गाजा
इजरायल और फलस्तीनी उग्रवादी गुट हमास के बीच सीजफायर लागू हो गया है। इस संघर्ष विराम के ऐलान के बाद गाजा पट्टी में शांति है और लोग जश्न मना रहे हैं। 11 दिनों तक चले भीषण संघर्ष में 232 फलस्तीनी लोगों की मौत हो गई है और 12 इजरायली भी मारे गए हैं। बीमारी का खात्मा होने तक हमले जारी रखने का ऐलान करने वाले इजरायल की ओर से संघर्ष विराम का एकतरफा ऐलान किया गया।
बताया जा रहा है कि इजरायल और हमास के बीच पिछले कई दशक में यह सबसे भीषण संघर्ष था। इस दौरान हमास की ओर से जहां 4 हजार से ज्यादा रॉकेट दागे गए वहीं इजरायल ने भी गाजा में मिसाइलों और बमों की बारिश से शहर के काफी हिस्सों को खंडहर में तब्दील कर दिया। इस भीषण संघर्ष के बाद जब संघर्षविराम का ऐलान हुआ तो गाजा के लोगों के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। लोग सड़कों पर उतर आए और खुशी मनाने लगे।
दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया
गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि 10 मई से शुरू हुए संघर्ष में 232 फलस्तीनी नागरिक मारे गए हैं जिसमें 65 बच्चे और 39 महिलाएं हैं। इजरायली हमलों में 1900 से ज्यादा फलस्तीनी घायल हो गए हैं। उधर, इजरायल का दावा है कि उसने हमास और इस्लामिक जिहाद जैसे गुटों के कम से कम 160 सदस्यों को मार गिराया है। इजरायल में भी 12 लोग मारे गए हैं और सैंकड़ों लोग रॉकेट हमलों में घायल हो गए हैं।
संघर्ष विराम के बाद दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है। संघर्ष विराम के ऐलान के बाद इसका मस्जिदों में लाउड स्पीकर के जरिए ऐलान किया गया। इसमें दावा किया गया कि इजरायल के साथ ‘स्वार्ड ऑफ यरुशलम’ की जंग में जीत हासिल हुई है। दोनों ही पक्षों ने कहा है कि अगर शांति के समझौते का उल्लंघन हुआ तो वे पलटवार करने के लिए तैयार हैं।
‘बीमारी से मुक्ति चाहता है, केवल मरहम पट्टी नहीं’
बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के भारी दबाव के बाद इजरायल सीजफायर के लिए तैयार हुआ है। हालांकि कहा जा रहा है कि मिस्र की मध्यस्थता के बाद यह समझौता हुआ है। बाइडेन ने भी मिस्र के प्रयास की प्रशंसा की थी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति की शांति अपील को धता बताते हुए इजरायल ने कहा था कि वह बीमारी से मुक्ति चाहता है, केवल मरहम पट्टी नहीं। अमेरिका में इजरायली राजदूत गिलैड अर्दान ने कहा कि ‘यह युद्ध इजरायल और फलस्तीन के बीच नहीं है बल्कि इजरायल और आतंकी संगठन हमास के बीच है।’
अमेरिका के सीबीएस न्यूज के साथ बातचीत में गिलैड अर्दान ने कहा कि हम इस संघर्ष को नहीं चाहते थे। हमने संघर्ष को रोकने के लिए हर संभव प्रयास किया लेकिन हमास हिंसा को भड़काने के लिए प्रतिबद्ध था। अब हम सीजफायर की संभावना के बीच इस आतंकी मशीन को बर्बाद कर रहे हैं। हम इस समस्या का इलाज तलाश कर रहे हैं, न कि केवल मरहम पट्टी।