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अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन अवैध भारतीयों प्रवासियों पर टूटा मुसीबतों का पहाड़ ! 

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पंजाबियों पर कड़ी कार्रवाई, 609 गिरफ्तार

अमेरिका के बाद अब ब्रिटेन यानि यूनाइटेड किंगडम (यूके)  भी अवैध प्रवासियों के खिलाफ बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रहा है। हाल ही में यूके की लेबर सरकार ने अवैध प्रवासियों के खिलाफ विशेष अभियान शुरू किया, जिसमें भारतीय रेस्तरां, नेल बार, करियाना स्टोर और कार वॉश जैसे छोटे व्यवसायों को निशाना बनाया गया।   इस अभियान के तहत 828 स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें 609 लोग गिरफ्तार हुए। इनमें सबसे ज्यादा संख्या पंजाबी प्रवासियों की है, जो स्टडी या टूरिस्ट वीजा पर यूके पहुंचे थे और वीजा अवधि समाप्त होने के बाद अवैध रूप से वहां रह रहे थे।

 

यूके सरकार की सख्ती के चलते अब तक लगभग 19,000 विदेशी अपराधियों और अवैध प्रवासियों को देश से निकाला जा चुका है। इनमें भी सबसे अधिक पंजाबी शामिल हैं।  सरकार के आंकड़ों के मुताबिक, 2024 में 1,08,130 से अधिक लोगों ने यूके में शरण के लिए आवेदन किया, जो 1979 के बाद सबसे अधिक संख्या है। इनमें से 32% लोग छोटी नावों के जरिए पहुंचे थे। यूके सरकार ने अवैध प्रवासियों को नौकरी देने वाले नियोक्ताओं पर भारी जुर्माने का प्रावधान किया है। किसी अवैध कर्मचारी को रखने पर मालिक को 60,000 पाउंड (लगभग 60 लाख रुपये) तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है।  

वर्तमान में यूके में सात लाख से अधिक पंजाबी प्रवासी रह रहे हैं, जिनमें बहुसंख्यक सिख समुदाय से हैं। 2008 के बाद स्टडी वीजा में दी गई ढील के कारण बड़ी संख्या में पंजाब से युवा यूके पहुंचे। नवीनतम आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, यूके में दस लाख से अधिक छात्रों की दूसरी भाषा अंग्रेजी है, जबकि जिन छात्रों की पहली भाषा अंग्रेजी नहीं है, उनमें पंजाबी सबसे अधिक बोली जाने वाली भाषा है।  यूके में रह रहे पंजाबी समुदाय पर इस कार्रवाई का व्यापक असर पड़ सकता है, क्योंकि वहां बड़ी संख्या में पंजाबी प्रवासी छोटे व्यवसायों और रेस्तरां उद्योग से जुड़े हुए हैं।

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