मप्र में भाजपा अब पूरी तरह चुनावी मोड में आ चुकी है। केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिले मंत्र और टास्क पर अमल शुरू हो गया है। बुधवार को पार्टी के बड़े नेताओं की प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक हुई, जिसमें केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, नरेंद्र सिंह तोमर, सीएम शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रहलाद पटेल , हितानंद सहित भाजपा कोर कमेटी के सदस्य शामिल हुए। बैठक में बूथ विजय संकल्प अभियान का खाका तैयार किया गया। साथ ही चुनावी की रणनीतियां बनाने और उनके क्रियान्वयन के लिए डेढ़ सौ लोगों की संचालन समिति बेनेगी। इस समिति के माध्यम से पार्टी के सभी नेता, मंत्री, विधायक, सांसद और अन्य जनप्रतिनिधियों को मैदान में सक्रिय किया जाएगा। वीडी शर्मा ने बताया कि विधानसभा चुनाव 2023 के कैंपेन को लेकर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने जो टास्क दिए हैं। उन पर अमल शुरू कर दिया गया है। इसी से जुड़े मुद्दों पर बैठक में चर्चा की गई। वीडी ने कहा कि सभी कार्यकर्ताओं को 100 फीसदी चुनावी मोड में आने को कहा गया है। बैठक में चुनावी कैलेंडर पर भी चर्चा की गई। मप्र में पिछले विधानसभा चुनाव के पहले निकाली गई जन आशीर्वाद यात्रा की तर्ज पर इस बार भी यात्राएं निकाली जाएंगी। हालांकि वीडी शर्मा ने यात्राओं की तारीखों और रूट का खुलासा नहीं किया। गौरतलब है कि मंगलवार रात प्रदेश भाजपा कार्यालय में बैठक में केंद्रीय मंत्री अमित शाह ने मप्र की विधानसभा चुनाव को लेकर काम में तेजी लाने और संगठन में कसावट लाने की नसीहत दी। शाह की नसीहत के बाद से ही मप्र भाजपा का संगठन एक्टिव हो गया है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में अमित शाह की बैठक में यह तय हुआ कि मप्र में बूथ विजय संकल्प अभियान चलाया जाएगा। पिछले विधानसभा चुनाव के पहले निकाली गई जन आर्शीवाद यात्रा की तर्ज पर अब इस बार भी यात्राएं निकाली जाएंगी। वहीं वीडी शर्मा ने पूरी ताकत से अमित शाह के निर्देशों को क्रियान्वित करने का मोर्चा संभाला, नरेंद्र सिंह तोमर ने भी चुनाव प्रबंधन के सूत्र अपने हाथों में लिए है। वहीं संगठन अपने विधायकों के कामकाज से विशेष रूप से चिंतित है। कल की भाजपा विधायक दल की बैठक में मुख्यमंत्री ने अपनी चिंताएं जाहिर की। उन्होंने दो टूक शब्दों में विधायकों को चेतावनी दी। भाजपा के करीब 100 विधायक संगठन के राडार पर हैं। संगठन के कामकाज के प्रति इनकी उदासीनता, विभिन्न अभियानों से दूरी और कार्यकर्ताओं से संवाद हीनता के कारण इनसे संगठन के दिग्गज नाराज हैं। इनमें कुछ सांसद भी शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने विधायकों और मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड तैयार किया है।
वरिष्ठों को मनाएंगे सीएम
भाजपा सूत्रों का कहना है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह से मिले निर्देश के बाद पार्टी ने काम शुरू कर दिया है। इस बैठक में दिग्गज नेताओं को महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने पर चर्चा हुई । जानकारी के अनुसार मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभालेंगे। यानी वरिष्ठ और नाराज नेताओं को खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मनाने की कोशिश करेंगे, विधायकों को सुधारने का जिम्मा भी मुख्यमंत्री ने खुद लिया है। गौरतलब है की अमित शाह ने कार्यकर्ताओं की नाराजगी की बात कही थी इसलिए कार्यकर्ताओं को मनाने और वरिष्ठ तथा नाराज नेताओं को मैदान में सक्रिय करने की जवाबदारी खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ली है। पार्टी साध्वी उमा भारती, विक्रम वर्मा,सुमित्रा ताई, गौरीशंकर शेजवार, जयंत मलैया,कुसुम मेहदेले, रघुनंदन शर्मा, जय भान सिंह पवैया ,प्रभात झा जैसे सभी नेताओं को मना कर मैदान में उतारेगी। विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों को नसीहत देने का काम खुद मुख्यमंत्री करेंगे। मुख्यमंत्री ने इसकी शुरुआत भी कर दी है। कल उन्होंने अपने निवास पर भाजपा विधायक दल की बैठक में सभी विधायकों को अपने काम को सुधारने और जनता से लगातार संपर्क करने की कड़ी हिदायत दी। उन्होंने कहा कि यदि विधायक अपने कामकाज को दुरुस्त नहीं करेंगे तो टिकट की अपेक्षा ना रखें। पार्टी 16 से 24 जुलाई तक विकास पर्व मनाने का अभियान चलाने वाली है ,जिसमें अधूरे पड़े विकास कार्यो और निर्माण कार्यों को पूरा करने के लिए सभी जनप्रतिनिधियों और मंत्रियों को मैदान में उतारा जाएगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंत्रिमंडल के अपने सदस्यों को भी कहा है कि वे , अपने विभाग के सभी पेंडिंग काम निपटा आएं और लगातार अपनी निगरानी में अधूरे निर्माण कार्यों को पूरा करें। मुख्यमंत्री मंत्री मंडल की सभी प्रत्येक बैठक में मंत्रियों को चेतावनी दे रहे हैं। सूत्रों के अनुसार अगली बार अमित शाह विस्तृत बैठक में शामिल होंगे जिसमें प्रदेश के चुनिंदा 200 से अधिक नेताओं को बुलाया जाएगा।
चुनाव प्रबंधन समिति की कमान तोमर के पास
बुधवार को हुई प्रदेश कोर कमेटी की बैठक में चुनाव अभियान को शाह के निर्देशों के अनुरूप गति देने के लिए अनेक निर्णय लिए गए। प्रदेश चुनाव प्रबंधन समिति की कमान नरेंद्र सिंह तोमर के पास रहेगी। उन्होंने सारे सूत्र संभाल लिए हैं। चुनाव की दृष्टि से भाजपा 15 से अधिक विभिन्न कमेटियां बनाने वाली है, जिसमें चुनाव संचालन, घोषणा पत्र, संकल्प पत्र, विजय संकल्प यात्रा संचालन समिति जैसी समितियां होंगी। इन समितियों में 150 से अधिक नेताओं को शामिल किया जाएगा। केंद्रीय गृह मंत्री प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्यों और विधायकों की भी क्लास ले सकते हैं। कुल मिलाकर भाजपा के सभी नेता पदाधिकारी मंत्री विधायक सांसद अन्य जनप्रतिनिधि अब चुनाव तक मैदानी मोर्चे पर रहेंगे। पी मुरलीधर राव और शिव प्रकाश भी लगातार सत्ता और संगठन को मॉनिटर कर रहे हैं। इस कारण से उनके पास भी फीडबैक है। इसी के आधार पर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी विधायकों और मंत्रियों के कामकाज की समीक्षा करेंगे तथा संगठनात्मक गतिविधियों की जानकारी लेंगे।
मप्र की मजबूती पर संघ का फोकस
सूत्रों का कहना है कि बार-बार चेतावनी दिए जाने के बावजूद भाजपा के करीब सौ विधायक और कुछ सांसद संगठन की गतिविधियों से खुद को दूर रखे हुए हैं। इन जनप्रतिनिधियों की जनता से भी दूरी है और कार्यकर्ताओं से भी संवाद नहीं है। ऐसे सभी विधायकों पर नजर रखी जा रही है। अमित शाह की अचानक हुई भोपाल यात्रा से जाहिर हुआ कि मध्यप्रदेश के मामले में आलाकमान भी कड़ा रवैया अपना रहा है, क्योंकि प्रदेश को संगठन की मजबूती के दृष्टि से मॉडल बनाने की कोशिश है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मध्य प्रदेश को संगठन की दृष्टि से एक मजबूत किला बनाना चाहता है। इसी वजह से संघ ने अपने दो वरिष्ठ प्रचारक रहे मुरलीधर राव और शिव प्रकाश को मध्यप्रदेश में तैनात किया है। इसके अलावा संघ के सह सरकार्यवाह डॉ. मनमोहन वैद्य का मुख्यालय भी भोपाल ही है। जाहिर है संघ और भाजपा का नेतृत्व मप्र के संगठन को बेहद मजबूत करना चाहता है।