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कर्नाटक चुनाव में बीजेपी का गुजरात मॉडल भी , मोदी का ‘परिवारवाद सिद्धांत’ भी फेल?

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के लिए बीजेपी ने तीन लिस्ट में 222 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है, लेकिन कर्नाटक में टिकट वितरण का गुजरात मॉडल फेल रहा है, कई वरिष्ठ नेताओं ने सियासी आत्मसमर्पण करने के बजाय बगावत करना ज्यादा बेहतर समझा है, नतीजा यह है कि ऐसे नेताओं को मनाने के लिए मोदी के परिवारवाद के सिद्धांत को किनारे करते हुए जो नेता मान गए हैं, उनके परिवारजनों को टिकट दिया गया है?याद रहे, पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार बीजेपी की तरफ से टिकट नहीं देने के कारण कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.

खबरों की मानें तो पूर्व मंत्री अरविंद लिंबावली को महादेवपुरा से टिकट नहीं दिया गया है, इनकी जगह महादेवपुरा आरक्षित निर्वाचन क्षेत्र से उनकी पत्नी मंजुला को बीजेपी ने टिकट दिया है, जबकि वरिष्ठ नेता कट्टा सुब्रमन्य नायडू के बेटे कट्टा जगदीश को हेब्बल से टिकट दिया गया है.

अब तक कर्नाटक में सभी दलों ने ज्यादातर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, बीजेपी ने अभी तक तीन लिस्ट जारी की हैं- पहली लिस्ट 11 अप्रैल 2023 को 189 उम्मीदवारों की, 12 अप्रैल 2023 को दूसरी लिस्ट 23 उम्मीदवारों की और 17 अप्रैल 2023 को 10 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की है, 2 सीटों पर ऐलान बाकी है.

उधर, कांग्रेस ने अभी तक 209 उम्मीदवारों का ऐलान किया है. कांग्रेस ने 25 मार्च 2023 को पहली लिस्ट में 124, दूसरी लिस्ट में 42 उम्मीदवारों को टिकट दिया है, अब तीसरी लिस्ट आएगी.

सियासी सयानों का मानना है कि विभिन्न सर्वें कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हालत खराब बता रहे हैं, ऐसे में यह देखना दिलचसप होगा कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की बगावत बीजेपी को कितना बड़ा झटका देगी?

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