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बिहार कांग्रेस का पुराने चेहरों पर दांव: कटिहार से तारिक अनवर, भागलपुर से अजीत शर्मा

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2024 लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) के लिए कांग्रेस (Congress) ने बिहार की 3 सीटों- किशनगंज, कटिहार और भागलपुर पर अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान कर दिया है. पार्टी ने किशनगंज से मौजूदा सांसद मोहम्मद जावेद को टिकट दिया है. वहीं कटिहार से तारिक अनवर और भागलपुर से अजीत शर्मा पर भरोसा जताया है. कांग्रेस ने अपनी 17वीं लिस्ट में बिहार के साथ ही ओडिशा, आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल की अलग-अलग सीटों पर उम्मीदवारों के नाम की घोषणा भी की है.

बिहार में पुराने चेहरों पर दांव

कांग्रेस की बिहार के लिए ये पहली लिस्ट है. इसमें दो मुस्लिम नेताओं को टिकट मिला है. मोहम्मद जावेद किशनगंज से मौजूदा सांसद हैं. अजीत शर्मा विधायक हैं. वहीं, तारिक अनवर पार्टी के सीनियर नेताओं में से एक हैं और पार्टी का बड़ा मुस्लिम चेहरा हैं.

किशनगंज सीट पर कांग्रेस जीत की हैट्रिक लगा चुकी है. 2009 से ये सीट पार्टी के कब्जे में है. मोदी लहर में भी कांग्रेस ने यहां जीत दर्ज की थी. 2009 और 2014 में असरारुल हक कासमी सांसद चुने गए थे. वहीं 2019 में मोहम्मद जावेद ने यहां से जीत दर्ज की थी. बिहार में वो कांग्रेस के एकमात्र सांसद हैं. उन्होंने जेडीयू प्रत्याशी सैयद महमूद अशरफ को 34 हजार से ज्यादा वोटों से हराया था.

किशनगंज लोकसभा क्षेत्र में छह विधानसभा आती हैं. 2020 विधानसभा चुनाव में AIMIM ने 5 सीटों पर कब्जा जमाया था. वहीं एक सीट कांग्रेस के खाते में थी. इसके बाद साल 2022 में अख्तरुल ईमान को छोड़कर 4 AIMIM विधायक RJD में शामिल हो गए थे. ऐसे में 5 सीटों पर महागठबंधन का कब्जा होने से वोट कांग्रेस उम्मीदवार की ओर शिफ्ट हो सकता है.

इस बार कांग्रेस उम्मीदवार मोहम्मद जावेद का मुकाबला जेडीयू प्रत्याशी मुजाहिद आलम और AIMIM प्रत्याशी अख्तरुल ईमान से होगा. अगर 2019 के चुनाव की बात करें तो हार-जीत का अंतर 3.13 फीसद रहा था. कांग्रेस प्रत्याशी को 3,67,017 वोट मिले थे. वहीं जेडीयू उम्मीदवार के खाते में 3,32,551 वोट आए थे. तीसरे नंबर पर AIMIM रही थी. अख्तरुल ईमान को 2,95,029 वोट मिले थे.

तारिक अनवर पर फिर भरोसा

सीमांचल में कटिहार लोकसभा सीट भी आती है. कटिहार सीट कांग्रेस का गढ़ रह चुकी है. यहां से तारिक अनवर कांग्रेस और NCP के टिकट पर चुनाव जीत चुके हैं.

साल 1980 के लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के टिकट पर पहला चुनाव जीता था. इसके बाद 1984 में भी वह इस सीट से चुनाव जीतकर दूसरी बार लोकसभा पहुंचे. साल 1989 और 1991 में शिकस्त झेलने के बाद वो साल 1996 लोकसभा चुनाव में जीतकर तीसरी बार सदन पहुंचे. इसके बाद उन्होंने 1998 के चुनाव में चौथी बार इसी सीट से जीत हासिल की.

साल 1999 में तारिक अनवर ने कांग्रेस से बगावत कर शरद पवार और पीए संगमा के साथ मिलकर एनसीपी बनाई. हालांकि उन्हें इसका नुकसान भी उठाना पड़ा और कटिहार सीट से लगातार तीन लोकसभा चुनावों में हार का सामना करना पड़ा.

कटिहार से फिलहाल JDU के दुलाल चंद्र गोस्वामी सांसद हैं. उन्हें इस बार फिर से टिकट मिला है. ढाई दशक से इस सीट पर NDA का ही दबदबा रहा है. बीजेपी के निखिल चौधरी लगातार तीन बार सांसद रहे हैं.

कटिहार लोकसभा क्षेत्र की छह विधानसभा सीटों में बीजेपी और कांग्रेस के पास दो-दो और JDU और भाकपा (माले) के पास एक-एक सीट है. चुनाव आयोग के 2019 के आंकड़ों के मुताबिक, कटिहार लोकसभा क्षेत्र में 9 लाख 39 हजार 260 मतदाता पुरुष हैं. 8 लाख 65 हजार 305 महिला वोटर हैं और 102 थर्ड जेंडर के वोटर हैं.

जातीय जनगणना के मुताबिक, 41 फीसदी मुस्लिम, 11 फीसदी यादव, 8 फीसदी सवर्ण, 16 फीसदी वैश्य, 18 फीसदी पिछड़ा और अत्यंत पिछड़ा वर्ग और 6 फीसदी अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लोग शामिल हैं.

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