नई दिल्ली
पूर्वोत्तर के 3 राज्यों के विधानसभा चुनाव के रिजल्ट आ चुके हैं। त्रिपुरा और नगालैंड में भाजपा को फिर से बहुमत मिला है। नगालैंड में भाजपा गठबंधन को 37 और त्रिपुरा में 33 सीटें मिली हैं। मेघालय में मुख्यमंत्री कॉनराड संगमा की NPP सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। NPP के खाते में अभी 26 सीटें आई हैं, जो बहुमत से 4 सीट कम हैं। ऐसे में भाजपा और NPP फिर एक बार साथ आई हैं।
चुनाव से पहले भाजपा से गठबंधन तोड़ने वाले कॉनराड संगमा ने फोन करके गृह मंत्री अमित शाह को फोन करके सरकार बनाने में मदद मांगी। इसकी पुष्टि असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने ट्वीट करके की थी। भाजपा ने संगमा को समर्थन देने का ऐलान किया तो, उन्होंने ट्वीट करके भाजपा को समर्थन के लिए धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा- हम मेघालय की सेवा के लिए मिलकर काम करना जारी रखेंगे।
NPP को भाजपा का समर्थन पत्र
1. त्रिपुरा में भाजपा को बहुमत
त्रिपुरा में 86.10% मतदान, यह पिछले चुनाव से 4% कम
त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में 16 फरवरी को 60 सीटों पर 86.10% मतदान हुआ। यह पिछले चुनाव से 4% कम रहा। 2018 में त्रिपुरा में 59 सीटों पर 90% मतदान हुआ था। बीजेपी 35 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी। इसके साथ ही भाजपा ने लेफ्ट के 25 साल के गढ़ को ध्वस्त कर दिया था। पिछले चुनाव में जीत के बाद पार्टी ने बिप्लब देव को CM बनाया था, लेकिन मई 2022 में माणिक साहा को मुख्यमंत्री बनाया गया। पार्टी ने साहा के नेतृत्व में चुनाव लड़ा था।
2023 के चुनाव में भाजपा ने सभी 60, लेफ्ट-कांग्रेस के गठबंधन ने (क्रमश: 47 और 13 सीटों) पर चुनाव लड़ा। टिपरा मोथा पार्टी ने 42 सीटों पर चुनाव लड़ा। इस तरह राज्य में त्रिकोणीय मुकाबला की उम्मीद है। 2018 के चुनाव में भाजपा को 35, सीपीआईएम को 16 और IPFT को 7 सीटें मिली थीं। भाजपा ने सरकार बनाई थी।
2. मेघालय में NPP सबसे ज्यादा सीटों पर आगे
मेघालय: 85.27% वोटिंग, यह पिछले चुनाव से 10% ज्यादा
मेघालय में 27 फरवरी को 60 में से 59 सीटों पर मतदान हुआ। 85.27% वोटिंग हुई। सोहियोंग सीट पर UDP उम्मीदवार एचडीआर लिंगदोह के निधन की वजह से चुनाव टाल दिया गया था। 2018 में 67% वोटिंग हुई थी। इस बार NPP ने 57, कांग्रेस और BJP ने 60-60 और TMC ने 56 सीटों पर कैंडिडेट उतारे हैं।
मेघालय में 2018 में 59 सीटों पर चुनाव हुए थे। कांग्रेस ने सबसे ज्यादा 21 सीटें जीती थीं। BJP को यहां महज 2 सीटें ही मिल सकी थीं। नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) को 19 सीटें मिली थीं। इसने पीडीएफ और एचएसपीडीपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। इन्होंने मेघालय डेमोक्रेटिक अलायंस (एमडीए) बनाया। एनपीपी के कॉनराड संगमा मुख्यमंत्री हैं।
3. नगालैंड में भी भाजपा को बहुमत
नगालैंड में 85.90% वोटिंग
नगालैंड के 16 जिलों की 60 में से 59 विधानसभा सीटों पर 27 फरवरी को 85.90% वोटिंग हुई। यह पिछले साल से 10% ज्यादा है। 2018 में यहां 75% वोटिंग हुई थी। यहां 10 फरवरी को अकुलुतो विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस के कैंडिडेट खेकाशे सुमी ने नामांकन वापस ले लिया था, जिसके बाद भाजपा कैंडिडेट कजेतो किनिमी को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया। नगालैंड में अभी नेशनल डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव पार्टी की सरकार है। नेफ्यू रियो CM हैं।
एनडीपीपी 2017 में अस्तित्व में आई थी। एनडीपीपी ने तब 18 और भाजपा ने 12 सीटें जीती थीं। दोनों दलों ने चुनाव से पहले गठबंधन किया था। सरकार में एनडीपीपी, भाजपा NPP और JDU शामिल हैं।
ग्राफिक्स में देखिए, पूर्वोत्तर के तीनों राज्यों में पिछले 10 साल में भाजपा का सफर…