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*सोनम वानचुक को गिरफ्तार करना केंद्र का अक्षम्य अपराध*

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*सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी के विरोध में किया अनशन*

 *पुलिस हिरासत में राजघाट पहुंचे आंदोलनकारी*

*लद्दाख बचाओ, हिमालय बचाओ आंदोलन का समर्थन करने की अपील*

*राजघाट और 30 जनवरी लेन स्थित गांधी जी की समाधियों को सरकार के शिकंजे से मुक्त कराने की जरूरत*

   किसान संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष, पूर्व विधायक डॉ सुनीलम, आज जन आंदोलनों के राष्ट्रीय समन्वय की नेत्री मेधा पाटकर एवं पर्यावरणविद्  प्रफुल्ल सामंतरा, सुनीति, आदर्श  एवं अन्य 8 आंदोलनकारियों  द्वारा दिल्ली में आचार्य नरेंद्र देव उद्यान में किए गए अनशन में शामिल हुए। जहां से दिल्ली पुलिस ने अनशनकारियों को हिरासत में लेकर आई पी स्टेट पुलिस स्टेशन में दिन भर हिरासत में रखा, जहां प्रख्यात सामाजिक कार्यकर्ता संदीप पाण्डेय और 

अंतरराष्ट्रीय ख्यातिप्राप्त पर्यावरणविद सौम्या दत्ता ने उनसे मुलाकात की। अनशनकारियों को पुलिस हिरासत में राजघाट ले जाया गया, जहां उन्होंने गांधी जी की समाधि पर पुष्पांजलि अर्पित की ।

डॉ सुनीलम ने कहा कि लद्दाख के पर्यावरणविद सोनम वांगचुक और 150 पदयात्रियों को राजघाट की समाधि स्थल पर नहीं पहुंचने देना तथा दो दिन तक पुलिस हिरासत में रखना केंद्र सरकार का अक्षम्य अपराध है।

 डॉ सुनीलम ने कहा कि सोनम वांगचुक और सभी लद्दाखियों ने देशभर के पर्यावरण प्रेमी और लोकतंत्र प्रेमी जनता को साथ जोड़कर राष्ट्र को मजबूत बनाने का जो अवसर दिया था उसे केंद्र सरकार ने खो दिया है।

 डॉ सुनीलम ने कहा कि राजघाट और 30 जनवरी लेन स्थित गांधी जी की समाधियों को सरकार के शिकंजे से मुक्त कराने की जरूरत है।

   डॉ सुनीलम ने सोनम वांगचुक और सभी लद्दाखियों और समर्थकों को तत्काल बिना शर्त रिहा करने और प्रधानमंत्री द्वारा सीधे बात किए जाने की मांग करते हुए कहा कि सभी पर्यावरण प्रेमी, संविधान प्रेमी नागरिकों को सोनम वांगचुक द्वारा लद्दाख बचाओ, हिमालय बचाओ आंदोलन, लद्दाख को राज्य का दर्जा दो तथा लद्दाख को 6वीं अनुसूची में शामिल करने आदि मुद्दों का समर्थन करने के लिए आगे आना चाहिए।

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