भोपाल/प्रणव बजाज । आगमी विधानसभा चुनाव से पहले सरकार अपना किला और मजबूत करना चाहती है। इसके लिए विधानसभा क्षेत्रों में एक समान विकास कार्य करवाया जाएगा। मुख्यमंत्री सचिवालय ने भाजपा विधायकों से क्षेत्र की 5 ऐसी विकास योजनाओं का प्रस्ताव भेजने को कहा है जो कुल 15 करोड़ रुपए तक की बजट सीमा में आते हों। इन योजनाओं को बजट प्रस्तावों में शामिल किए जाने की कवायद चल रही है। सचिवालय ने इन योजनाओं के संबंध में भाजपा विधायकों को पत्र व एसएमएस भी भेजे हैं। फोन भी किए जा रहे हैं ताकि समय पर प्रस्ताव भोपाल पहुंच जाएं। गौरतलब है कि कोरोना संक्रमण के कारण पिछले दो साल से विकास कार्य पिछड़े हुए हैं।
ऐसे में सरकार की मंशा है कि आगामी दो साल में विकास को पटरी पर लाया जाए। विधायकों से प्लान मांगने के पीछे विधानसभा चुनाव के पहले विकास कार्य कराने की तैयारी है। इधर, कांग्रेसी विधायकों को इस तरह का कोई संदेश नहीं मिलने पर उन्होंने सरकार की इस कवायद को घोर पक्षपात बताया है। मंत्रालय से भाजपा विधायकों को पत्र तो काफी पहले भेज दिए गए थे, जिनमें उन्हें कहा गया था कि बजट प्रस्तावों में शामिल कराने अपने क्षेत्र के 5 ऐसे कामों की डीपीआर बनाकर भेजें जिनसे बहुसंख्यक आबादी लाभान्वित होती हो। विधायक दल की बैठक में भी यह मुद्दा उठा था तब भी उन्हें हिदायत दी गई कि गंभीरतापूर्वक ऐसे कामों पर फोकस करें जो उन्हें अगले चुनाव में श्रेय और सहयोग दिलाने का काम करें।
कोई खेल मैदान तो कोई सामुदायिक भवन बनवाएगा
मुख्यमंत्री सचिवालय से मिले मैसेज के बाद विधायकों ने प्रस्ताव बनाना शुरू कर दिया है। मंदसौर विधायक यशपाल सिंह सिसोदिया का कहना है कि क्षेत्रीय जनता की सुविधा को देखते हुए मैंने सड़क, 4 लेन पर सेंट्रल लाइट्स, ग्रामीण क्षेत्रों में खेल मैदान बनाने के प्रस्ताव का निवेदन किया है। ये सभी क्षेत्रीय विकास के लिए आवश्यकतानुरूप हैं, इसके लिए हम डीपीआर देंगे। सागर विधायक शैलेंद्र जैन का कहना है कि सागर शहर में अब गरीबों के लिए शादी घर और सामुदायिक भवन जैसे निर्माण कार्यों के प्रस्ताव तैयार करा रहा हूं। भोपाल से योजनाओं का प्रस्ताव मांगा गया है एक- दो दिन में भेज रहा हूं। इटारसी विधायक सीतासरन शर्मा का कहना है कि मैंने 8 काम बताए हैं ताकि उनमें से किन्हीं भी 5 को मंजूरी मिल सके। होशंगाबाद बस स्टैंड व अस्पताल का उन्नयन, इटारसी में दशहरा मैदान के अलावा होशंगाबाद में एस्ट्रोटर्फ की डिमांड की गई है। नरयावली विधायक प्रदीप लारिया का कहना है कि मैंने अपने 5 कामों के प्रस्ताव भोपाल भेज दिए हैं। इनमें 2-3 सड़कें और स्टेडियम की डिमांड की गई है। साथ ही गढ़पहरा जैसे ग्रामीण क्षेत्रों के लिए सामुदायिक भवन की डीपीआर तैयार की है।
पक्षपात कर रही सरकार
उधर कांग्रेस का कहना है की सरकार पक्षपात कर रही है। भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधायक पीसी शर्मा का कहना है कि विपक्षी विधायकों से सरकार ने इस तरह के प्रस्ताव नहीं मांगे। 100 सीटों से विपक्ष काबिज है, सीएम खुद को 8 करोड़ जनता का पुजारी कहते हैं फिर यह पक्षपात क्यों? यह ठीक नहीं है, सभी विधायकों को योजनाओं के लिए बराबर फंड मिलना चाहिए। हम यह मुद्दा विधानसभा में भी उठाएंगे। जबलपुर उत्तर के विधायक विनय सक्सेना का कहना है कि मेरा दावा है कोई काम नहीं होने वाला, यह विधायकों को बरगलाने की स्कीम है। सीएम अरबों रुपए की जो घोषणाएं कर चुके हैं पहले उन पर काम शुरू करा दें। हमारे क्षेत्र की जनता की उपेक्षा ठीक नहीं। वहीं छतरपुर विधायक आलोक चतुर्वेदी का कहना है कि मुख्यमंत्री सचिवालय ने मुझसे इस संबंध में कभी बात तक नहीं की। क्षेत्र के बजट को लेकर हमसे चर्चा भी नहीं की जाती, जिनके निजी संबंध हैं उनके काम प्रस्ताव में शामिल कर लिए जाते हैं। हमारे क्षेत्र के भी छोटे-बड़े काम हैं लेकिन सुनवाई नहीं है। लांजी विधायक हिना कांवरे का कहना है कि मुख्यमंत्री तो मध्य प्रदेश के मुखिया हैं। उन्हें सभी विधायकों पर समान दृष्टि रखना चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हो रहा। प्रदेश की जनता सब कुछ देख रही है, 2023 का इंतजार है वह इसका माकूल जवाब देगी।