों की कीमत करीब 12.50 लाख रुपए है। वही निम्न क्वालिटी के एक हीरे की कीमत करीब 40 हजार रुपए है।

पुलिस पर उठ रही उंगलियां

वारदात के खुलासे में पुलिस जांच पर सवाल उठ रहे हैं। जिस व्यापारी को फरियादी बनाया गया है, वो भी अवैध तरीके से हीरे का कारोबार कर रहा था। 31 मई के दिन वो गुपचुप तरीके से ही हीरे खरीदने बैतूल आया था। लूट हो जाने के बाद उसने पुलिस का सहारा लिया।

ये आरोपी पकड़े गए

करण पिता शांतिलाल झारखंडे निवासी आमडोह थाना साईखेड़ा, पिन्टू पिता रामप्रसाद नागले निवासी हमलापुर, शुभम पिता शिवाजी गायकवाड़ निवासी हमलापुर, रितिक पिता योगेश चन्द्रहास निवासी कालापाठा, पंकज पिता पप्पू कडवे निवासी हमलापुर, रोहित पिता रमेश मरकाम निवासी बैतूल समेत दो नाबालिग आरोपी हैं।

पुलिस की गिरफ्त में आरोपी।

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