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सूरत, खजुराहो, इंदौर के बाद अब पूरी में कैसे हो गया खेल? सुमित्रा महाजन बोली भाजपा के लोग नोटा दबाएंगे

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लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार और वोटिंग के बीच शह और मात का खेल भी जारी है. एक तरह सत्ताधारी एनडीए है जो कि हर एक सीट पर पूरी रणनीति के साथ मैदान में है. दूसरी ओर इंडिया गठबंधन है जो कि एनडीए को सत्ता से दूर रखने के लिए जद्दोजहद कर रही है. लोकसभा चुनाव के लिए बाकी चरणों की वोटिंग और परिणाम सामने आने से पहले इंडिया गठबंधन को कई सीटों पर पहले ही तगड़ा झटका लग चुका है. इनमें सबसे बड़ा और पहला झटका गुजरात के सूरत में लगा था. इसके बाद मध्य प्रदेश के खजुराहो फिर इंदौर और अब ओडिशा के पुरी में कांग्रेस उम्मीदवार सुचारिता मोहंती ने टिकट वापस कर दिया है.

देश में अभी तक केवल दो चरणों के ही चुनाव हुए हैं और विपक्षी इंडिया गठबंधन को चार सीटों पर तगड़ा झटका मिल चुका है. अभी देश में पांच चरणों के चुनाव बचे हुए हैं. ऐसे में आगे कुछ और सीटों पर टिकट वापस करने या फिर नामांकन खारिज होने की जैसी स्थिति देखने से इनकार नहीं किया जा सकता है. उम्मीदवारों की ओर से टिकट वापस किए जाने या फिर नामांकन वापस लिए जाने का फायदा कहीं न कहीं सीधे तौर पर बीजेपी को मिल रहा है. जहां पर ऐसी स्थिति बन रही हैं वहीं बीजेपी चुनाव परिणाम से पहले ही बढ़त की स्थिति में आ जा रही है.

पुरी लोकसभा सीट से कांग्रेस उम्मीदवार सुचारित मोहंती ने यह कहते हुए अपना टिकट वापस लौटा दिया है कि उनके पास चुनाव लड़ने के लिए फंड की कमी है. सुचारिता पत्रकार रहीं है और 2014 में कांग्रेस में शामिल हुईं थी. करीब 10 साल से स्थानीय स्तर पर पार्टी के लिए काम कर रही है. उनकी ओर से टिकट वापस किया जाना कांग्रेस के लिए बड़ा झटका है. ओडिशा में लोकसभा चुनाव भी साथ हो रहे हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि पार्टी ने पुरी लोकसभा क्षेत्र के भीतर आने वाली विधानसभा सीटों पर उनसे चर्चा किए बगैर ही उम्मीदवारों की घोषणा की है.

सुचारिता ने बीजेपी और ओडिशा की सत्ताधारी पार्टी BJD को मनी बैग्स बताया है. उन्होंने कहा कि बीजेपी की ओर से कांग्रेस के फंड को रोक दिया गया है. अभी समय है किसी और को पार्टी उम्मीदवार बना सकती है. सुचारित की ओर से टिकट लौटाए जाने के बाद कांग्रेस पुरी में नए संकट में घिर गई है. सवाल यह उठ रहा है कि अगर कांग्रेस किसी दूसरे नेता को टिकट देती है तो क्या वो चुनाव में बीजेपी और BJD को टक्कर दे पाएगी या नहीं. सुचारिता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के टिकट पर पुरी लोकसभा सीट चुनाव लड़ीं थी, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था.

पुरी की सीट से बीजेपी ने अपने राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा को उम्मीदवार बनाया हुआ है. संबित पात्रा 2019 में इसी सीट से चुनाव लड़े थे. हालांकि तब उन्हें बीजेडी के उम्मीदवार पिनाकी मिश्रा के हाथों लगभग 11000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था. वहीं, बीजेडी ने मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर रहे अरूप पटनायक को मैदान में उतारा है. ओडिशा में इस बार चार फेज में वोट डाले जाएंगे. पहले फेज के लिए 13, दूसरे फेज के लिए 20, तीसरे फेज के लिए 25 और चौथे फेज के लिए 1 जून को वोटिंग है.

कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम को लोकसभा चुनावसे ठीक पहले भाजपा में लाने का विवाद थम ही नहीं रहा है। अब पूर्व लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने भी इस घटनाक्रम पर हैरानी जताई है। एक इंटरव्यू के दौरान उन्होंने कहा कि यह घटना आश्चर्यचकित करने वाली है। ऐसा नहीं होना चाहिए था। ताई ने कहा कि मुझे बहुत से भाजपाईयों के फोन आ रहे हैं कि वे नोटा को वोट करेंगे।

कांग्रेस पार्टी ने ताई के इस वीडियो को भी ट्वीट किया है। वीडियो में ताई कह रही हैं कि इस घटनाक्रम की कोई आवश्यकता नहीं थी, क्योंकि दीवार पर लिखा हुआ है कि इंदौर में भाजपा को कोई भी नहीं हरा सकता। ताई ने आगे कहा कि कांग्रेस उम्मीदवार (बम) को ऐन चुनाव से पहले ऐसा नहीं करना चाहिए था। उसने एक तरह से अपनी पार्टी (कांग्रेस) से भी धोखा किया, लेकिन मैं ऐसे शब्दों का इस्तेमाल क्यों करूं?

ताई ने कहा कि इंदौर लोकसभा सीट के इतिहास में पहली बार यह हुआ है। इस तरह से चुनाव के पहले पाला बदलने पर शहर के कुछ पढ़े-लिखे लोगों ने मुझे फोन करके नाराजगी जताई। फोन करने वालों ने मुझसे कहा कि अब वे EVM पर NOTA का विकल्प चुनेंगे, क्योंकि भाजपा ने जो किया, वह उन्हें अच्छा नहीं लगा।

ताई ने आगे कहा कि मैंने उन लोगों को समझाया कि इस प्रकरण में भाजपा की कोई भूमिका नहीं है और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में पार्टी अपनी मूल विचारधारा पर अडिग होकर काम कर रही है और हमारे उम्मीदवार (शंकर लालवानी) मैदान में हैं, इसलिए उन्हें नोटा के बजाय भाजपा को वोट देना चाहिए। वहीं ताई ने यह भी दावा किया कि बम के कांग्रेस को झटका देकर भाजपा में आने के घटनाक्रम के पीछे की कहानी के बारे में उन्हें जानकारी नहीं है। 29 अप्रैल को अक्षय कांति बम ने कांग्रेस से लोकसभा चुनाव के लिए नामांकन वापस लिया था और भाजपा से जुड़ गए थे। अब कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम को लेकर इंदौर में कांग्रेस ने NOTA का बटन दबाने की मुहिम छेड़ दी है।

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