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भाजपा ने प्रचार में किया नरेंद्र मोदी, अमित शाह समेत 39 नेताओं का इस्तेमाल

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मध्य प्रदेश विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार थम गया है। भाजपा ने 2018 के चुनाव परिणाम से सबक लेते हुए कोई कसर नहीं छोड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह समेत 39 नेताओं का इस्तेमाल भाजपा ने प्रचार अभियान में किया। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 160 सभाओं को संबोधित किया। 

ध्य प्रदेश की 230 सीटों पर एक चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा। तीन दिसंबर को मतगणना होगी। चुनावों की घोषणा होने के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सात दिन मध्य प्रदेश आए और 15 जनसभाओं को संबोधित किया और रोड शो किए। इसी तरह केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने सात दिन में 21 सभाओं और रोड शो को संबोधित किया। चुनाव प्रचार थमने के बाद अब कोई भी पार्टी लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगी। प्रत्याशी भी घर-घर जाकर ही जनसंपर्क कर सकेंगे।

पार्टी ने 40 नेताओं को स्टार प्रचारक बनाया था। इन स्टार प्रचारकों ने चुनावों की तारीख घोषित होने के बाद 634 जनसभाएं और रोड शो किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सात दिन में 15 जनसभाएं और रोड शो किए। गृहमंत्री अमित शाह ने सात दिन में 21 सभाएं और रोड शो किए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 28 दिन में 160 जनसभाएं की और प्रदेश की करीब-करीब सभी सीटों को साधने की कोशिश की। मुख्यमंत्री के बाद सबसे ज्यादा सभाएं केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की। उन्होंने 17 दिन में 80 जनसभाओं को संबोधित किया। इसके बाद भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा ने 21 दिन में 55 और केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने 15 दिन में 40 सभाओं को संबोधित किया। केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी 14 दिन में 38 सभाएं कीं। 

पीएम का मालवा-निमाड़ पर ज्यादा फोकस
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पूरा फोकस मालवा-निमाड़ पर था। प्रधानमंत्री के 15 में से सात कार्यक्रम मालवा-निमाड़ में थे। मालवा-निमाड़ में 66 सीटें हैं। 2018 में कांग्रेस ने यहां 35 सीटों पर जीत हासिल कर सरकार बनाई थी। भाजपा को यहां 28 सीटें ही मिली थीं। मोदी लहर में 2013 में भाजपा ने 66 सीटों में से 57 सीटें जीती थीं। प्रधानमंत्री ने महाकौशल और मध्य भारत में एक-एक, बुंदेलखंड, विंध्य और ग्वालियर-चंबल में दो-दो सभाएं कीं। 

शाह ने साधा ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा-निमाड़ 
मध्य प्रदेश चुनावों में भाजपा की कमान को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने थाम रखा था। शाह ने भी प्रदेश में 21 सभाएं की। इसमें उनको सबसे ज्यादा फोकस ग्वालियर-चंबल, महाकौशल और मालवा-निमाड़ पर रहा। मध्य भारत, विंध्य और बुंदेलखंड में भी उन्होंने कुछ सभाएं की। 

पड़ोसी राज्यों के नेताओं ने बॉर्डर की सीटों को साधा 
भाजपा के स्टार प्रचारकों की सूची में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, महाराष्ट्र के उप-मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, असम के मुख्यमंत्री हेमंता बिस्वा सर्मा, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की भी सभा कराई। योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य की अधिकतर सभाएं उत्तरप्रदेश से लगे जिलों में हुई। गुजरात की सीमा से लगी विधानसभा सीटों पर भूपेंद्र पटेल और महाराष्ट्र की सीमा वाले जिलों में फडणवीस की सभाएं कराई गई। हेमंत बिस्वा सर्मा की सभाएं हिंदू वोटरों को एकजुट करने खंडवा समेत कुछ जिलों में कराई गई।

यह रहे चुनाव में भाजपा के मुद्दे 
भाजपा ने चुनाव में सनातन, राम मंदिर जैसे मुद्दों के साथ ही कांग्रेस की 2018 में 15 माह की सरकार के कथित भ्रष्टाचार, घोटालों को गिनाया। साथ ही 2003 के पहले की दिग्विजय सरकार के समय के बदहाल सड़कें और बिजली कटौती को याद कराया। भाजपा ने दिग्विजय सिंह और कमलनाथ पर अपने बेटों को राजनीति में आगे बढ़ाने के लिए परिवारवाद का आरोप लगाया। इसके अलावा भाजपा ने केंद्र और प्रदेश सरकार की योजनाओं पर भी जनता से वोट मांगे। इसमें लाड़ली बहना योजना समेत अन्य योजनाएं शामिल हैं। 

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