अग्नि आलोक
script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

शिव के ‘राज’ में सबसे करीबी और चहेते अफसर के ‘बुरे दिन’,बिना काम बैठे हैं यह अधिकारी!

Share

मध्य प्रदेश की पूर्ववर्ती शिवराज सिंह चौहान की सरकार में मुख्यमंत्री के सबसे करीबी और चहेते अफसर के ‘बुरे दिन’ चल रहे हैं। मध्य प्रदेश के सचिवालय वल्लभ भवन में न उनका कोई रुतबा बचा है, न नाम और न ही कोई काम है। हालात यह हो रही है कि उन्हें अब मंत्रालय आने में भी शर्म महसूस होने लगी है। सरकार को कामकाज संभाले हुए आज एक महीने 5 दिन का समय हो गया है, लेकिन ऐसे एक दर्जन से अधिक IAS बिना काम के बैठे हुए हैं।

दिलचस्प बात यह है कि यह सभी अधिकारी पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सबसे खास अधिकारियों में शामिल थे। शिवराज सिंह चौहान ने इन्हें मध्य प्रदेश की प्रमुख विभागों के काम दे रखे थे। यह अधिकारी सीधे ही शिवराज सिंह चौहान को रिपोर्ट करते थे। अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव अपने तरह से नए अधिकारियों की जमावट कर रहे हैं। डॉ मोहन यादव उन अधिकारियों को मौका देना चाहते हैं जो पिछले 17 वर्ष की शिवराज सरकार में हासिए पर भेज दिए गए थे।

बिना काम के बैठे हैं यह अधिकारी
दरअसल, 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद डॉक्टर मोहन यादव ने 15 दिसंबर को अधिकारियों के तबादले की पहली सूची जारी की थी। सबसे पहला नाम मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव और लोक सेवा प्रबंधन विभाग के प्रमुख सचिव मनीष रस्तोगी का था। 1994 बैच के वरिष्ठ आईएएस मनीष रस्तोगी को हटाकर मंत्रालय में बिना विभाग का प्रमुख सचिव बनाया गया था। आज भी उनके पास कोई विभाग नहीं है। मनीष रस्तोगी शिवराज सिंह चौहान की सबसे खास अधिकारियों में शुमार थे।

19 दिसंबर को मनीष सिंह का तबादला किया गया था। जनसंपर्क आयुक्त, एमडी माध्यम और एमडी मेट्रो रेल कारपोरेशन भोपाल के पद से हटाए गए। 2009 बैच के आईएएस मनीष सिंह भी बिना विभाग के अपर सचिव हैं। शिवराज सरकार में मनीष सिंह का गजब जलवा था। पूरा जनसंपर्क उनकी मुट्ठी में था। मेट्रो रेल सहित कई विभागों में मनीष सिंह दखल रखते थे। कहते हैं कि मनीष सिंह के सिर पर शिवराज सिंह चौहान का हाथ था।

21 दिसंबर को हुए तबादले में नीरज वशिष्ठ को हटा दिया गया था। 2013 बैच के आईएएस नीरज वशिष्ठ शिवराज सिंह चौहान आई ‘आंख नाक और कान’ माने जाते थे। उन्हें भी बिना विभाग का उपसचिव बनाया गया है। इसके अलावा मध्य प्रदेश में ऐसे कई आईएएस हैं जो बिना काम के बैठे हुए हैं। इनमें प्रमुख नाम तरूण राठी, सौरव सुमन और किशोर कान्याल हैं।गौरतलब कि गुना बस हादसे के बाद मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त, गुना कलेक्टर, एसपी का ट्रांसफर कर दिया था, जबकि आरटीओ और गुना के सीएमओ को सस्पेंड कर दिया था।

परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव, परिवहन आयुक्त तो नई पोस्टिंग दे दी गई, लेकिन 28 दिसंबर को गुना कलेक्टर के पद से हटाए गए कलेक्टर तरुण राठी मंत्रालय में बिना विभाग के अपर सचिव बनकर बैठे हैं। उन्हें कोई पोस्टिंग नहीं दी गई है। ड्राइवर से अभद्र व्यवहार के चलते शाजापुर कलेक्टर के पद से हटाए गए किशोर कान्याल को भी नई पोस्टिंग का इंतजार है। जबलपुर में राज्य भंडार गृह निगम में हुई गड़बड़ियों के बाद जबलपुर कलेक्टर के पद से सौरव सुमन को 4 जनवरी को हटाकर मंत्रालय में अपर सचिव बनाया गया था, लेकिन उनके पास आज भी कोई विभाग नहीं है। आर आर एस परिहार डीआईजी जबलपुर के पद से हटे थे, उन्हें भी कहीं पोस्टिंग नहीं नहीं मिल पाई है।

Recent posts

script async src="https://pagead2.googlesyndication.com/pagead/js/adsbygoogle.js?client=ca-pub-1446391598414083" crossorigin="anonymous">

Follow us

Don't be shy, get in touch. We love meeting interesting people and making new friends.

प्रमुख खबरें

चर्चित खबरें