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देश में 4G स्मार्टफोन के रेट 4000 रुपए से भी कम, अंबानी को इससे सस्ता देना होगा

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नई दिल्ली

रिलायंस जियो का एंड्रॉयड स्मार्टफोन जियोफोन नेक्स्ट लॉन्च हो चुका है। कंपनी का दावा है कि ये दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन है। इसे जियो और गूगल ने मिलकर तैयार किया है। जियो इस स्मार्टफोन को भारत के उन 30 करोड़ लोगों तक पहुंचाना चाहता है जो 2G फीचर फोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी IIFL सिक्योरिटीज का कहना है रिलायंस इंडस्ट्रीज को स्मार्टफोन की 7.5 करोड़ यूनिट बेचने के लिए 15,000 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने की जरूरत होगी।

IIFL सिक्योरिटीज ने बताया कि मार्केट में जियोफोन नेक्स्ट की कीमत 4000 रुपए होने की चर्चा हो रही है, लेकिन शिपिंग की लागत, चीन में माइक्रो-प्रोसेसर और डिस्प्ले की कीमतें बढ़ना इसे रिलायंस इंडस्ट्रीज के लिए चुनौतीपूर्ण बना सकता है। कंपनी को अपने हर हैंडसेट पर 2000 रुपए की सब्सिडी देनी पड़ सकती है।

कैल्कुलेशन के मुताबिक, जियोफोन नेक्स्ट की कीमत करीब 4,000 रुपए रखनी पड़ेगी। वहीं इसकी हर यूनिट पर कंपनी को 2000 रुपए की सब्सिडी देने की जरूरत होगी। बाजार में अभी सबसे सस्ते 4G स्मार्टफोन की कीमत करीब 3800 रुपए है। जबकि पॉपुलर ब्रांड वाले 4G स्मार्टफोन की शुरुआती कीमत करीब 6,000 रुपए तक जाती है।

एनालिस्ट का ये भी कहना है कि भारत के 30 करोड़ से ज्यादा फीचर फोन वाले यूजर्स को जियोफोन नेक्स्ट की तरफ आकर्षित करना आसान नहीं होगा। रिलायंस के पास सिर्फ फोन की कीमत तय करना ही एकमात्र चुनौती नहीं है, बल्कि उसे इस बात पर भी ध्यान देना होगा कि लोग फोन में बेहतर इंटरफेस, एडवांस फीचर, लंबी बैटरी जैसी चीजों पर भी ध्यान दे रहे हैं।

जियोफोन नेक्स्ट की लागत निकालना भी बड़ा चैलेंज
फाइनेंशियल सर्विसेज कंपनी IIFL सिक्योरिटीज का कहना है कि भले ही जियो और गूगल इस स्मार्टफोन के लिए हल्का ऑपरेटिंग सिस्टम डेवलप करें, लेकिन इससे भी कुछ एरिया में ही कीमत में कटौती कर सकते हैं। जैसे, डिस्प्ले में करीब 5 डॉलर (लगभग 370 रुपए) और मेमोरी में करीब 4 डॉलर (लगभग 300 रुपए) से बिल ऑफ मटेरियल (BOM) की कीमत 50 डॉलर (लगभग 3700 रुपए) हो जाएगी। ऐसे में फोन की कीमत निकालना मुश्किल काम हो जाएगा।

IIFL सिक्योरिटीज का अपने एनालिसिस के आधार पर कहना है कि जियो 2 से 4 अरब डॉलर (15 से 30 हजार करोड़ रुपए) की सब्सिडी उठा सकती है, जिसे वो अपने सब्सक्राइबर्स और बाजार में बड़ी हिस्सेदारी के चलते 1 से 2 साल में कवर भी कर सकती है। ऐसे में जियो के लिए ये शानदार ऑफर हो सकता है।

गोल्डमैन सैक्स ने एक रिपोर्ट में कहा कि यदि जियोफोन नेक्स्ट की कीमत 2G फीचर फोन के बराबर यानी करीब 1100 से 1500 रुपए होती है तब जियो फाइनेंशियल ईयर 2025 तक 75 मिलियन (7.5 करोड़) नए यूजर्स जोड़ सकती है। हालांकि फोन को ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए उसे सब्सिडी देना जरूरी हो जाता है।

जियोफोन नेक्स्ट की मैन्युफैक्चरिंग कीमत क्या होगी?

इस बारे में टेक एक्सपर्ट प्रावल शर्मा ने कहा, “फोन की कीमत एक यूनिट पर नहीं, बल्कि कितने मिलियन का ऑर्डर मिल रहा है इस बात से तय की जाती है। फोन की कीमत हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर में 40-60 रेशियो में होती है। ऐसा मान सकते हैं कि कंपनी को एक 4G स्मार्टफोन की मैन्युफैक्चरिंग के लिए हार्डवेयर में करीब 1500 से 2000 रुपए खर्च करने होते हैं। इसमें भी डिस्प्ले साइज, कैमरा मेगापिक्सल का अहम रोल होता है। वहीं, सॉफ्टवेयर के लिए करीब 2000 रुपए तक खर्च करने होते हैं। जिन सॉफ्टवेयर में अपडेट नहीं मिलता उनकी कीमत कम हो जाती है।”

जियो की क्या प्लानिंग हो सकती है?
मुकेश अंबानी ने AGM में कहा था कि जियोफोन नेक्स्ट दुनिया का सबसे सस्ता स्मार्टफोन होगा। इसके बाद से ही फोन की कीमत को लेकर बाजार गरमा गया है। फोन की कीमत की चर्चा इसलिए भी हो रही है क्योंकि इससे देसी और विदेशी स्मार्टफोन कंपनियों को खतरा हो गया है। रिलायंस जियो के पास सबसे बड़ा और स्ट्रॉन्ग 4G नेटवर्क है। उसके पास 40 करोड़ से ज्यादा सब्सक्राइबर्स भी हैं। हालांकि, कंपनी का लक्ष्य देश के 2G फीचर फोन इस्तेमाल कर रहे लोगों के पास पहुंचना है। इसके लिए उसे मजबूत प्लानिंग की जरूरत होगी।

रिलायंस जियो ने जब देश में अपना 4G नेटवर्क शुरू किया था, तब उसने करीब 2 साल तक लोगों को सारी सुविधाएं फ्री दी थीं। शुरू में लोग जियो से जुड़ने में हिचकिचा रहे थे। हालांकि 4G की स्पीड से फ्री अनलिमिटेड इंटरनेट, देशभर में फ्री कॉलिंग, देशभर में फ्री रोमिंग, अनलिमिटेड मैसेज, फ्री जियो ऐप्स का लुभावना ऑफर लोगों को पसंद आया और कुछ महीनों के बाद इसका यूजरबेस मजबूत होना शुरू हो गया। ऐसे में कंपनी एक बार फिर लोगों तक जियोफोन नेक्स्ट पहुंचाने के लिए ऐसा ही दांव खेल सकती है।

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