एस पी मित्तल, अजमेर
7 जनवरी को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिलायंस जियो की 5जी इंटरनेट सेवा अपने प्रदेश में लॉन्च की। इस मौके पर हुए समारोह में गहलोत ने रिलायंस के मालिक मुकेश अंबानी उनके पुत्र आकाश अबंानी और 5जी के राजस्थान हैड उमेश भंडारी की भी प्रशंसा की। गहलोत ने माना कि इंटरनेट की 5जी सर्विस से कम्प्यूटर क्रांति और तेज होगी तथा रोजगार भी बढ़ेगा। उन्होंने उम्मीद जताई कि रिलायंस जियो की सेवा जल्द ही राजस्थान भर में मिलेगी। कोई मुख्यमंत्री किसी उद्योगपति और उनके कार्य की प्रशंसा करता है तो इसमें कोई बुराई नहीं है, क्योंकि प्रदेश के विकास भी निजी क्षेत्र की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उद्योगपति और बड़े कारोबारी भी चाहते हैं कि संबंधित प्रदेश के मुख्यमंत्री का संरक्षण मिलता रहे। राजस्थान में सीएम गहलोत के संरक्षण के कारण रिलायंस जियो के 5जी वाले टावर शहरों के डिवाइडरों के साथ साथ सार्वजनिक स्थलों पर भी धड़ल्ले से लगे हैं। इन टावरों की वजह से ही लोगों को इंटरनेट की हाई स्पीड मिलेगी। हालांकि राजस्थान में 5जी सेवा का लाइसेंस एयरटेल को भी मिला है, लेकिन सर्विस लॉन्च करने में रिलायंस का जियो आगे निकल गया है। स्वाभाविक है कि इसका फायदा आर्थिक रूप से मुकेश अंबानी को मिलेगा। अब राजस्थान के इंटरनेट उपभोक्ता जियो से जुड़ जाएंगे। इंटरनेट कितना जरूरी है यह सब जानते हैं। युवा पीढ़ी के लिए तो भोजन से ज्यादा जरूरी इंटरनेट है। सीएम गहलोत ने अच्छा किया कि जियो की 5जीं सेवा को लॉन्च किया, लेकिन सवाल उठता है कि आखिर अशोक गहलोत के नेता राहुल गांधी मुकेश अंबानी को देश लूटने वाला उद्योगपति क्यों बताते हैं? राहुल गांधी अपनी भारत जोड़ो यात्रा में भी अंबानी और गौतम अडानी पर तीखे हमले करते हैं। सवाल यह भी है कि यदि अडानी-अंबानी देश लूटने वाले हैं तो फिर कांग्रेस शासित राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत इन्हीं उद्योगपतियों पर इतने मेहरबानी क्यों हैं? सब जानते हैं कि अडानी समूह पर तो गहलोत जबर्दस्त मेहरबान हैं। सोलर पार्क के लिए रियायती दर पर भूमि देने के साथ साथ बिजली दर की अंतर राशि का भुगतान अडानी की कंपनी को करने के लिए उपभोक्ताओं से वसूली की जा रही है। पिछले दिनों गहलोत सरकार द्वारा आयोजित उद्योगपतियों के सम्मेलन में गौतम अडानी खास तौर से उपस्थित हुए और मंच पर सीएम गहलोत के साथ बैठे। बड़ी अजीब बात है कि अशोक गहलोत अपने प्रदेश के विकास की दुहाई देकर अडानी-अंबानी की औद्योगिक कार्य की प्रशंसा करते हैं, वहीं उनके महबूब नेता राहुल गांधी इन दोनों उद्योगपतियों को देश लूटने वाला बताते हैं। राहुल गांधी कभी भी अशोक गहलोत से यह नहीं पूछते कि राजस्थान में इन लूटरे उद्योगपतियों को सरकारी संरक्षण क्यों दिया जा रहा है? राहुल गांधी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तो आरोप लगाते हैं कि देश के प्राकृतिक संसाधन अंबानी और अडानी को बेचे जा रहे हैं,लेकिन वहीं राहुल गांधी राजस्थान में अशोक गहलोत के मुद्दे पर चुप रहते हैं। आखिर इसे किस का दोहरा चरित्र माना जाए? क्या यह राहुल गांधी से मोदी की आलोचना का एक मुद्दा छीनना नहीं है? देखा जाए तो अब अशोक गहलोत के लिए सिर्फ नरेंद्र मोदी की प्रशंसा करना शेष रह गया है। वैसे गत 25 सितंबर को गहलोत ने गांधी परिवार को खुली चुनौती दे दी। कांग्रेस के 91 विधायकों के इस्तीफे का मामला अभी भी विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी के समक्ष लंबित है। ये इस्तीफे अशोक गहलोत को ही मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए दिए गए हैं। यानी राजस्थान में कांग्रेस की सरकार अशोक गहलोत के दम पर ही चल रही है।