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बसपा के एक और सांसद ने पार्टी छोड़ी, 10 में से पांच ‘हाथी’ से उतरे

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लोकसभा चुनाव की सरगर्मियों के बीच नेताओं का दलबदल जारी है। उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी को एक और बड़ा झटका लगा है। पार्टी सांसद मलूक नागर बसपा छोड़कर राष्ट्रीय लोकदल में शामिल हो गए हैं। बसपा सांसद गुरुवार को जयंत चौधरी के आवास पर पहुंचे और रालोद की सदस्यता ग्रहण की। जयंत चौधरी के एनडीए में जाने के बाद और चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न दिए जाने के बाद नागर जयंत चौधरी को मुबारकबाद देने भी गए थे। इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वह रालोद में शामिल हो सकते हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने 10 सीटें जीती थीं। बीते कुछ वक्त में मलूक नागर बसपा के पांचवें सांसद हैं जिन्होंने पार्टी का साथ छोड़ दिया है।

आइये जानते हैं कि 2019 में बसपा के कौन-कौन से उम्मीदवार जीतकर सांसद बने थे? अब तक इनमें से किन सांसदों ने पाला बदला है? अभी कितने सांसद पार्टी के साथ हैं? कितने मौजूदा सांसदों को टिकट मिला है? 

2019 में बसपा से कौन से उम्मीदवार जीते? 
543 सदस्यीय लोकसभा में सबसे ज्यादा 80 सीटें उत्तर प्रदेश से आती हैं। पिछली बार मायावती की पार्टी ने यूपी में सपा के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में बसपा के 10 उम्मीदवार जीतकर लोकसभा पहुंचे थे। गाजीपुर सीट से अफजाल अंसारी, लालगंज से संगीता आजाद, नगीना (एससी) से गिरीश चंद्र, अमरोहा से दानिश अली, बिजनौर से मलूक नागर, अंबेडकरनगर से रीतेश पांडे, घोसी से अतुल राय, सहारनपुर से हाजी फजलुर्रहमान, श्रावस्ती से राम शिरोमणि वर्मा और जौनपुर से श्याम सिंह यादव इनमें शामिल थे।

2019 चुनाव के बाद में कितने लोगों ने पाला बदला लिया?
अब तक पार्टी के पांच सांसद दूसरे दलों शामिल हो चुके हैं। आजमगढ़ जिले की लालगंज सीट से सांसद संगीता आजाद, अंबेडकर नगर सीट से सांसद रितेश पांडेय भाजपा में शामिल हो चुके हैं। रितेश पांडेय को भाजपा ने इस बार अंबेडकर नगर सीट से उम्मीदवार भी बना दिया है। 

अमरोहा सांसद दानिश अली कांग्रेस में शामिल हो चुके हैं। कांग्रेस ने दानिश को यहां से अपना उम्मीदवार बनाया है। इससे पहले बसपा ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के चलते दानिश को पार्टी से निकाल दिया था। 

मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी बसपा का साथ छोड़कर फिर से समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं। इसके बाद उन्हें गाजीपुर संसदीय सीट से सपा ने अपना प्रत्याशी भी घोषित कर दिया। 

पार्टी छोड़ने वालों में सबसे ताजा नाम मलूक नागर का है। बिजनौर सांसद मलूक नागर बसपा छोड़कर राष्ट्रीय लोक दल में शामिल हो गए हैं। हालांकि, रालोद पहले ही बिजनौर लोकसभा सीट पर विधायक चंदन चौहान को अपना उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। वहीं, बसपा ने यहां चौधरी विजेंद्र सिंह को प्रत्याशी घोषित करके जाट वोट बैंक को साधने की कोशिश की है। 

श्रावस्ती सांसद को पार्टी से निकाला
बसपा ने श्रावस्ती सांसद राम शिरोमणि वर्मा को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए यह कार्रवाई की गई। पिछले कुछ समय से उनके दलबदल करने को लेकर अटकलें थीं। हालांकि, सांसद ने इसे मनगढ़ंत बताया था। इस बीच, बसपा ने अनुशासनहीनता और पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में सांसद को पार्टी से बाहर कर दिया। 

इन सांसदों के काटे टिकट
सहारनपुर संसदीय सीट से सांसद हाजी फजलुर्रहमान भी इस बार बसपा के उम्मीदवार नहीं हैं। पार्टी ने यहां से माजिद अली को अपना प्रत्याशी घोषित किया है। खबरें थीं कि बसपा हाईकमान के साथ उनके रिश्ते कुछ ठीक नहीं चल रहे हैं। फजलुर्रहमान चुनाव लड़ना चाहते थे, लेकिन पार्टी ने लोकसभा क्षेत्र प्रभारी माजिद पर दांव खेला। माजिद अली सियासत में पुराने हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में पहली बार मैदान में हैं। वह बसपा की टिकट पर 2017 में विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं। वर्तमान में वार्ड 32 से जिला पंचायत सदस्य हैं। उनकी पत्नी तस्मीम बानो 2016 में जिला पंचायत अध्यक्ष निर्वाचित हुई थीं।

जौनपुर से सांसद श्याम सिंह यादव को भी बसपा ने इस बार टिकट नहीं दिया है। उनके कांग्रेस में शामिल होने की भी अटकलें थीं जब उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इससे पहले 2022 में श्याम सिंह कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा में गए थे और वहां राहुल से मुलाकात की थी। 

घोसी से सांसद अतुल राय का टिकट भी इस बार कट गया है। मौजूदा बसपा सांसद अतुल राय ने अपना अधिकांश कार्यकाल संसद के बजाय जेल में बिताया है। बसपा ने घोसी में अतुल की जगह बालकृष्ण चौहान को अपना उम्मीदवार बनाया है। पूर्व सांसद बालकृष्ण हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बसपा में आए थे। 

मायावती के करीबी सांसद को मिला टिकट 
गिरीश चंद्र बसपा के इकलौते सांसद हैं जो 2019 के बाद 2024 में भी पार्टी के टिकट पर उम्मीदवार हैं। गिरीश चंद्र वर्तमान में नगीना लोकसभा सीट से सांसद हैं। हालांकि, अबकी बार उन्हें बुलंदशहर से लड़ाया गया है। पार्टी ने नगीना से सांसद गिरीश चंद्र की जगह सुरेंद्र पाल सिंह को मैदान में उतारा है।

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में मिली हार के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती ने गिरीश चंद्र जाटव को लोकसभा में पार्टी का नेता बनाया था। इससे पहले यह जिम्मेदारी रितेश पाण्डेय के पास थी जो अब भाजपा के साथ आ चुके हैं।

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