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ब्रेकिंग न्यूज़:NCERT 12वीं के सिलेबस में फिर बदलाव:RSS बैन वाला हिस्सा हटा

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NCERT 12वीं के सिलेबस में फिर बदलावNCERT ने 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की किताब से महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे और RSS से जुड़ी कुछ जानकारियों को हटा दिया है।सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस समेत 14 व‍िपक्षी दलों की याचिका सुनने से इनकार कर दिया। इसके बाद विपक्षी दलों ने याचिका वापस ले ली। याचिका में केंद्र सरकार पर सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाया है। वहीं, ईडी के मनी लॉन्ड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट ने दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया की न्यायिक हिरासत 17 अप्रैल, 2023 तक बढ़ा दी है। सीबीआई केस में स‍िसोदिया को पहले ही 17 अप्रैल तक जुडिशल कस्‍टडी में भेजा जा चुका है।

NCERT ने 12वीं कक्षा की पॉलिटिकल साइंस की किताब से महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे और RSS से जुड़ी कुछ जानकारियों को हटा दिया है। किताब से वो अंश हटाया है, जिसमें गांधी जी की हत्या के बाद सांप्रदायिकता फैलाने वाले संगठनों के खिलाफ कार्रवाई का जिक्र था। इसमें सरकार की ओर से RSS जैसे संगठनों पर कुछ समय के लिए बैन लगा देने की बात भी शामिल थी।

इससे पहले 12वीं कक्षा के इतिहास, नागरिक शास्त्र और हिन्दी के सिलेबस में भी बदलाव हुए थे। इस पर NCERT चीफ दिनेश सकलानी ने कहा कि कोविड की वजह से छात्रों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ, बच्चे तनाव में रहे। ऐसे में सिलेबस का भार कम करने के लिए यह फैसला लिया गया। NCERT ने किसी भी विचारधारा के दबाव में आकर ऐसा बदलाव करने की बात से साफ तौर पर इनकार किया है।

उधर, सुप्रीम कोर्ट ने CBI और ED जैसी केंद्रीय एजेंसियों के मनमाना इस्तेमाल का आरोप लगाने वाली 14 विपक्षी दलों की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। विपक्षी दलों की तरफ से सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि ED ने 121 नेताओं की जांच की, जिनमें से 95% विपक्षी दलों से हैं। वहीं CBI ने 124 नेताओं की जांच की, जिसमें से 95% से अधिक विपक्षी दलों से हैं।

CJI डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि राजनेताओं के लिए अलग से गाइडलाइन नहीं बनाई जा सकती। बेंच ने कहा कि जब आपके पास कोई व्यक्तिगत आपराधिक मामला या कई मामले तो फिर हमारे पास आ सकते हैं। सिर्फ आंकड़ों के आधार पर गाइडलाइन तय करना संभव नहीं है। कोर्ट की इस टिप्पणी के बाद विपक्षी दलों ने याचिका वापस ले ली।

1. NCERT से महात्मा गांधी से जुड़ी कई बातें हटीं, गुजरात दंगे के बारे में भी जानकारी हटाई

जून 2022 में NCERT ने एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि उनकी किताबों से क्या हटाया जाएगा और क्या जोड़ा जाएगा। आरोप लगा कि गांधी को लेकर कुछ ऐसी बातें भी हटा दी गईं, जो जून में जारी लिस्ट में थी ही नहीं। बदलाव सीधे इस साल की छपी किताबों में दिखा। इस पर NCERT के निदेशक दिनेश सकलानी ने कहा कि सिलेबस में बदलाव जून 2022 में हुआ था, हमने इस बार कुछ नया नहीं किया है। कुछ बदलाव ‘अनदेखी’ की वजह से पिछले नोटिफिकेशन में छूट गए थे।

गांधीजी की हत्या से संबंधित नाथूराम गोडसे के कुछ अंश चुपचाप एनसीईआरटी किताब से हटाए गए
एनसीईआऱटी ने किताबों से कुछ अंश ऐसे डिलीट किए, जिनकी आधिकारिक तौर पर जानकारी नहीं दी थी
एनसीईआरटी की कक्षा 06 से 12 तक की किताबों से गुजरात दंगों के भी कुछ संदर्भ चुपचाप गायब

– वह (गांधी) उन लोगों को खासतौर पर नापसंद थे, जो चाहते थे कि हिंदू बदला लें या जो चाहते थे कि भारत हिंदुओं का देश बने, ठीक वैसे ही जैसे पाकिस्तान मुसलमानों के लिए था…

– हिंदू-मुस्लिम एकता की उनकी दमदार कोशिश ने हिंदू चरमपंथियों को इस कदर उकसाया कि उन्होंने गांधीजी की हत्या की कई बार कोशिश की.

– गांधीजी की हत्या का देश में सांप्रदायिक स्थिति पर जबरदस्त जादुई प्रभाव पड़ा … भारत सरकार ने सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाले संगठनों पर नकेल कस दी. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ जैसे संगठनों पर भी कुछ समय के लिए प्रतिबंध लगाया गया…

इधर, AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा,’ NCERT ने जिन चीजों को निकाला उससे हमें आपत्ति है। गोडसे ने गांधी को इसलिए मारा क्योंकि वे हिंदू-मुस्लिम एकता के कायल थे, RSS पर बैन, लोकतंत्र के बारे में किताब में जो भी था वो सब निकाल दिया। BJP करना क्या चाहती है? आप मासूम बच्चों के दिलों में नफरत सीखा रहे हैं, आपने मुगलों का नाम मिटा दिया, ऐसा करने के बाद क्या बचेगा फिर?

नेशनल काउंसिल ऑफ एजुकेशनल रिसर्च एंड ट्रेनिंग (NCERT) ने 12वीं कक्षा की किताब से महात्मा गांधी, नाथूराम गोडसे और RSS से जुड़ी कुछ जानकारियों को हटा दिया है। द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, जून 2022 में NCERT ने एक लिस्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि उनकी किताबों से क्या हटाया जाएगा और क्या जोड़ा जाएगा।

अब NCERT पर आरोप लगा है कि गांधी को लेकर कुछ ऐसी बातें भी हटा दी गईं जो जून में जारी लिस्ट में थी ही नहीं। नई किताबें बाजारों में आ गई हैं। NCERT के मुताबिक, नया सिलेबस एकेडमिक सेशन 2023-24 से ही लागू हो रहा है। बदलाव के साथ नई किताबें बाजार में आ गई हैं।

हिन्दी की बुक से गजल और गीत भी हटाए गए
NCERT ने हिन्दी के सिलेबस में भी कुछ बदलाव किए हैं। इनमें हिंदी आरोह भाग-2 की किताब से फिराक गोरखपुरी की गजल और अंतरा भाग दो से सूर्यकांत त्रिपाठी निराला का गीत गाने दो मुझे को हटा दिया है। इसके अलावा विष्णु खरे की एक काम और सत्य को भी हटाया गया है।

सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स चैप्टर भी नहीं पढ़ाया जाएगा
मौजूदा सेशन से होने जा रहे बदलाव केवल 12वीं क्लास तक ही सीमित नहीं हैं, बल्कि 10वीं और 11वीं क्लास की बुक्स से भी कई चैप्टर हटाए गए हैं। 11वीं की बुक ‘थीम्स इन वर्ल्ड हिस्ट्री’ से ‘सेंट्रल इस्लामिक लैंड्स’, ‘संस्कृतियों का टकराव’ और ‘द इंडस्ट्रियल रेवोल्यूशन’ जैसे चैप्टर हटा दिए गए हैं। इसी तरह 10वीं की बुक लोकतांत्रिक राजनीति-2 से लोकतंत्र और विविधता, लोकप्रिय संघर्ष और आंदोलन, लोकतंत्र की चुनौतियां जैसे चैप्टर हटाए गए हैं।

स्वतंत्र भारत में राजनीति की किताब से ‘जन आंदोलन का उदय’ और ‘एक दल के प्रभुत्व का दौर’ हटा दिया गया है।

मामले से जुड़े दो बड़े राजनीतिक बयान

किसी भी विचारधारा के दबाव में आकर ये बदलाव नहीं किए गए: NCERT
NCERT चीफ दिनेश प्रसाद सकलानी ने बुधवार को कहा कि कोरोना महामारी की वजह से छात्रों की पढ़ाई का बहुत नुकसान हुआ। बच्चे तनाव में रहे। ऐसे में महसूस किया गया कि पाठ्यपुस्तकों का भार कम किया जाना चाहिए, इसलिए ही यह फैसला लिया गया। NCERT ने इस बात से इनकार किया है कि उसने किसी भी विचारधारा के दबाव में आकर ये बदलाव किए हैं।


2. विपक्ष की मांग थी- सिर्फ गंभीर अपराध में ही नेताओं की गिरफ्तारी हो, SC का इनकार
सीनियर एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी कि सरकार विपक्ष को कमजोर और डराने के लिए जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। यह लोकतंत्र और कानून के शासन के लिए नुकसानदेह है। इस पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा,’ जब आप ये कहते हैं विपक्ष का महत्व कम हो रहा है, तो इसका इलाज राजनीति में ही है, कोर्ट में नहीं। तथ्यों के अभाव में गाइडलाइन जारी करना खतरनाक होगा।

कांग्रेस के नेतृत्व में 14 विपक्षी दलों की ओर से दाखिल याचिका में गिरफ्तारी, रिमांड और जमानत को लेकर नई गाइडलाइन जारी करने की मांग की गई थी। ये मांगे थी- कोर्ट गंभीर शारीरिक हिंसा छोड़ अन्य अपराधों में गिरफ्तारी पर रोक लगाए। अगर आरोपी तय शर्तों का पालन नहीं करता है तो उन्हें कुछ घंटों की पूछताछ या फिर हाउस अरेस्ट की अनुमति ही दी जानी चाहिए।
10 ग्राम सोने की कीमत पहली बार ₹60 हजार पार, चांदी भी 74 हजार के पार निकली

सर्राफा बाजार में सोना 1,262 रुपए महंगा होकर 60 हजार 977 रुपए पर पहुंचा। ये ऑल टाइम हाई है। वहीं चांदी ₹2,822 महंगी होकर 74,522 रुपए पर पहुंच गई है, ये 31 महीने का हाई लेवल है।इससे पहले 31 मार्च को सोना सबसे महंगा हुआ था। तब इसकी कीमत 59 हजार 751 रुपए प्रति 10 ग्राम थी। एक्सपर्ट के मुताबिक, साल के आखिर तक सोने की कीमतें 65 हजार प्रति 10 ग्राम तक जा सकती हैं।

1 अप्रैल से सोने को लेकर नए नियम लागू हुए हैं। इसके तहत 6 डिजिट वाले अल्फान्यूमेरिक हॉलमार्किंग के बिना सोना नहीं बिकेगा। जैसे आधार कार्ड पर 12 अंकों का कोड होता है, उसी तरह से सोने पर 6 अंकों का हॉलमार्क कोड (एग्जाम्पल-AZ4524) होगा। इसे हॉलमार्क यूनीक आइडेंटिफिकेशन नंबर (HUID) कहते हैं। इसके जरिए ये पता करना संभव होगा कि कोई सोना कितने कैरेट का है।

4. हनुमान जयंती पर राज्यों को एडवाइजरी, केंद्र ने कहा- माहौल बिगाड़ने वालों पर नजर रखें
गृह मंत्रालय ने हनुमान जयंती को लेकर सभी राज्यों के लिए एडवाइजरी जारी की। इसमें कहा गया है कि राज्य हर ऐसी चीज पर नजर रखें, जिससे साम्प्रदायिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका हो। उधर, कलकत्ता हाईकोर्ट ने कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बंगाल सरकार को निर्देश दिए हैं। हाईकोर्ट ने कहा- अगर आपके पास पुलिस कम है तो आप केंद्र से फोर्स मांगिए।

30 मार्च को रामनवमी पर पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, गुजरात, दिल्ली और उत्तर प्रदेश में हिंसा हुई थी। इसके बाद 3 दिनों तक इन राज्यों के कुछ इलाकों में तनाव बना रहा था। इन राज्यों में 100 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए थे। सबसे ज्यादा बिहार और बंगाल प्रभावित हुआ। इधर, हनुमान जयंती से एक दिन पहले दिल्ली पुलिस ने जहांगीर पुरी इलाके में फ्लैग मार्च किया। पिछले साल यहां हिंसा भड़की थी।

5. इजराइल के पास हैं एटमी हथियार, पूर्व PM एहुद बराक का सोशल मीडिया पर खुलासा

इजराइल के पूर्व प्रधानमंत्री एहुद बराक ने स्वीकार किया है उनके देश के पास परमाणु हथियार हैं। ये पहली बार है, जब इजराइल के किसी बड़े नेता ने देश के पास न्यूक्लियर वेपन होने की बात मानी है। अपने ट्विटर अकाउंट पर उन्होंने लिखा, अगर इजराइल में तानाशाही आती है तो इसका असर अरब वर्ल्ड और इजराइल के एटमी हथियारों पर भी पड़ेगा। हालांकि बाद में उन्होंने ट्वीट डिलीट कर दिया।

इजराइल ने कभी पब्लिक प्लेटफॉर्म पर न तो यह कबूल किया कि उसके पास परमाणु हथियार हैं, और न ही इससे इनकार किया है। अगर इजराइल ये मान लेता है कि उसके पास एटमी हथियार हैं तो उसे नॉन प्रोलिफिरेशन ट्रीटी या NPT (परमाणु अप्रसार संधि) पर सिग्नेचर करने पड़ेंगे। इसके साथ ही अपनी न्यूक्लियर फेसिलिटीज (एटमी ठिकाने) इंटरनेशनल इंस्पेक्शन के लिए भी खोलने पड़ेंगे।

चर्च में प्रचारक लोगों को विदेश भेजने का झांसा देकर थमाता था फर्जी वीजा, IGI पुलिस ने 3 एजेंट को हैदराबाद से किया गिरफ्तार

नवीन निश्चल, नई दिल्ली विदेश जाकर वहां नौकरी और बसने की लालसा रखने वालों को ठगी का शिकार बनाने वाले एक गिरोह का दिल्ली की आईजीआई एयरपोर्ट पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। पुलिस ने गिरोह के तीन एजेंट को गिरफ्तार किया है, जो हैदराबाद में रहकर ऐसे लोगों को ट्रैप कर ठगते थे। इस गिरोह का एक सदस्य हैदराबाद के स्थानीय चर्च में धर्म प्रचारक भी है। अपने इस काम के दौरान भी लोगों का अपने पर उनके विश्वास का फायदा उठा उनके साथ फर्जीवाड़ा किया करता था। ये आरोपी उनसे रुपये लेकर उन्हें यूरोपीय देशों के फर्जी वीजा लगे स्टीकर दे देता था। पुलिस ने हैदराबाद में छापेमारी कर 60 वर्षीय एंथोनी पैट्रिक उर्फ ब्रो पैट्रिक, 44 वर्षीय सेबस्टियन मारियो और 49 वर्षीय डोमिनिक जोसेफ को गिरफ्तार किया है। एंथोनी पैट्रिक धर्म प्रचारक का काम करता है। इससे पहले 2021 में इनके द्वारा फर्जी वीजा दिए गए चार लोग सुमन चंद्र बॉन्डुगुला, मिक्की एंटनी मार्टिन, श्रीकांत रेड्डी सीलम और थम्बी जोसेफ सेलवनायगम को उस दिल्ली एयरपोर्ट समय इमिग्रेशन ने पकड़ा था जब वे चेक गणराज्य के फर्जी वीजा स्टीकर लगे हुए पासपोर्ट लेकर कोलंबो जाने के लिए आईजीआई एयरपोर्ट पहुंचे थे।

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