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सार्वजनिक स्थानों पर अतिक्रमण को लेकर प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जाए : नारी चेतना मंच

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रीवा । रीवा की ऐतिहासिक धरोहरों का अस्तित्व खतरे में है । जगह-जगह हो रहे अतिक्रमण और प्रशासनिक उपेक्षा के चलते पुरातात्विक महत्व के धार्मिक स्थल भी अपना वजूद खो रहे हैं। धार्मिक  ट्रस्ट भूमाफिया के शिकार बन रहे हैं । हजारों एकड़ धार्मिक स्थानों की जमीन और स्थापित संपत्ति पर हेराफेरी और अवैध कब्जा हो रहा है । नारी चेतना मंच ने यह आरोप लगाते हुए कहा है कि इन धार्मिक संपत्तियों को भू माफिया से बचाने के कोई ठोस प्रयास नहीं हो रहे हैं बल्कि धर्म की आड़ लेकर अतिक्रमणकारी गिरोह के द्वारा बड़े पैमाने पर सरकारी एवं सार्वजनिक स्थानों पर मनमानी तरीके से अवैध कब्जा करने का गंदा खेल शुरू है । रीवा का शायद ही कोई सरकारी कार्यालय ऐसा नहीं है जहां पर इस तरह का अवैध निर्माण कार्य न हुआ हो । लोगों के उठने बैठने और बच्चों के खेलने के लिए हर मोहल्ले में बने पार्कों को धार्मिक स्थल बनाने का सुनियोजित षड्यंत्र हो रहा है । जिस तरह धार्मिक स्थलों को पार्को में नहीं बदला जा सकता , उसी तरीके से पार्को की जमीन पर धार्मिक स्थल बनाना सरासर गलत है । नारी चेतना मंच ने कहा कि धार्मिक स्थानों के लिए नियमानुसार जमीन देख कर निर्माण कार्य कराए जाएं लेकिन दूसरे सार्वजनिक उपयोग में आने वाली जमीनों का धार्मिक भावनाओं की आड़ में गंदा खेल न किया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर धर्म की आड़ में होने वाले अतिक्रमण को लेकर प्रशासन को भी जिम्मेदार माना जाना चाहिए । इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट की काफी सख्त गाइडलाइन है लेकिन यह भारी विडंबना है कि इसके बावजूद शासन प्रशासन में बैठे हुए लोग उसे पूरी तरह नजरअंदाज करके अराजक माहौल पैदा कर रहे हैं ।

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