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नफरत और सामाजिक बिखराव के बीच फिरोज खान ने अपने जिगरी दोस्त डाॅगी मैक्स के साथ लगाई डुबकी

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नफरत और सामाजिक बिखराव के बीच मुंबई में एक निजी बैंक में कैशियर फिरोज खान ने सनातन के प्रति अपनी आस्था जताई। संतों-नगाओं की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था अखाड़ा परिषद की मुसलमानों को महाकुंभ में प्रवेश न करने की चेतावनी के बीच सोमवार को कोलकाता के फिरोज खान ने अपने जिगरी दोस्त डाॅगी मैक्स और पत्नी नंदिता राजपूत के साथ डुबकी लगाई।

पौष पूर्णिमा पर सोमवार को संगम पर महाकुंभ की अद्भुत ताकत ने विश्व समुदाय का ध्यान बरबस अपनी ओर खींच लिया। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अलावा अलग-अलग अखाड़ों और धर्माचार्यों की महाकुंभ में मुसलमानों के प्रवेश न करने की चेतावनी के बावजूद फिरोज खान 14 सौ किमी की दूरी तय कर मुंबई से अपनी पत्नी काव्या और डाॅगी मैक्स के साथ संगम पहुंचे। फिरोज ने न सिर्फ गंगाजल से आचमन किया, बल्कि त्रिवेणी में पुण्य की डुबकी भी लगाई। मंगलवार को वह अखाड़ों के बाद प्रथम अमृत स्नान में भी डुबकी लगाएंगे। इससे पहले फिरोज -नंदिता ने हरिद्वार के महाकुंभ में भी हर की पैड़ी पर डुबकी लगाई थी।

नफरत और सामाजिक बिखराव के बीच मुंबई में एक निजी बैंक में कैशियर फिरोज खान ने सनातन के प्रति अपनी आस्था जताई। संतों-नगाओं की सबसे बड़ी आध्यात्मिक संस्था अखाड़ा परिषद की मुसलमानों को महाकुंभ में प्रवेश न करने की चेतावनी के बीच सोमवार को कोलकाता के फिरोज खान ने अपने जिगरी दोस्त डागी मैक्स और पत्नी नंदिता राजपूत के साथ डुबकी लगाई। दरअसल, फिरोज खान इबादत भी करते हैं और पूजा भी। इसकी बड़ी वजह उनकी पत्नी का हिंदू होना है।

दोनों ने किया है प्रेम विवाह

फिरोज ने काव्या सिंह राजपूत से प्यार होने के बाद शादी कर ली थी। खास बात यह रही कि दोनों ने अपने रिश्तेे के बीच अपनी-अपनी रवायतों को जिंदा रखने के साथ ही अपने धर्म को यथावत मानते रहने का निर्णय लिया। काव्या हमेशा गंगा स्नान करती हैैं। इस बार महाकुंभ लगने पर उन्होंने संगम में डुबकी लगाने के लिए अपने पति फिरोज से जिद की। लेकिन, अखाड़ा परिषद की चेतावनी और धर्माचार्यों की धमकी की वजह से उन्होंने पहले तो ना की फिर मान गए। फिरोज अपने खास दोस्त मैैक्स को भी साथ ले आए।

फिरोज ने काव्या और मैक्स के साथ संगम तक पहुंचने के लिए पैदल करीब आठ किमी की यात्रा की। मैक्स को उन्होंने डाॅग साइलेंसर लगा रखा था। फिरोज दिन के 11:30 बजे संगम पहुंचे। वहां उन्होंने आचमन के बाद तन-मन को पवित्र किया। त्रिवेणी की पावन धारा की पूजा की और फिर पत्नी काव्या का हाथ थाम कर डुबकी लगाने लगे। बाद में उन्होंने मैक्स को भी गंगा जल से पवित्र किया। फिरोज ने बताया कि वह पत्नी के साथ हरिद्वार कुंभ में भी डुबकी लगाने पहुंचे थे।

मैने गलत धारणा रखने वाले मुसलमानों को आगाह किया है। जो लोग खाना में पानी में थूकते या चुपके से गंदगी कर धर्म को नष्ट करने की गंदी हरकत करते हैं, ऐसे लोगों को चेताया गया है कि वह अपनी धारणा बदलें। बाकी महाकुंभ में सही धारणा लेकर आने वाले मुसलमानों का भी स्वागत है। 

– श्रीमहंत रवींद्र पुरी , अध्यक्ष-अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद।

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