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अग्निपथ की आग … सरकार ने स्‍कीम को लेकर खोला रियायतों का पिटारा

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केंद्र सरकार ने ‘अग्निपथ’ योजना को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शनिवार को अग्निवीरों के लिए अर्धसैनिक बलों और रक्षा मंत्रालयों की नियुक्तियों में 10 फीसदी आरक्षण की घोषणा के साथ ही कई अन्य प्रोत्साहनों की घोषणा की। विपक्षी दलों की ओर से इस योजना को वापस लेने के लिए डाले जा रहे दबाव और राज्यों में हिंसक प्रदर्शनों के बीच केंद्र ने नई सैन्य भर्ती योजना को लेकर चिंताओं और शिकायतों पर खुले मन से विचार करने की भी पेशकश की।

बिहार में योजना के विरोध में बंद का आह्वान किया गया था। नई सैन्य भर्ती योजना के विरोध के चौथे दिन राज्य में एक रेलवे स्टेशन और एक पुलिस वाहन में आगजनी की गई, एक एंबुलेंस को भी उपद्रवियों ने निशाना बनाया जबकि पथराव में कई जगहों पर पुलिसकर्मियों के भी घायल होने की खबर है। वहीं, पंजाब में लुधियाना रेलवे स्टेशन पर तोड़फोड़ की गई तो पश्चिम बंगाल, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, ओडिशा और उत्तर प्रदेश में भी सड़क और रेल यातायात ‘अग्निपथ’ योजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के चलते बाधित हुआ।

रेलवे ने शनिवार को 369 ट्रेनों को रद्द कर दिया जिससे यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। एक दिन पहले भी रेलवे को विरोध प्रदर्शनों के चलते 200 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा था। ‘अग्निपथ’ के खिलाफ आंदोलन कर्नाटक और केरल सहित दक्षिणी राज्यों में भी फैल गया जहां उम्मीदवारों ने योजना को लेकर अपना विरोध दर्ज कराने के लिए कुछ स्थानों पर सड़कों पर ही ‘पुश-अप’ (सपाट मारना) किया।

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सशस्त्र बलों में भर्ती के लिए केंद्र की ‘अग्निपथ’ योजना को ‘दिशाहीन’ करार देते हुए कहा कि उनकी पार्टी इसे वापस करवाने के लिए संघर्ष का वादा करती है। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने भी अग्निपथ भर्ती योजना को वापस लेने की मांग की और कहा कि पिछले दो वर्ष में जिन उम्मीदवारों ने शारीरिक परीक्षण उत्तीर्ण कर ली है उन्हें सेना में शामिल होने के लिए लिखित परीक्षा में भाग लेने का मौका अवश्य मिलना चाहिए। उन्होंने दावा किया कि अग्निपथ योजना से सैनिकों की लड़ाकू क्षमता ‘शिथिल’ होगी तथा इससे सशस्त्र बलों में चार वर्ष सेवा देने के बाद युवा बेरोजगार हो जाएंगे और उनके भविष्य की भी सुरक्षा नहीं होगी।

कई रियायतों और प्रोत्साहनों की घोषणा
प्रदर्शनकारी युवाओं का आरोप है कि योजना के तहत चार साल के अनुबंध की समाप्ति के बाद उनके पास कोई सेवानिवृत्ति लाभ नहीं होगा और वे अधर में होंगे। युवाओं की आशंकाओं के निराकरण के लिए गृह और रक्षा मंत्रालय ने कई रियायतों और प्रोत्साहनों की घोषणा की जिससे सेवानिवृत्ति के बाद उनके पुन: रोजगार प्राप्त करने में सहायता मिलेगी।

केंद्र सरकार ने संकेत दिया कि उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और असम जैसे कई भाजपा शासित राज्यों द्वारा अग्निपथ योजना के तहत आवेदन करने के लिए युवाओं को प्रोत्साहित करने के वास्ते विभिन्न उपायों की घोषणा के बाद अन्य विभाग भी इस दिशा में काम कर रहे हैं और उन्हें आरक्षण का आश्वासन दिया है।

केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने ‘अग्निपथ’ योजना के विरुद्ध प्रदर्शन कर रहे युवाओं से हिंसा बंद करने और बातचीत के लिए आगे आने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि सरकार ‘खुले मन से’ उनकी शिकायतें सुनने और ‘जरूरत पड़ी’ तो बदलाव करने के लिए तैयार है।

ठाकुर ने टीवी9 मीडिया समूह की ओर से आयोजित एक सम्मेलन में कहा कि अग्निपथ योजना नरेंद्र मोदी सरकार की भविष्य में देश को ‘अधिक सुरक्षित’ बनाने और देश के युवाओं को ‘अवसर’ प्रदान करने की दिशा में लिया गया एक ‘ऐतिहासिक निर्णय’ है।

सीएपीएफ और असम राइफल्स में 10% आरक्षण
गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत रिक्तियों को ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित करने की घोषणा की। गृह मंत्री के कार्यालय ने यह जानकारी दी।

इसके अलावा ऊपरी उम्र सीमा में भी तीन साल की छूट देने की घोषणा की गई है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय के एक ट्वीट में कहा गया है, ‘गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए 10 प्रतिशत रिक्तियां ‘अग्निवीरों’ के लिए आरक्षित रखने का फैसला किया है।’

गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए ‘अग्निवीरों’ को ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट दिए जाने की भी घोषणा की।

मंत्रालय ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘गृह मंत्रालय ने सीएपीएफ और असम राइफल्स में भर्ती के लिए ‘अग्निवीरों’ को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में तीन साल की छूट देने का भी फैसला किया है। इसके अलावा, ‘अग्निवीरों’ के पहले बैच को निर्धारित ऊपरी आयु सीमा में पांच वर्ष की छूट दी जाएगी।’

वर्तमान में, अर्द्धसैनिक बलों में 18 से 23 साल आयुवर्ग के जवानों की भर्ती की जाती है।

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