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कैट के वैज्ञानिकों की एक और उपलब्धि:बगैर बिजली और बर्फ के माइनस 70 डिग्री पर भी कर सकेंगे वैक्सीन का परिवहन

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इंदौर

राजा रमन्ना प्रगत प्रौद्योगिकी केंद्र (आरआर कैट) के वैज्ञानिकों ने एक और उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बर्फ और बिजली का उपयोग किए बगैर वैक्सीन के भंडारण और परिवहन की तकनीक ईजाद की है। लिक्विड नाइट्रोजन से चलने वाले इस सिस्टम में किसी भी वैक्सीन को माइनस 70 डिग्री तापमान तक रखा जा सकता है।

एक ही बॉक्स को भंडारण और परिवहन के लिए भी उपयोग किया जा सकता है। स्थापना दिवस पर हुए कार्यक्रम में आरआर कैट के निदेशक देबाशीष दास ने भारत सरकार के प्रमुख वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन को इसकी जानकारी दी। टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के जरिए आरआर कैट इसे उद्योगों के लिए मुहैया भी करवा रहा है। इस तकनीक में किसी भी आकार के कंटेनर को ऊष्मारोधी बनाकर लिक्विड नाइट्रोजन के जरिए तापमान नियंत्रित किया जाता है।

इसके जरिए साढ़े चार सौ लीटर लिक्विड नाइट्रोजन की मदद से 2 से 8 डिग्री के तापमान पर वैक्सीन को चार दिन ठंडा रखा जा सकता है। कैट ने जो प्रोटोटाइप तैयार किया है, उसकी क्षमता 266 क्यूबिक मीटर की है। कोविड अभियान के टीकाकरण अधिकारी के अनुसार देशभर में अभी कोरोना टीका का परिवहन बर्फ से ठंडे किए जा रहे कोल्ड बॉक्स में हो रहा है। उनकी अपनी समय सीमा होती है।

कोरोना ने दिए कई अवसर : डॉ. राघवन
स्थापना दिवस पर ऑनलाइन हुए कार्यक्रम में निदेशक डॉ. देबाशीष दास ने संस्थान की उपलब्धियों का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया है। इस मौके पर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद डॉ. राघवन ने कहा कि कोरोना महामारी में कई चुनौतियां सामने आईं, लेकिन देश के वैज्ञानिकों ने उन्हें अपनी काबिलियत के दम पर अवसरों में बदला है। वैक्सीन भंडारण और परिवहन की नई तकनीक के लिए उन्होंने कैट और वैज्ञानिकों की तारीफ की।

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