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सत्याग्रहियों को अर्बन नक्सली कहना , तानाशाही मनोवृति : अजय खरे

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प्रधानमंत्री मोदी का गुजरात के मुख्यमंत्री की तरह का बयान स्तरहीन सोच

रीवा । विंध्यांचल जन आंदोलन के नेता अजय खरे ने कहा है कि गुजरात के भरूच जिले में बने सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई कम कराने को लेकर सत्याग्रह करने वालों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा विकास विरोधी और अर्बन नक्सली कहा जाना सही नहीं है । यह तानाशाही मनोवृति है । श्री खरे ने बताया कि इस बांध की आधारशिला भारत के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 5 अप्रैल सन 1961 में रखी थी। बांध की ऊंचाई में वृद्धि होने के कारण डूब प्रभावित लोगों के द्वारा इसका विरोध बढ़ता गया । एक जगह विकास और दूसरी तरफ विनाश का दृश्य निश्चित रूप से आपत्तिजनक है।

सरदार सरोवर बांध को करीब 138 मीटर की अधिकतम ऊंचाई तक भरे जाने से आने वाली डूब के कारण मध्यप्रदेश के कई जिलों के सैकड़ों गांवों के करीब 40,000 परिवार प्रभावित हैं. सूबे में बांध विस्थापितों के लिये सही तरीके की व्यवस्था अभी तक नहीं बन पाई है। किसी प्रदेश के विकास के लिए दूसरे प्रदेश के लोगों को अंतहीन विस्थापन की स्थिति में छोड़ा जाना सही नहीं है। गुजरात का विकास होना चाहिए लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि उसके बदले में मध्यप्रदेश में बड़े पैमाने पर गरीब आदिवासी तबके के लोगों को उजाड़ कर उनके उचित पुनर्वास की व्यवस्था की अनदेखी की जाए । क्या प्रधानमंत्री मोदी को सरदार सरोवर बांध का उद्घाटन करते वक़्त मध्य प्रदेश के विस्थापितों की कभी याद आई? मध्य प्रदेश के विंध्य क्षेत्र से निकलने वाली नर्मदा नदी लंबा सफर तय करते हुए गुजरात राज्य की खंभात की खाड़ी में विसर्जित होती है। नर्मदा भौगोलिक दृष्टि से मध्यप्रदेश में अधिक बहती है लेकिन उसका सबसे अधिक लाभ गुजरात को मिला है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गुजरात के विकास की चिंता है लेकिन मध्यप्रदेश के विनाश को लेकर उनकी ज़रा भी हमदर्दी नजर नहीं आती है। यह काफी तकलीफदेह बात है कि बांध के डूब क्षेत्र के चलते मध्य प्रदेश के विस्थापितों आदिवासियों के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कोई भी सहानुभूति नहीं है । श्री खरे ने कहा कि नरेंद्र मोदी इस समय गुजरात के मुख्यमंत्री नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री हैं लेकिन उनके द्वारा बांध की ऊंचाई को लेकर सत्याग्रह करने वालों को जिस तरह विकास विरोधी बताया जा रहा है , वह काफी स्तरहीन , आपत्तिजनक एवं निंदनीय बात है । विंध्यांचल जन आंदोलन के नेता अजय खरे ने कहा कि नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध परियोजना का लाभ गुजरात को मिल रहा है यह अच्छी बात है , लेकिन इसके बदले में मध्यप्रदेश के लाखों लोगों को इसकी सजा मिले क्या यह भी न्याय है ? मध्य प्रदेश के लोगों के सत्याग्रह को अर्बन नक्सली कहकर लाखों पीड़ितों की सच्चाई को दफन नहीं किया जा सकता है ।

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