पटना: कड़कड़ाती ठंड में बिहार का सियासी पारा हाई है। आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह के तेवर से आरजेडी और जेडीयू का सियासी चाल बिगड़ गया है। आरजेडी के नेता फिलहाल कुछ भी बोलने से बच रहे हैं, लेकिन जेडीयू ने सुधाकर सिंह के साथ-साथ आरजेडी के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है। यही कारण है कि दिल्ली में बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने संकेत दे दिए हैं कि उनके खिलाफ ऐक्शन लिया जा सकता है। हालांकि तेजस्वी यादव के बयान के बाद सियासी गलियारों में कई सवाल भी तैरने लगे। जानकारों का कहना है कि सीएम नीतीश कुमार की घुड़की से आरजेडी और तेजस्वी यादव लाइन पर आ गए। लेकिन सुधाकर सिंह बैक नहीं होंगे, क्योंकि अंदरखाने बहुत बड़ा सियासी खेल खेला जा रहा है।
सुधकार सिंह पर सीएम नीतीश ने क्या कहा
दरअसल, मंगलवार को पत्रकारों ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से सुधाकर सिंह के बयान को लेकर सवाल किया। पत्रकारों का सवाल सुनने के बाद नीतीश कुमार ने अपने ही अंदाज में प्रतिक्रिया दी। सीएम नीतीश ने कहा कि यह आरजेडी का मामला है। कोई क्या बोल रहा है, यह तो वही लोग बता सकते हैं। सीएम नीतीश ने कहा कि कोई क्यों बोलता है, यह तो वही लोग बताएंगे। पार्टियों का इंटरनल चीज है। इसके बाद नीतीश कुमार कहते हैं कि हम तो उसको नोटिस भी नहीं लेते हैं। आगे नीतीश कुमार कहते हैं कि इन सब बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। हम तो नोटिस भी नहीं लेते हैं। इन सब बातों का कोई मतलब नहीं है।
सीएम नीतीश के बयान के बाद तेजस्वी ने संभाला मोर्चा
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बयान के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव सामने आए। दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि आरजेडी के अधिवेशन में तय हुआ था कि राष्ट्रीय अध्यक्ष के अलावा और किसी का हक नहीं है कि वह नेतृत्व पर टिप्पणी करे। तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर कोई नेता ऐसा करता है तो ऐसा नेता बीजेपी का समर्थक होता है। एक तरह से तेजस्वी यादव ने सुधाकर सिंह को बीजेपी का एजेंट करार दिया। तेजस्वी यादव ने कहा कि मामले को गंभीरता से लिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन सरकार या नेतृत्व के बारे में किसी भी तरह का बयान देने का अधिकार सिर्फ आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव और मुझे है।
तो सुधाकर सिंह हैं बीजेपी का एजेंट?
अब सवाल उठता है कि क्या आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह बीजेपी का एजेंट हैं? बीजेपी के इशारे पर नीतीश कुमार के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं? ये सभी सवाल तेजस्वी यादव के बयान के बाद उठ रहे हैं। हालांकि सुधाकर सिंह के बयान से तो यही लग रहा है कि वे नीतीश कुमार को पर्सनल अटैक कर रहे हैं। दूसरी ओर ये भी कहा जा रहा है कि पार्टी मैनेजमेंट की मौन सहमती है और दिखावे के लिए डैमेज कंट्रोल करने की कोशिश की जा रही है।
राजनीतिक जानकारों का कहना है कि नीतीश कुमार भले ही महागठबंधन सरकार के मुखिया हैं, लेकिन आरजेडी के विधायक और नेता उनको पचा नहीं पा रहे हैं। यूं कहे तो महागठबंधन का नेता नहीं मान रहे हैं। आरजेडी नेताओं को लग रहा है कि नीतीश कुमार तेजस्वी को बिहार का कमान देने में आनाकानी कर रहे हैं। यही कारण है कि वे बार-बार तेजस्वी को आगे बढ़ाने की बात करते हैं। जानकार तो ये भी कह रहे हैं कि सुधाकर सिंह बोल नहीं रहे हैं, बल्कि उन्हें बोलने के लिए आजाद किया गया है। यही कारण है कि सुधाकर सिंह बार-बार कह रहे हैं कि गठबंधन में रहकर नीतीश कुमार हमारे नेता ( लालू यादव ) पर हमला बोलते हैं।
तेजस्वी के तेवर के बाद भी शांत होंगे सुधाकर सिंह?
अब सवाल उठता है कि तेजस्वी यादव के तेवर के बाद आरजेडी विधायक सुधाकर सिंह शांत होंगे? शायद इसका जवाब होगाा नहीं। अगर ऐसा होता तो तेजस्वी यादव के बयान के एक-आध घंटे बाद ही सुधाकर सिंह ने नीतीश को भिखमंगा नहीं बताते। मतलब साफ है सुधाकर सिंह का सीएम नीतीश पर अटैक जारी रहेगा। भले ही बयानबाजी के कारण महागठबंधन की गांठें ही क्यों न खुल जाए।