एस पी मित्तल, अजमेर
वरिष्ठ आईएएस श्रीमती उषा शर्मा को राजस्थान का मुख्य सचिव बना कर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भले ही विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी को ऑब्लाइज किया हो, लेकिन उषा शर्मा को मुख्य सचिव बनाना एक अच्छा फैसला है। अब कम से कम मुख्य सचिव की भूमिका रबड़ स्टम्प वाली नहीं होगी। उषा शर्मा ने केवल प्रशासनिक समझ रखती है, बल्कि अपने विवेक से काम करती हैं। उषा शर्मा के पति बीएन शर्मा को आईएएस के पद से सेवानिवृत्ति के बाद सीएम गहलोत ने राजस्थान विद्युत नियामक आयोग का पहले ही अध्यक्ष बना रखा है। सब जानते हैं कि 31 अक्टूबर 2020 को प्रदेश के 10 आईएएस की वरिष्ठता को लांघ कर निरंजन आर्य को मुख्य सचिव बनाया था। इन 25 माह में आर्य ने सीएमओ के इशारे पर ही काम किया। आरएएस अधिकारियों को भी मुख्य सचिव से ज्यादा मुख्यमंत्री के सचिव पर निर्भर रहना पड़ता था। मुख्य सचिव कार्यालय की सारी शक्तियां सीएमओ में निहित थीं। आर्य सिर्फ आईएएस की वरिष्ठता में ही ओब्लाइज नहीं हुए बल्कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आर्य की पत्नी श्रीमती संगीता आर्य को राजस्थान लोक सेवा आयोग का सदस्य भी बना दिया। जो मुख्य सचिव दोनों तरफ से ओब्लाइज हो, उसने किस रूप में काम किया होगा, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। यूं राजनीतिक दृष्टि से ओब्लाइज तो बीएन शर्मा भी हैं, लेकिन उनकी पत्नी का मुख्य सचिव पद पर चयन उनकी प्रशासनिक योग्यता की वजह से भी हुआ है। अब कहा जा सकता है कि मुख्य सचिव का दफ्तर सिर्फ रबड़ स्टांप की तरह काम नहीं करेगा। उषा शर्मा अजमेर की कलेक्टर भी रही हैं। उम्मीद है कि अजमेर कलेक्टर वाले अंदाज में ही उषा शर्मा मुख्य सचिव के पद की जिम्मेदारी को निभाएंगी।
वीनू गुप्ता बना सकती है इतिहास:
उषा शर्मा मुख्य सचिव के पद पर 30 जून 2023 तक रहेंगी। उषा शर्मा की सेवानिवृत्ति के बाद वीनू गुप्ता सबसे वरिष्ठ आईएएस होंगी। ऐसे में वीनू गुप्ता को मुख्य सचिव बनाया जा सकता है। यदि वीनू गुप्ता मुख्य सचिव बनती है तो यह इतिहास बन जाएगा। वीनू गुप्ता 30 दिसंबर 2023 तक मुख्य सचिव रहेंगी। राजस्थान में नई सरकार का गठन 20 दिसंबर तक हो जाएगा। यानी वीनू गुप्ता के मुख्य सचिव पद पर रहते हुए ही नई सरकार बनेगी। इतिहास इसलिए बनेगा कि दिसंबर 2018 में जब राजस्थान में सत्ता परिवर्तन हुआ था, तब वीनू गुप्ता के पति डीबी गुप्ता ही प्रदेश के मुख्य सचिव थे। डीबी गुप्ता की कार्यकुशलता को देखते हुए ही कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी करीब डेढ़ वर्ष तक मुख्य सचिव बनाए रखा। गुप्ता को भले ही भाजपा सरकार की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने मुख्य सचिव बनाया हो, लेकिन अशोक गहलोत ने भी ओब्लाइज करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। आईएएस से सेवानिवृत्ति के बाद डीबी गुप्ता को राज्य सूचना आयोग का अध्यक्ष बना दिया। अशोक गहलोत जिस पर मेहरबान हो जाते हैं उसे सत्ता का सुख दोनों हाथों से बांटते हैं। गहलोत कांग्रेस नेताओं से ज्यादा रिटायर आईएएस और आईपीएस पर करते हैं। जिन संस्थानों में राजनीतिक नियुक्तियां होती हैं, उनमें भी रिटायर अधिकारियों को लगा रखा है। वीनू गुप्ता यदि जुलाई 2023 में मुख्य सचिव बनती है तो देखना होगा कि सत्ता परिवर्तन होगा या फिर कांग्रेस की सरकार ही दोबारा से बनेगी। डीबी गुप्ता ने तो मुख्य सचिव रहते हुए सत्ता परिवर्तन ही करवाया था। राजस्थान में पिछले 25 वर्षों में बारी बारी से कांग्रेस भाजपा की सरकार बन रही है। इस बार भाजपा का नंबर है।