एस पी मित्तल, अजमेर
14 मई को शाम छह बजे बैगलुरू में कर्नाटक के नवनिर्वाचित कांग्रेस विधायकों की बैठक हो रही है। माना जा रहा है कि इस बैठक में मुख्यमंत्री पद का निर्णय कांग्रेस हाईकमान पर छोड़ा जाएगा। हालांकि राष्ट्रीय अध्यक्ष की भूमिका कर्नाटक के नेता मल्लिकार्जुन खडग़े ही निभा रहे हैं, लेकिन अंतिम निर्णय राहुल गांधी ही करेंगे। अगले दो दिन में कर्नाटक में मुख्यमंत्री की शपथ हो जाएगी। इसके बाद ही राजस्थान में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट पर कोई बोल्ड फैसला लिया जाएगा। प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा की रिपोर्ट को सही माना जाता है तो पायलट को कांग्रेस से बाहर कर दिया जाएगा। सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने पायलट को जन संघर्ष यात्रा नहीं निकालने के लिए कहा था, लेकिन पायलट नहीं माने और 11 मई को अजमेर से जयपुर तक पदयात्रा शुरू कर दी। पायलट की यह यात्रा पूरी तरह मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खिलाफ है। हालांकि हाईकमान खास कर राहुल गांधी, सीएम गहलोत से भी खुश नहीं है, लेकिन सरकार बनाए रखने के लिए गहलोत के प्रति नरम रुख अपनाया जा रहा है। पायलट ने यात्रा निकालने में जो जल्दबाजी दिखाई, उसका फायदा गहलोत को मिल सकता है। कर्नाटक चुनाव की जीत राहुल गांधी बेहद उत्साहित हैं। इसलिए माना जा रहा है कि गहलोत पर भी अंकुश लगाया जाएगा। मौजूदा समय में गहलोत ही संगठन और सरकार के सर्वेसर्वा बने हुए हैं। हाईकमान नहीं चाहता कि गहलोत संगठन से भी ज्यादा मजबूत हो जाएं। गत 25 सितंबर को गहलोत ने विधायकों से जो खुली बगावत करवाई उससे भी हाईकमान खास कर गांधी परिवार नाराज है। हाईकमान का प्रयास होगा कि गहलोत और पायलट में आपसी समझौता हो जाए, लेकिन यदि समझौता नहीं होता तो फिर पायलट को कांग्रेस से बाहर निकलना पड़ेगा। शायद पायलट इसके लिए तैयार भी हैं। पायलट का उत्साह भी इसलिए ऊंचा है कि जन संघर्ष यात्रा को व्यापक समर्थन मिल रहा है। यदि पायलट को कांग्रेस से निकाला जाता है तो सात माह बाद होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को नुकसान होगा। हो सकता है कि पायलट आम आदमी पार्टी की ओर से मुख्यमंत्री का चेहरा हों और हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी का समर्थन मिले। यदि 15-20 सीटें भी मिलेगी तो पायलट को राजनीतिक दृष्टि से बड़ा फायदा होगा। केजरीवाल के साथ जाने पर पायलट का राज्यसभा सांसद बनना तो तय है।
पायलट को भी साथ लेकर:
कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने एक टीवी चैनल को इंटरव्यू देते हुए कहा है कि सचिन पायलट को साथ लेकर आगामी चुनाव की रणनीति बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि मेरा प्रयास है कि सबको साथ लेकर कांग्रेस की सरकार रिपीट करवाऊ। उन्होंने कहा कि नेताओं के बीच जो मतभेद हैं उन्हें जल्द ही दूर कर दिया जाएगा।
बालिकाओं को द केरला फिल्म देखना जरूरी:
हिन्दू और ईसाई लड़कियों को प्रेम जाल में फंसा कर आतंकी बनाने की सच्ची घटनाओं पर आधारित फिल्म द केरल स्टोरी को समाज की बालिकाओं को देखना जरूरी है। इसी विचार के साथ संगीता स्मृति सेवा संस्थान के माध्यम से 15 मई को दोपहर 12 बजे अजमेर के जयपुर रोड स्थित माया मंदिर सिनेमा घर में फिल्म का नि:शुल्क शो आयोजित किया गया है। संस्थान के मुखिया और समाजसेवी सुनील दत्त जैन ने बताया कि बालिकाओं में और अभिभावकों को जागरूक करने के लिए फिल्म को दिखाया जा रहा है। अन्य संस्थाएं और समाजसेवी भी ऐसी पहल कर सकते हैं। उनकी संस्था का मकसद अधिक से अधिक बालिकाओं और अभिभावकों को फिल्म दिखाना है। बालिकाएं भी इस फिल्म को देखने में के लिए उत्सुक हैं। फिल्म के शो के लिए उनकी संस्था व्यवस्था कर सकती हैं।