इंदौर, राजेश ज्वेल। नगर निगम में उजागर हुए फर्जी बिल महाघोटाले में कई खुलासे हो रहे हैं। दूसरी तरफ शासन स्तर पर भी इसकी जांच की जा रही है। हालांकि इसके क्या परिणाम होंगे यह तो निकट भविष्य में पता चलेगा। फिलहाल पुलिस अवश्य आरोपियों की संख्या जांच के चलते बढ़ाती रही है। पिछले दिनों जिस आएस इन्फ्रास्ट्रक्चर का मामला सामने आया, जिसमें फर्म संचालक राजेन्द्र शर्मा के खिलाफ पुलिस ने गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज भी कर लिया। जबकि राजेन्द्र 15 हजार रुपए की नौकरी करने वाला मामूली जिम ट्रेनर और पांचवीं पास है।
नगर निगम के शातिर अभियंता अभय राठौर और ऑडिट तथा लेखा शाखा के कर्मचारियों ने ठगोरी फर्मों के साथ मिलकर जो 150 करोड़ रुपए का महाघोटाला किया उसमें कई बेकसूरों को भी फंसा दिया। दरअसल, इन फर्मों का गठन कई कर्मचारियों के नाम पर कराया गया और उनके बैंक खाते खुलवाए, ताकि निगम से जो राशि आए वह बैंक खातों में जमा हो और वहां से निकालकर उसकी बंदरबांट की जा सके। इसी तरह का एक कर्मचारी मौसम व्यास भी फंसा, जो ईश्वर इंटरप्राइजेस का कर्ताधर्ता बताया गया, मगर वह भी फरार और इस महाघोटाले का एक बड़ा चेहरा एहतेशाम उर्फ एजाज खान का कर्मचारी है। इसी तरह एजाज खान ने एक अन्य बेकसूर को भी इस महाघोटाले में उलझा दिया। अग्रिबाण को मिली जानकारी के मुताबिक जिस आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी करोड़ों के घोटाले का आरोपी माना गया है उसका प्रोप्राइटर राजेन्द्र शर्मा निवासी बालदा कॉलोनी एक मामूली जिम ट्रेनर है, जो कि रणजीत हनुमान रोड स्थित एक जिम पर मात्र 15 हजार रुपए महीने की नौकरी करते हुए ट्रेनिंग देता है। इसी जिम में उसकी मुलाकात एजाज नाम के व्यक्ति से हुई और उसने उसे 10-20 हजार रुपए देकर उसके नाम से फर्म भी बना ली।
राजेन्द्र शर्मा खुद 5वीं पास है और उसका आधार कार्ड लेकर फर्म बनाने के साथ-साथ एजाज ने बैंक खाता भी खुलवा लिया और उस खाते का संचालन भी उसी के द्वारा किया जाता रहा। जैसे ही निगम से फर्जी बिल की राशि खाते में आती वह पूरी राशि निकाल लेता। अभी जब पुलिस ने राजेन्द्र के घर दबिश दी तब उनके परिजनों को इस फर्जीवाड़े की जानकारी पता चली। राजेन्द्र का पूरा परिवार गरीब है और एक-दो बार ही एजाज ने उसे 10-20 हजार रुपए दिए और उसके दस्तखत का इस्तेमाल करते हुए फर्म बनाई और बैंक खाता खुलवा लिया। उल्लेखनीय है कि एजाज खान निगम के ही चर्चित बेलदार असलम खान का भाई है और पुलिस को कई फर्जी फर्मों के मामले में उसकी तलाश है। मेट्रो कंस्ट्रक्शन, एवन इंटरप्राइजेस और अल्फा फर्में उसके नाम पर, तो कास्मो इंजीनियरिंग उसकी माँ बिल्किस खान के नाम पर है। दरअसल इस शातिर लूटेरी गैंग ने राजेन्द्र शर्मा जैसे कई बेकसूरों को अपने जाल में फंसाया और 10-20 हजार रुपए का लालच देकर अब करोड़ों रुपए के इस महाघोटाले में फंसाकर आरोपी अलग बनवा दिया। उसका पूरा परिवार डरा-सहमा है और किसी से बात करने की भी हिम्मत नहीं है। एमजी रोड पुलिस ने आरएस इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी इस फर्जीवाड़े में शामिल कर राजेन्द्र शर्मा के खिलाफ गंभीर धाराओं में प्रकरण दर्ज किए हैं, जबकि अब वकील करने का भी पैसा उसके परिजनों के पास नहीं है।
निगम की जेसीबी और पोकलेन… किराए के बना डाले फर्जी बिल
स्वच्छ भारत मिशन के तहत हुए कई कामों के भी फर्जी बिल इस गैंग ने बनाए, जिसमें ट्रेंचिंग ग्राउंड में 6.69 करोड़ के उजागर हुए घोटाले के मामले में पुलिस ने पहले से ही आरोपित तीन फर्मों और उनके कर्ताधर्ताओं के खिलाफ नई एफआईआर दर्ज की है। इस मामले में एक और खुलासा यह हुआ कि अभय राठौर एंड कम्पनी ने ट्रेंचिंग ग्राउंड में जेसीबी और पोकलेन नगर निगम की ही लगाई और उसके फर्जी बिल किराए की मशीनों को लेने के बना दिए। यानी नगर निगम को दो बार टोपी पहनाई गई। पहले तो उसी की मशीनों का इस्तेमाल किया और उसके बदले किराए की मशीनें लेने का फर्जीवाड़ा कर दिया। इसमें किंग कंस्ट्रक्शन, ग्रीन कंस्ट्रक्शन और जाह्नवी इंटरप्राइजेस के खिलाफ पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिए हैं।