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मप्र में प्रशासनिक ढांचा गड़बड़ाया…. राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को समय पर आईपीएस अवार्ड नहीं

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भोपाल। मप्र में प्रशासनिक ढांचा इस कदर गड़बड़ाया हुआ है कि राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के अधिकारियों को समय पर आईपीएस अवार्ड नहीं हो पा रहा है। इस कारण कई एसपीएस अधिकारी बिना आईपीएस अवार्ड के ही सेवानिवृत हो रहे हैं। आलम यह है कि एक ही साथ नौकरी शुरू करने वाले राज्य प्रशासनिक सेवा (एसएएस) और राज्य पुलिस सेवा (एसपीएस) के अधिकारियों में से एसएएस को पहले अखिल भारतीय सेवा मिल रही है, जबकि एसपीएस को एक दशक तक का इंतजार करना पड़ रहा है। इस भेदभाव से राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों में रोष है।
 हाल ही में यह मामला तेजी से उछला है कि आखिरकार एसपीएस अखिल भारतीय सेवा पाने में एसएएस के अफसरों से दस साल पीछे हो गए हैं। ऐसे में उच्च स्तर पर इस बात की कवायद तेज हो गई कि इस मामले में रिक्रूटमेंट की प्रक्रिया का ही रिव्यू होना चाहिए कि हर साल एसएएस के कितने पद निकाले जाएं। जल्द ही सरकार और एमपीपीएससी इस पर निर्णय करेगी। रिव्यू की पहल गृह विभाग ने की है। बताया गया है कि मप्र में एसपीएस अधिकारियों को आईपीएस अवॉर्ड करने के लिए पिछले माह डीपीसी हुई। इसमें 2021-2022 के कुल 16 पदों (2021 के 10 और 2022 के 6 पद) के लिए 1995-96 तक के बैच के नामों पर विचार हुआ। वर्ष 1996 के तो सिर्फ दो-तीन अधिकारियों को ही मौका मिला। जबकि इस बैच में 30 से अधिक अधिकारी हैं। इसके ठीक उलट एसएएस में 33 पदों के लिए डीपीसी हुई, जिसमें 2006 बैच तक के अधिकारियों को लिया गया। साफ है कि एसपीएस का कैडर दस साल पीछे चल रहा है।
… तो एसपीएस डेढ़ दशक पीछे हो जाएंगे
वर्तमान समय में जो स्थिति है, उसके आधार पर आकंलन करें तो इस समय अखिल भारतीय सेवा के लिए 1995-96 तक के बैच के नामों पर विचार हुआ। पुलिस के उच्च अधिकारियों का कहना है कि 2000 बैच तक पहुंचने में ही कम से कम 7-8 साल का वक्त लग जाएगा, तब तक एसएएस का मामला 2015 तक पहुंच जाएगा। यानी तब एसपीएस का अधिकारी 15 साल पीछे होगा। उनका यह भी कहना है कि इसी वजह से एसपीएस के कई अधिकारी बिना आईपीएस अवॉर्ड के ही रिटायर हो रहे हैं। यह मामला उठने के बाद एमपीपीएससी से हो रही भर्ती को ही कम करने पर विचार किया जा रहा है। मप्र में एसपीएस अफसरों को आईपीएस अवॉर्ड करने के लिए अभी कुल 97 पद हैं। इसमें भी 5 पद 2021 में हुए आईपीएस के कैडर रिव्यू के कारण बढ़े। इससे पहले 92 पद थे, जो 2015 से चले आ रहे हैं। दरअसल, 1992, 1993 और 1995 में एसपीएस की संख्या 30 से अधिक थी। इस बैच को आईपीएस अवॉर्ड करने में ही काफी वक्त लग गया। अब यही स्थिति 1996 बैच के साथ भी है। एसएएस के बैच एसपीएस की तुलना में आधे थे। इसलिए एसएएस को आईएएस अवॉर्ड जल्दी-जल्दी होता गया। एसएएस से आईएएस अवॉर्ड के लिए डीपीसी भले बाद में हुई, लेकिन एसपीएस से आईपीएस अवॉर्ड से पहले उनका नोटिफिकेशन आने वाला है। संभवत: इसमें दो-तीन दिन लगेंगे। जबकि एसपीएस से आईपीएस अवॉर्ड की डीपीसी 2 मई को हुई थी। नोटिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ। 

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