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भारत में अमेरिका जैसा राष्ट्रपति सिस्टम लाना चाहती है BJP, एक देश-जयंत पाटील

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मुंबई : एनसीपी (शरद पवार) गुट के प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील का कहना है कि को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जिस ‘एक देश, एक चुनाव’ को थोपने की कोशिश की जा रही है, उसका असली मकसद भारत में अमेरिका जैसी राष्ट्रपति प्रणाली लाने का है। यह सरकार पूरे देश में एक साथ चुनाव कराने की बात भी कैसे कर सकती है, जबकि हाल ही में लोकसभा चुनाव भी कई चरणों में कराए गए।

मोदी सरकार के केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति की ‘एक देश, एक चुनाव’ (ओएनओई) रिपोर्ट को मंजूरी दे दी। विभिन्न विपक्षी दलों ने इस कदम को अव्यावहारिक बताया है।

पाटील ने कहा, ‘केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा ‘एक देश, एक चुनाव’ को मंजूरी देना डॉ. बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर द्वारा स्थापित लोकतांत्रिक ढांचे को नष्ट करने की दिशा में पहला कदम है। यह भारत में अमेरिका जैसी राष्ट्रपति प्रणाली लागू करने के उद्देश्य से उठाया गया कदम है।’

संविधान बदलने की अपनी योजना के कारण ही बीजेपी को लोकसभा चुनाव में नुकसान उठाना पड़ा। बीजेपी अब तक स्थानीय निकाय और नगर निगम चुनाव कराने से बचती आई है। यह आश्चर्यजनक है कि जो सत्तारूढ़ पार्टी लोकसभा चुनाव सात चरणों में कराती है वह ‘एक देश, एक चुनाव’ की बात कर रही है।

राज ठाकरे का तंज, ‘पहले महाराष्ट्र में नगर निकाय चुनाव तो करा लो’

उधर मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे ने भी ‘एक देश, एक चुनाव’ को लेकर बीजेपी पर जोरदार तंज कसा है। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र सरकार ‘एक देश, एक चुनाव’ कराने को लेकर इतनी ही चिंतित है, तो उसे पहले महाराष्ट्र में नगर निकायों के चुनाव कराने चाहिए। महाराष्ट्र में बीएमसी सहित कई नगर निकायों के चुनाव लंबित पड़े हैं। कई नगर निकाय तो ऐसे हैं, जो लगभग चार साल से प्रशासकों के अधीन संचालित हो रहे हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने एक उच्च स्तरीय समिति द्वारा एक साथ चुनाव कराने की सिफारिश को मंजूरी तो दे दी है, लेकिन उसे राज्यों के विचारों पर भी गौर करना चाहिए। ठाकरे ने यह भी सवाल किया कि यदि कोई राज्य सरकार गिर जाए या विधानसभा भंग हो जाए या देश में मध्यावधि लोकसभा चुनाव हो जाएं, तो इस स्थिति में क्या किया जाएगा?

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