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जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी का प्रयास पत्रकारिता पर हमला है

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एस पी मित्तल, अजमेर

5 जुलाई को जी न्यूज के एंकर रोहित रंजन की गिरफ्तारी का जो प्रयास किया गया, उसे स्वतंत्र पत्रकारिता पर हमला बताया गया है। छत्तीसगढ़ पुलिस की इस कार्यवाही के विरोध में इंडियन फेडरेशन ऑफ वर्किंग जर्नलिस्ट  एसोसिएशन की ओर से देश भर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। फेडरेशन की राष्ट्रीय समिति के सदस्य और राजस्थान इकाई के अध्यक्ष उपेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया कि 5 जुलाई को रोहित रंजन जब यूपी स्थित गाजियाबाद के अपने निवास पर थे, तब छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करने के लिए पहुंच गई। न्यूज एंकर के निवास पर पुलिस का पहुंचना पूरी तरह असंवैधानिक है। पुलिस ने गिरफ्तारी से पहले रंजन को कोई नोटिस भी नहीं दिया। छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस प्रकरण में एफआईआर दर्ज की है उसमें जी न्यूज और एंकर रोहित रंजन की ओर से माफी भी मांग ली है। इस माफी के बाद यह मामला समाप्त हो जाना चाहिए, लेकिन छत्तीसगढ़ पुलिस पत्रकारों की आवाज बंद करने के लिए असंवैधानिक कार्यवाही कर रही है। राठौड़ ने बताया कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे राहुल गांधी से जुड़े विवादित वीडियो के प्रसारण के प्रकरण में जी न्यूज ने अपने दो तकनीकी कर्मचारियों को नौकरी से भी हटा दिया है। यानी जी न्यूज को जो कार्यवाही करनी चाहिए थी वह की है। प्रबंधन द्वारा सार्वजनिक तौर पर माफी मांग लेने के बाद पुलिस कार्यवाही की कोई आवश्यकता नहीं है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि कुछ राज्यों में पुलिस तंत्र का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसी कार्यवाही पहले भी कई न्यूज एंकरों के विरुद्ध की जा चुकी है।

यह है मामला:

असल में विगत दिनों जब राहुल गांधी के वायनाड़ स्थित दफ्तर में तोडफ़ोड़ की गई थी, तब राहुल गांधी ने कहा था कि तोडफ़ोड़ करने वालों को माफ कर दिया जाना चाहिए। लेकिन राहुल गांधी के इस बयान को उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या से जोड़ दिया गया। राहुल गांधी का ऐसा वीडियो बनाया गया जिसमें प्रतीत होता है कि राहुल गांधी उदयपुर के प्रकरण में आरोपियों को माफ करने की बात कह रहे हैं। असल में राहुल गांधी का यह वीडियो एडीट कर बनाया गया, इस मामले में राजस्थान पुलिस ने भी भाजपा के सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ और अन्य व्यक्तियों पर मुकदमा दर्ज किया है। राहुल गांधी का जो वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ उसे ही जी न्यूज पर दिखाया गया। जबकि यह वीडियो पूरी तरह से गलत था। राहुल गांधी ने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, जिसमें उदयपुर के आरोपियों को माफ करने की बात कही गई हो। 

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