मुंबई
कोरोना और लॉकडाउन के चलते शेयर मार्केट में सोमवार को भारी गिरावट देखने को मिली। शुरुआती कारोबार में ही सेंसेक्स 1000 पॉइंट गिर गया। दोपहर तक इंडेक्स 48 हजार के नीचे आ गया। बाजार सुबह ही सेंसेक्स 634.67 अंक नीचे 48,956.65 पर खुला था। दिनभर भारी गिरावट के बाद अंत में इडेक्स 1,707 अंकों की भारी गिरावट के साथ 47,883 पर बंद हुआ है। इससे निवेशकों के 8.4 लाख करोड़ रुपए डूब गए। इससे पहले 29 जनवरी को इंडेक्स 48 हजार के नीचे 46,285 अंकों पर बंद हुआ था।
सेंसेक्स में शामिल 30 में से 29 शेयरों में गिरावट रही। इंडेक्स में इंडसइंड बैंक का शेयर सबसे ज्यादा 8.6% नीचे आ गया है। वहीं, डॉ. रेड्डीज का शेयर 4.8% ऊपर चढ़कर बंद हुआ है। निफ्टी भी 524 अंकों की गिरावट के साथ 14,310 पर बंद हुआ है। कारोबार के दौरान इंडेक्स दिन के सबसे ऊपरी स्तर 14,652 तक भी पहुंचा।
शेयर बाजार में गिरावट की 3 वजह
1. देश में लगातार कोरोना के नए केस बढ़ रहे हैं। पिछले 24 घंटे में एक लाख 69 हजार 914 मामले सामने आए। यह देश में एक दिन में मिलने वाले संक्रमितों का सबसे बड़ा आंकड़ा है।
2. दुनियाभर के शेयर बाजारों में गिरावट रही। इनमें चीन का शंघाई कंपोजिट, हॉन्गकॉन्ग का हेंगसेंग और जापान का निक्केई इंडेक्स शामिल है।
3. चौथी तिमाही के नतीजों से पहले निवेशक नर्वस हैं। लगातार दो तिमाहियों में अच्छे रिजल्ट के बाद चौथी तिमाही के दौरान कोरोना का असर देखने को मिल सकता है इसीलिए निवेशक निवेश से पहले सतर्क हैं।
रिलायंस सिक्योरिटीज के स्ट्रैटेजी हेड बिनोद मोदी के मुताबिक कई राज्यों में लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते मामलों से शेयर बाजार का सेंटिमेंट बिगड़ा, जिससे निवेशकों के करीब 9 लाख करोड़ रुपए साफ हो गए। इसमें सरकारी बैंकिंग सेक्टर में सबसे ज्यादा 9% गिरा। भारी गिरावट वाले कारोबारी दिन में डॉ. रेड्डीज, सिप्ला, डिविज लैब और ब्रिटानिया के शेयरों में खरीदारी हुई। वहीं, टाटा मोटर्स, अदाणी पोर्ट, इंडसइंड बैंक और हिंडाल्को के शेयर सबसे ज्यादा गिरे।
उन्होंने बताया कि कोरोना के रिकॉर्ड नए केस और कमजोर होते रुपए की चाल से यह गिरावट जारी रह सकती है। हालांकि अमेरिकी बॉन्ड यील्ड और कच्चे तेल की कीमतों में थोड़ी राहत से बाजार को सपोर्ट मिल सकता है। ऐसे में निवेशकों को गिरावट के बीच क्वालिटी शेयरों में निवेशक की सलाह होगी।
बैंकिंग शेयर 10% तक गिरे
आज की भारी गिरावट में बैंकिंग सेक्टर के शेयर सबसे आगे हैं। निफ्टी बैंक इंडेक्स 1,656 पॉइंट यानी 5.1% नीचे 30,792 पर आ गया है। इसमें RBL और PNB बैंक के शेयर 10-10% की गिरावट के साथ बंद हुए हैं। बैंकिंग शेयरों में गिरावट की मुख्य वजह लॉकडाउन है, क्योंकि इससे बैंकिंग कारोबार पर असर पड़ रहा है।
लॉकडाउन का बाजार पर असर
इसी तरह ऑटो और मेटल सेक्टर के शेयरों में भी भारी गिरावट रही। NSE पर दोनों इंडेक्स 6% तक गिरे। हालांकि, फार्मा शेयरों में सबसे कम गिरावट रही। जबकि सरकारी बैंकिंग इंडेक्स 9% और रियल्टी इंडेक्स 7% फिसला। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए कई राज्यों में जगह-जगह लॉकडाउन लगाया जा रहा है। इससे इकोनॉमिकल एक्टिविटीज पर बुरा असर पड़ रहा है। नतीया यह है कि बाजार में चौतरफा गिरावट है।
एक्सचेंज पर 2,477 शेयरों में गिरावट
BSE पर 3,161 शेयरों में कारोबार हुआ, जिसमें 510 शेयर बढ़त और 2,477 शेयर गिरावट के साथ बंद हुए हैं। इसमें 450 शेयरों में लोअर सर्किट लगा। एक्सचेंज पर लिस्टेड कंपनियों का मार्केट 200.94 लाख करोड़ रुपए हो गया है, जो शुक्रवार को 209.63 लाख करोड़ रुपए था। इस लिहाज से मार्केट कैप 8.69 लाख करोड़ रुपए घटा है।
पहली लहर में भी बाजार लुढ़का था
पिछले साल कोरोना की वजह से 23 मार्च से बाजार में गिरावट दिखी थी। तब सेंसेक्स अपने निचले स्तर पर 25,800 पर पहुंच गया था। हालांकि, वहां से यह रिकवर कर इस साल 16 फरवरी में 52,500 के पार पहुंच गया था। लेकिन पिछले दिनों से कोरोना के नए मामलों में रिकॉर्ड बढ़ोतरी से इसमें लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है। आज कारोबार के दौरान दिन के सबसे निचले लेवल 47,755 तक भी आया।
विदेशी निवेशकों ने घरेलू मार्केट से निकाले 929 करोड़ रुपए
डिपॉजिटरी के आंकड़ों के मुताबिक 1- 9 अप्रैल के दौरान विदेशी निवेशकों यानी FII ने घरेलू मार्केट से 740 करोड़ रुपए और डेट या बॉन्ड मार्केट से 189 करोड़ रुपए निकाल चुके हैं। पिछले कुछ महीनों से विदेशी निवेशकों ने भारतीय शेयर बाजार जोरदार निवेश किया, लेकिन कोरोना के बढ़ते नए मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। इससे निवेशक अब दूसरे उभरते बाजारों में निवेश कर रहे हैं, जिनमें दक्षिण कोरिया और ताइवान शामिल है। NSE पर मौजूद प्रोविजनल डेटा के मुताबिक, 9 अप्रैल को विदेशी संस्थागत निवेशकों (FII) ने 653.51 करोड़ रुपए और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) ने 271.26 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे थे।