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शिवराज जी,अलीराजपुर जिले में महिला बाल विकास विभाग में चल रहा अजब-गजब खेल

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भोपाल। (हिन्द न्यूज सर्विस)। प्रदेश के महिला बाल विकास विभाग की कमान इन दिनों मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के पास है लेकिन महिला बाल विकास विभाग में अलीराजपुर ही नही बल्कि पूरे प्रदेश में इस तरह का खेल जो चल रहा है कि जो शिवराज ना खाऊंगा और ना खाने दूंगा की बात अपने श्रीमुख से देश के प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी की तर्ज पर कहने लगे हैं लेकिन उनके ही अधीनस्थ महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली को देखकर लगता है उसे देखकर लगता है कि इसमें भजकलदारम् का खेल चल रहा है मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मंत्रीमण्डल के आबकारी एवं वित्त मंत्री की तरह प्रशासनिक प्रक्रिया में अज्ञान हूं फिर भी मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि किसी जिले के अधिकारी को अपने जिले के बाहर अपने अधीनस्थ अधिकारी को जिले के बाहर स्थानान्तरण करने का अधिकार है लेकिन इस प्रश्न को लेकर जब महिला बाल विकास विभाग के तमाम अधिकारियों से चर्चा की तो वह आनाकानी करते नजर आये इ

ससे यह साफ जाहिर होता है कि विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का जिले में पदस्थ महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों पर या तो कोई पकड़ नहीं है या फिर इस विभाग में शिवराज शासन की कार्यशैली के चलते भजकलदारम् का दौर जारी है तभी तो अलीराजपुर के महिला बाल विकास विभाग के तत्कालीन अधिकारी रतन सिंह गोंडिया के द्वारा दिनांक ३१/०५/२०१९ को जब इस प्रदेश में कमलनाथ की सरकार सत्ता पर काबिज थी उस दौरान एक आदेश गोंडिया ने जारी करके जिले की दो महिला बाल विकास विभाग की अधिकारियों श्रीमती सुमित्रा खोड़े विकासखंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी जोबट जिला अलीराजपुर को प्रभारी महिला बाल विकास परियोजना खकनार जिला बुरहानपुर स्थानान्तरण किया गया तो वहीं इसी जिले के एक अधिकारी शैलेन्द्रसिंह डाबर विकासखण्ड महिला सशक्तिकरण अधिकारी सोण्डवा जिला अलीराजपुर का स्थानान्तरण प्रभारी अधीक्षक, विशेष गृह (बालक) इन्दौर किया गया। इस संबंध में जब शिकायत महिला बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह से की गई लेकिन आज तक इस पर क्या कार्यवाही की गई इसका जवाब आज तक शिकायतकर्ता को प्राप्त नहीं हुआ मजे की बात तो यह है कि अलीराजपुर के जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास रतनसिंह गोंडिया के द्वारा शैलेन्द्र सिंह डाबर का स्थानान्तरण अलीराजपुर जिले में वापस बुला लिया। इस तरह की कार्यशैली जब उनके विभाग में चल रही है और शिकायत करने के बाद भी रतनसिंह गोंडिया पर कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है इससे कई के तरह के संदेश उजागर होते हैं तो वहीं शिवराज की कार्यशैली पर भी सवाल उठते हैं, मजे की बात यह है कि इस तरह की कारगुजारी के बाद भी लाखों रुपये का घोटाला हुआ और उस घोटाले को करने वाले अधिकारी आज भी घोटाले की रकम अपने खाते में जमा किए हुए हैं लेकिन उन्हें शासन के खजाने में जमा करने का आदेश ना तो प्रमुख सचिव अशोक शाह द्वारा दिया गया और ना ही आयुक्त महिला बाल विकास विभाग द्वारा लेकिन यह जरूर है कि बड़े मगरमच्छों को छोड़कर छोटी मछलियों को शिकार करने का खेल महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जा रहा है, इसी तरह के घोटाले में ३६ लाख के घोटाला करने वाली डॉ. निशी सिंह पर कार्यवाही ना होना विभाग के अधिकारियों के कारनामों की लोग चटकारे लेकर चर्चा कर रहे हैं। अलीराजपुर जिले के भाभरा क्षेत्र में महिला बाल विकास अधिकारी मुकेश भूरिया पर ९२ रुपये गबन के आरोप हैं लेकिन मजे की बात यह है कि यह रकम आज भी भूरिया के खाते में जमा है और इस रकम को डॉ. निशी सिंह की तरह सरकारी खजाने में जमा कराने की विभाग के अधिकारियों द्वारा आदेश नही दिये जाना भी अनेक सवाल उठा रहे हैं, तो वहीं जोबट विधानसभा क्षेत्र में शिवराज सिंह के ही अधीन महिला बाल विकास विभाग के अधिकारी पर एक लाख ६५ हजार रुपये के गबन का आरोप है लेकिन उस राशि को डॉ. निशी सिंह, मुकेश भूरिया की तरह कालूसिंह बघेल के खाते से निकालकर खजाने में जमा कराने की परवाह विभाग के प्रमुख सचिव अशोक शाह को है और न ही विभाग के आयुक्त का कुल मिलाकर इस तरह का घोटाला अकेले अलीजरापुर में महिला बाल विकास की पूरे मध्यप्रदेश में होने की चर्चायें हैं, लेकिन विभाग के अधिकारी रतन सिंह गोंडिया की तरह सभी दोषी अधिकारियों पर मेहरबान नजर आ रहे हैं, मुख्यमंत्री के अधीनस्थ विभाग महिला बाल विकास के अधिकारियों का यह खेल पता नहीं किसके इशारे पर चल रहा है यह अधिकारियों में भजकलदारम के दौर के चलते यह जांच का विषय है, लेकिन लगता नहीं कि शिवराज सिंह अपने विभाग में चल रहे इस तरह के घोटालों की जांच कराने की अपने शासन की कार्यशैली के अनुसार आदेश जारी करेंगे या नहीं इसको लेकर भी तरह-तरह के चर्चायें विभाग के लोग चटकारे लेकर करते नजर आ रहे हैं?  ०

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