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आखिर कन्हैयालाल के हत्यारों को पकडऩे वाले को कांग्रेस सरकार मदद क्यों नहीं कर रही

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एस पी मित्तल, अजमेर 

पूरा देश जानता है कि सिरतन से जुदा के आव्हान पर सबसे पहली गर्दन राजस्थान के उदयपुर में धान मंडी थाना क्षेत्र के टेलर कन्हैयालाल की काटी गई थी। 28 जून 2022 को कन्हैयालाल की गर्दन तब काटी गई जब आरोपी गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज कपड़े सिलवाने के लिए नाप दे रहे थे। वारदात के बाद दोनों हत्यारे मोटर साइकिल से फरार हो गए। पुलिस के सामने इन हत्यारों को गिरफ्तार करने की बड़ी चुनौती थी, लेकिन तब राजसमंद क्षेत्र के शक्ति सिंह चुंडावत और प्रह्लाद सिंह ने जांबाजी दिखाते हुए मोटर साइकिल ही दोनों हत्यारों का पीछा किया। हत्यारे मोटरसाइकिल पर भाग रहे हैं इसकी जानकारी भी इन दोनों जांबाजों ने पुलिस को दी। आगे आगे हत्यारे पीछे पीछे इन दोनों जांबाज चल रहे थे। इन दोनों की जागरूकता की वजह से ही पुलिस ने घटना वाले दिन शाम को ही दोनों हत्यारों को दबोच लिया। तब पूरे प्रदेश में इन दोनों जांबाजों की प्रशंसा की। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी इन दोनों जांबाजों को भरोसा दिलाया कि सरकार की ओर से नौकरी दिलवाने, सुरक्षा देने और बंदूक का लाइसेंस दिलवाने में मदद की जाएगी। इन दोनों जांबाजों को राज्य स्तर पर सम्मानित करने का भरोसा भी दिलाया गया। लेकिन आज ये दोनों जांबाज डरे और सहमे हुए हैं, क्योंकि सरकार ने अपना कोई वादा पूरा नहीं किया है। भीम टॉडगढ़ से कांग्रेस के विधायक सुदर्शन सिंह रावत ने भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को पत्र लिखकर इन दोनों जांबाजों की मदद करने का आग्रह किया है। हालांकि सरकार की ओर से तो इन दोनों को कोई मदद नहीं मिली, लेकिन मृतक कन्हैयालाल के परिजनों की ओर से इन दोनों को 25-25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता की गई है। इसे अफसोसनाक ही कहा जाएगा कि जो मदद सरकार को करनी है वह कन्हैयालाल के परिजन कर रहे हैं। एक जांबाज शक्ति सिंह ने बताया कि उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी सरकार का कई बार ध्यान आकर्षित किया, लेकिन आज तक कोई मदद नहीं मिल पाई है। यदि सरकार का रवैया ऐसा ही रहा तो भविष्य में कोई भी युवा पुलिस की मदद नहीं करेगा। 

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