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बिहार का छात्र आन्दोलन …इलाहाबाद से लेकर गया, पटना, आरा तक !

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छात्रों को चुन – चुनकर बेरहमी से पीटा गया, छात्रवास में घुसकर तोड़ – फोड़ की गयीं**शिक्षकों को भी निशाना बनाया गया**कई छात्रों – शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर की गयीं !*

*आरआरबी ने एनटीपीसी के लिए जो परीक्षा एवं चयन प्रक्रिया अपनायीं उसके कारण भीषण बेरोजगारी में जी रहे छात्रों को आन्दोलित किया !*

आजाद भारत का पहला छात्र आन्दोलन १९९५५ को पटना मे राज्य परिवहन की बसो में छात्रो को *विद्यार्थी रियायत* न देकर पूरा टिकट काटे जाने के विरोध मे शुरू हुआ था। छात्र आन्दोलन में अन्य मांगे शामिल करने से जनांदोलन का रूप लिया। इस आन्दोलन को कुचलने के लिए पुलिस ने गोली चालन किया जिसमें एक छात्र दीनानाथ पांडे की गोली लगने मृत्यु हुई।
सन् १९६७ को छात्र संघ ने *मनोरंजन कर* में छूट देने की मांग ने छात्र आबादी को आन्दोलन में शामिल किया और देखते – देखते इस आन्दोलन ने पटना सहित समूचे बिहार को आन्दोलित कर दिया। छात्र आन्दोलन के प्रभाव से कुछ असामाजिक तत्वों ने अपना हित साध लेने की नीयत से गांधी मैदान से लगे मोना टॉकीज और आसपास के कई  इमारतों में आगजनी किया। छात्र आन्दोलन को काबू में करने के लिए मुख्यमंत्री कृष्णवल्लभ सहाय की सरकार ने गोली चालन किया। जिसमें एक छात्र की शहादत हुई।
१९७४ में छात्रों – युवाओं के आन्दोलित मानसिकता के कारण ही लोकनायक जयप्रकाश ने पटना के गांधी मैदान से सम्पूर्ण क्रांति का नारा दिया। जीपी आन्दोलन ने शांत भारतीय जनमानस में जन – आन्दोलन का विस्तार किया।
१९९० में  वीपी की सरकार ने मंडल आयोग की सिफारिशों को लागू करने का प्रयास किया, तब उसके विरोध में एक तबके के छात्र आन्दोलित हुए लेकिन इस आन्दोलन की दशा – दिशा जीपी आन्दोलन की तरह न होकर अपनी धूरी पर ही कायम रही।
२०१० का छात्र आन्दोलन पटना से आरंभ हुई। इस आन्दोलन का आगाज़ कोचिंग संस्थानों के मनमानी के खिलाफ थी, लेकिन इसके तेवर सत्ता संस्थान के खिलाफ परिलक्षित होने लगी लेहाज़ा राज्य सरकार इस आन्दोलन को कुचलने के पुलिस का इस्तेमाल किया नतीजतन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सरकार की पुलिस ने गोली चलाया जिसमें में एक छात्र की शहादत हुई।
*रेल्वे रिक्रूटमेंट बोर्ड* ( RRB ) ने *नॉन – टेक्निकल पापुलर केटेगरीज* ( NTPC ) मे भर्ती के लिए जो परीक्षा आयोजित किया, वही बेहद दोषपूर्ण थी। छात्र, बेरोजगारी के खिलाफ समान अवसर की मांग के लिये संघर्ष कर रहे थे।  नीतीशकुमार की सरकार ने जैसे छात्रों के खिलाफ युद्ध की घोषणा का अभियान चला रही है।
*सलाम – ए – सुबह ...*

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