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 पिंक सिटी प्रेस क्लब पर काबिज होने के बाद पत्रकारों के संगठन आईएफडब्ल्यूजे का प्रतिनिधित्व गहलोत सरकार में हुआ

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एस पी मित्तल, अजमेर
गत वर्ष जब राजस्थान में सूचना एवं जनसंपर्क विभाग से जुड़ी पत्रकारों की विभिन्न समितियों का गठन हुआ था। तब पत्रकारों के सबसे बड़े संगठन माने जाने वाले आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ को इस बात की पीड़ा थी कि कमेटियों में उनके संगठन के एक भी पदाधिकारी को शामिल नहीं किया गया है। इसके लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत तक को ज्ञापन दिए गए, लेकिन अब जब जयपुर के पिंक सिटी प्रेस क्लब के चुनाव में आईएफडब्ल्यूजे का पूरा पैनल जीत गया है, तब गहलोत सरकार में इस संगठन का प्रतिनिधित्व अपने आप हो गया है। मुकेश मीणा दोबारा से पिंक सिटी प्रेस क्लब के अध्यक्ष चुने गए हैं। लेकिन इस बार मीणा आईएफडब्ल्यूजे के उम्मीदवार के तौर पर अध्यक्ष का चुनाव लड़ा था। संगठन के प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने कहा है कि हमने जो पैनल घोषित किया जिसमें कार्यकारिणी के एक सदस्य को छोड़ कर शेष सभी उम्मीदवार हमारे ही विजयी हुई है। मालूम हो कि गत वर्ष मुकेश मीणा के अध्यक्ष रहते हुए ही सीएम गहलोत पिंक सिटी प्रेस क्लब में आए थे। इसके बाद ही पत्रकारों के वेलफेयर के लिए सरकारी कमेटियों का गठन हुआ। कई कमेटियों में मुकेश मीणा शामिल रहे। पिंक सिटी प्रेस क्लब पर काबिज होने से उत्साहित आईएफडब्ल्यूजे के एक प्रतिनिधिमंडल ने एक अप्रैल को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात भी कर ली है। गहलोत को जोधपुर में होने वाले संभाग स्तरीय सम्मेलन में शामिल होने का निमंत्रण भी दिया है। गहलोत ने सम्मेलन में शामिल होने का भरोसा दिलाया है। आईएफडब्ल्यूजे के प्रदेश अध्यक्ष राठौड़ ने बताया कि मुकेश मीणा के अध्यक्ष के साथ साथ रघुवीर जांगिड़ महासचिव, राहुल गौतम कोषाध्यक्ष, पंकज शर्मा उपाध्यक्ष चुने गए हैं। इसी प्रकार राहुल भारद्वाज, विजेंद्र जायसवाल, संतोष कुमार शर्मा, पुष्पेंद्र सिंह राजावत, जितेश शर्मा, महेश पारीक, दिनेश कुमार शर्मा, नमोनारायण अवस्थी तथा विकास आर्य कार्यकारिणी सदस्य चुने गए हैं। राठौड़ ने संगठन के उम्मीदवारों को जिताने के लिए पिंकसिटी प्रेस क्लब के सभी सदस्यों का आभार प्रकट किया है। 

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