मुंबई: महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव की घोषणा हो चुकी है और अब ठीक एक महीने बाद मतदान प्रक्रिया होने वाली है. अभी भी सत्तारूढ़ महागठबंधन और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत पूरी नहीं हो पाई है. सीटों के आवंटन को लेकर महायुति में अभी भी खींचतान जारी है. कुछ जिलों में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना अधिक सीटें चाहती है. ऐसी चर्चा है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे अपने गृह मैदान ठाणे में अधिक से अधिक सीटें चाहते हैं. ठाणे जिले में 18 विधानसभा सीटें हैं.
ठाणे जिले में सबसे अधिक सीटों के साथ शिवसेना शिंदे गुट बड़ा भाई बनना चाहता है. सूत्रों ने जानकारी दी है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इस पर जोर दिया है. ठाणे जिले में कुल 18 विधानसभा क्षेत्र हैं. इनमें से 10 सीटों पर शिंदे गुट ने दावा किया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि बीजेपी को 6 सीटें और अजित पवार ग्रुप को 2 सीटें दी जाएंगी.
ठाणे जिले में फिलहाल 8 बीजेपी विधायक हैं. इसलिए बीजेपी अपने मौजूदा विधायकों का क्षेत्र छोड़ने को तैयार नहीं है. शिवसेना शिंदे गुट ने राज्य की अन्य दो सीटें बीजेपी को देने की तैयारी दिखाई है. हालांकि राजनीतिक हलके की नजर इस बात पर है कि क्या बीजेपी इस प्रस्ताव को स्वीकार करेगी. 2019 के विधानसभा चुनाव में ठाणे जिले की 18 में से 8 सीटों पर बीजेपी उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. तो, शिवसेना ने 6 सीटें जीतीं, एमएनएस, एसपी और निर्दलीय ने 1-1 सीट जीती और एनसीपी ने 2 सीटें जीती थी.
किसे कौन सी सीटें चाहिए?
- शिव सेना शिंदे गुट: भिवंडी ग्रामीण, शाहपुर, कल्याण ग्रामीण, अंबरनाथ, कल्याण पूर्व, कल्याण पश्चिम, ओवला मजीवाड़ा, कोपरी पचपखाड़ी, मुंब्रा कलवा, ऐरोली.
- भाजपा: ऐरोली, बेलापुर, ठाणे शहर, मीरा-भाईंदर, डोंबिवली, उल्हासनगर, मुरबाड, भिवंडी पश्चिम
- राष्ट्रवादी कांग्रेस अजीत पवार गुट: अजीत पवार समूह ने भिवंडी पूर्व, भिवंडी पश्चिम, उल्हासनगर, मुंब्रा-कलवा, मुरबाड, शाहपुर में सीटों पर दावा किया है. लेकिन, खबर है कि महागठबंधन में शामिल अन्य दलों ने उन्हें सिर्फ दो सीटें देने की तैयारी दिखाई है.